अवधेश पुरोहित @ toc News
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के नेता अक्सर भारतीय संस्कृति की दुहाई देते नजर आते हैं और उसी रक्षा के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन आस्था के पर्व सिंहस्थ के दौरान जिस तरह से इसके प्रचार में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए यही नहीं इस प्रचार से यह लगा कि यह सिंहस्थ का प्रचार नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कोई मेगा शो है और इस तरह के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चित्रों के साथ किये गये इस तरह के सिंहस्थ के प्रचार के कारण प्रदेश और देश के धर्मावलम्बियों में जो सिंहस्थ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी उसका ही कारण है कि पहले शाही स्नान में दशनार्थियों की भीड़ कम रही हालांकि आज दूसरे शाही स्नान के दौरान सिंहस्थ में जो भीड़ उमड़ी उस भीड़ में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश से लाये गये वह श्रद्धालु भी हैं
जिनको यह भाजपा के नेता यहां डुबकी लगाने ले आए हैं ऐसे ही एक सिंहस्थ में डुबकी लगाने की एक टीम की विदाई रीवा में जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दी। इससे ही यह पता चलता है कि दूसरे शाही स्नान के लिये पूरे मध्यप्रदेश से भाजपा के कार्यकर्ताओं क ो श्रद्धालुओं को लाने का जो निर्देश दिया गया था उसका पालन भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने भली भांति किया, यह अलग बात है कि सत्ता और संगठन में बैठे लोगों के बार-बार अपने कार्यकर्ताओं के यह आग्रह करने के बाद भी इन कार्यकर्ताओं ने सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार आम जन तक पहुंचाने में अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई लेकिन सिंहस्थ में दूसरे शाही स्नान के दौरान बड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि भाजपा के नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं के निर्देश को माना, यह स्थिति इसलिये बनी कि सरकार के द्वारा इस सिंहस्थ को हाईटेक करने की दृष्टि से जो सिंहस्थ के प्रचार-प्रसार किया गया था उससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी और उसके चलते आम श्रद्धालुओं में सिंहस्थ के प्रति लगाव नहीं रहा।
हालांकि संघ के वरिष्ठ नेता व भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा पर भी तीखे कटाक्ष करते हुए कहा कि सिंहस्थ एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव है लेकिन इस पर भी राजनीति कब्जे का प्रयास होने लगा है यहां नेताओं के इतने फोटो लगाए गए कि मानों यह कोई राजनैतिक कार्यक्रम हो, मुख्यमंत्री से लेकर हर नेता अपना फोटो लगाकर सिंहस्थ में आने का निमंत्रण दे रहा है, जबकि लोग यहां अपनी आस्था के कारण आते हैं, न कि सरकार के बुलावे पर, इस बार इस सिंहस्थ को लेकर जिस तरह की तैयारी की गई वह आस्था और धार्मिक आयोजनों के मामले में ठीक नहीं है जिसकी लोगों द्वारा आलोचना की जा रही है।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के नेता अक्सर भारतीय संस्कृति की दुहाई देते नजर आते हैं और उसी रक्षा के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन आस्था के पर्व सिंहस्थ के दौरान जिस तरह से इसके प्रचार में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए यही नहीं इस प्रचार से यह लगा कि यह सिंहस्थ का प्रचार नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कोई मेगा शो है और इस तरह के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चित्रों के साथ किये गये इस तरह के सिंहस्थ के प्रचार के कारण प्रदेश और देश के धर्मावलम्बियों में जो सिंहस्थ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी उसका ही कारण है कि पहले शाही स्नान में दशनार्थियों की भीड़ कम रही हालांकि आज दूसरे शाही स्नान के दौरान सिंहस्थ में जो भीड़ उमड़ी उस भीड़ में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पूरे प्रदेश से लाये गये वह श्रद्धालु भी हैं
जिनको यह भाजपा के नेता यहां डुबकी लगाने ले आए हैं ऐसे ही एक सिंहस्थ में डुबकी लगाने की एक टीम की विदाई रीवा में जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने दी। इससे ही यह पता चलता है कि दूसरे शाही स्नान के लिये पूरे मध्यप्रदेश से भाजपा के कार्यकर्ताओं क ो श्रद्धालुओं को लाने का जो निर्देश दिया गया था उसका पालन भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने भली भांति किया, यह अलग बात है कि सत्ता और संगठन में बैठे लोगों के बार-बार अपने कार्यकर्ताओं के यह आग्रह करने के बाद भी इन कार्यकर्ताओं ने सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार आम जन तक पहुंचाने में अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई लेकिन सिंहस्थ में दूसरे शाही स्नान के दौरान बड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि भाजपा के नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं के निर्देश को माना, यह स्थिति इसलिये बनी कि सरकार के द्वारा इस सिंहस्थ को हाईटेक करने की दृष्टि से जो सिंहस्थ के प्रचार-प्रसार किया गया था उससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनी और उसके चलते आम श्रद्धालुओं में सिंहस्थ के प्रति लगाव नहीं रहा।
हालांकि संघ के वरिष्ठ नेता व भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा पर भी तीखे कटाक्ष करते हुए कहा कि सिंहस्थ एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव है लेकिन इस पर भी राजनीति कब्जे का प्रयास होने लगा है यहां नेताओं के इतने फोटो लगाए गए कि मानों यह कोई राजनैतिक कार्यक्रम हो, मुख्यमंत्री से लेकर हर नेता अपना फोटो लगाकर सिंहस्थ में आने का निमंत्रण दे रहा है, जबकि लोग यहां अपनी आस्था के कारण आते हैं, न कि सरकार के बुलावे पर, इस बार इस सिंहस्थ को लेकर जिस तरह की तैयारी की गई वह आस्था और धार्मिक आयोजनों के मामले में ठीक नहीं है जिसकी लोगों द्वारा आलोचना की जा रही है।
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