अवधेश पुुरोहित @ toc news
भोपाल। सिंहस्थ की तैयारी को लेकर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश सरकार की जमकर पीठ थपथपाई तो अपने भाषण के दौरान यह सवाल खड़े किए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वह क्षमता है कि दोपहर तक यहां आंधी और तूफान से बर्बाद हुई व्यवस्था को शाम तक ठीक करने का महारथ तो इसी सरकार में है। यही नहीं उन्होंने सिंहस्थ को हाईटेक करने और उसके प्रचार-प्रसार को लेकर भी तमाम सवाल खड़े करते हुए कहा कि सिंहस्थ में आमंत्रण की जरूरत नहीं पड़ती, यही नहीं मोदी के पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सिंहस्थ की तैयारियों में चल रही धांधलियों और गड़बडिय़ों क ो लेकर यह सवाल खड़े किए थे कि सिंहस्थ में आने के लिए निमंत्रण की जरूरत नहीं है इस आस्था के पर्व में लोग स्वैच्छा से बाते हैं यही नहीं उन्होंने व्यवस्था को लेकर यह कहते हुए कि सिंहस्थ की व्यवस्था तो ईश्वर स्वयं करते हैं। इन भाजपा के दोनों नेताओं के इस तरह के बयान के बाद और सिंहस्थ्ज्ञ समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद सिंहस्थ की तैयारियों के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदी गई स्वास्थ्य सामग्री के लिए पांच करोड़ की बजाए ६० करोड़ में खरीदी किये जाने को लेकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब अकेले स्वास्थ्य विभाग में पांच करोड़ की स्वास्थ्य सामग्री खरीदेने की एवज में ६० करोड़ में खरीदी की गई तो बाकी विभागों की स्थिति क्या होगी। हालांकि जिस स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सामग्री खरीदी करने में ६० करोड़ खर्च किए उसी स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा इस सिंहस्थ के दौरान केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती की तबीयत खराब हो गई तो स्वास्थ्य शिविर के पास उनको दी जाने वाली दवाएं तक उनकी किट में मौजूद नहीं थीं, यह दवाएं मेडिकल स्टोर से खरदकर उपलब्ध कराई गई मजं की बात यह है कि उमा भारती को खासंी का सिरप भी समय पर उपलब्ध नहीं करा पाए। इस घटना को लेकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब वीआईपी के मामले में यह हादसा तो आम जनता के साथ क्या होगा यह वही भुक्तभोगी जानता है। हालांकि सिंहस्थ की तैयारी के दौरान तमाम गड़बडिय़ों के आरोप समय-समय पर खुलासा होते रहे हैं इन्हीं खुलासों में साढ़े सात सौ रुपए में खरीदी का भी मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह ने उठाया था, वैसे इस हाईटेक सिंहथ्स की तैयारियों के दोरान गड़बडिय़ों और घोटालों को लेकर नित्य नये-नये खुलासे हानेे क ी उम्मीद है तो वहीें लोग यह संभावना व्यक्त करते नजर आ रहे हैं कि पिछले सिंहस्थ के दौरान एक एसी स्तर के अधिकारी के यहां जब सिंहस्थ के बाद छापे की कार्रवाई की गई तो उसके यहां सोने की ईंट तक किनली थी। अब देखना यह है कि इस सिंहसथ्ज्ञ के समापन के बाद किस -किसके यहां क्या क्या निकलता है यह भगवान महाकाल जाने लेकिन गन सिंहस्थ की तैयारियों और गड़बडिय़ों को लेकर तरह-की चर्चाचाएं व्याप्त हैं तो लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस नारे का हवाला देते हुए कि ना खाएंगे और न खाने देंगे का नारा देते हुए यह कहते नजर आ रहे हैं कि वह सिंहस्थ की तैयार से लेकर समापन तक हुए निर्माण और व्यवस्थाओं पर किए गए खर्च की एक निष्पख एजेंसी से जांच करा लें तो प ता चल जाएगा कि धर्म के नाम पर क्या-क्या गड़बडिय़ां की गई हैं हालांकि कुछ संस्थाओं द्वारा औरा लोगों द्वारा सिंहस्थ की तैयारी को लेकर जो स्तावेज और वीडियो बनाकर अपने पास संजोकर रखे हुए हैं, नका भी खुदासा लगता है धीरे-धीरे होता नजर आएगा एक ओर जहां सिंहसथ की तैयारी में हुई गड़बडिय़ों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्यापत हैं तो वहीं लोग सिंहस्थ के दौरान बार-बार मुख्यमंत्री का सपत्नी उज्जैन पहुंचे को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चटकारे लेते करते नजर आ रहे हैं। मामला जो भी हो लेकिन सिंहस्थ के दौरान कुछ न कुछ तो गड़बडिय़ां हुई हैं और उनकी जांच किए जाने की भी लोग आवश्यकता बताते नजर आ रहे हैं।
भोपाल। सिंहस्थ की तैयारी को लेकर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश सरकार की जमकर पीठ थपथपाई तो अपने भाषण के दौरान यह सवाल खड़े किए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वह क्षमता है कि दोपहर तक यहां आंधी और तूफान से बर्बाद हुई व्यवस्था को शाम तक ठीक करने का महारथ तो इसी सरकार में है। यही नहीं उन्होंने सिंहस्थ को हाईटेक करने और उसके प्रचार-प्रसार को लेकर भी तमाम सवाल खड़े करते हुए कहा कि सिंहस्थ में आमंत्रण की जरूरत नहीं पड़ती, यही नहीं मोदी के पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सिंहस्थ की तैयारियों में चल रही धांधलियों और गड़बडिय़ों क ो लेकर यह सवाल खड़े किए थे कि सिंहस्थ में आने के लिए निमंत्रण की जरूरत नहीं है इस आस्था के पर्व में लोग स्वैच्छा से बाते हैं यही नहीं उन्होंने व्यवस्था को लेकर यह कहते हुए कि सिंहस्थ की व्यवस्था तो ईश्वर स्वयं करते हैं। इन भाजपा के दोनों नेताओं के इस तरह के बयान के बाद और सिंहस्थ्ज्ञ समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद सिंहस्थ की तैयारियों के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदी गई स्वास्थ्य सामग्री के लिए पांच करोड़ की बजाए ६० करोड़ में खरीदी किये जाने को लेकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब अकेले स्वास्थ्य विभाग में पांच करोड़ की स्वास्थ्य सामग्री खरीदेने की एवज में ६० करोड़ में खरीदी की गई तो बाकी विभागों की स्थिति क्या होगी। हालांकि जिस स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सामग्री खरीदी करने में ६० करोड़ खर्च किए उसी स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा इस सिंहस्थ के दौरान केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती की तबीयत खराब हो गई तो स्वास्थ्य शिविर के पास उनको दी जाने वाली दवाएं तक उनकी किट में मौजूद नहीं थीं, यह दवाएं मेडिकल स्टोर से खरदकर उपलब्ध कराई गई मजं की बात यह है कि उमा भारती को खासंी का सिरप भी समय पर उपलब्ध नहीं करा पाए। इस घटना को लेकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब वीआईपी के मामले में यह हादसा तो आम जनता के साथ क्या होगा यह वही भुक्तभोगी जानता है। हालांकि सिंहस्थ की तैयारी के दौरान तमाम गड़बडिय़ों के आरोप समय-समय पर खुलासा होते रहे हैं इन्हीं खुलासों में साढ़े सात सौ रुपए में खरीदी का भी मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह ने उठाया था, वैसे इस हाईटेक सिंहथ्स की तैयारियों के दोरान गड़बडिय़ों और घोटालों को लेकर नित्य नये-नये खुलासे हानेे क ी उम्मीद है तो वहीें लोग यह संभावना व्यक्त करते नजर आ रहे हैं कि पिछले सिंहस्थ के दौरान एक एसी स्तर के अधिकारी के यहां जब सिंहस्थ के बाद छापे की कार्रवाई की गई तो उसके यहां सोने की ईंट तक किनली थी। अब देखना यह है कि इस सिंहसथ्ज्ञ के समापन के बाद किस -किसके यहां क्या क्या निकलता है यह भगवान महाकाल जाने लेकिन गन सिंहस्थ की तैयारियों और गड़बडिय़ों को लेकर तरह-की चर्चाचाएं व्याप्त हैं तो लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस नारे का हवाला देते हुए कि ना खाएंगे और न खाने देंगे का नारा देते हुए यह कहते नजर आ रहे हैं कि वह सिंहस्थ की तैयार से लेकर समापन तक हुए निर्माण और व्यवस्थाओं पर किए गए खर्च की एक निष्पख एजेंसी से जांच करा लें तो प ता चल जाएगा कि धर्म के नाम पर क्या-क्या गड़बडिय़ां की गई हैं हालांकि कुछ संस्थाओं द्वारा औरा लोगों द्वारा सिंहस्थ की तैयारी को लेकर जो स्तावेज और वीडियो बनाकर अपने पास संजोकर रखे हुए हैं, नका भी खुदासा लगता है धीरे-धीरे होता नजर आएगा एक ओर जहां सिंहसथ की तैयारी में हुई गड़बडिय़ों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्यापत हैं तो वहीं लोग सिंहस्थ के दौरान बार-बार मुख्यमंत्री का सपत्नी उज्जैन पहुंचे को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चटकारे लेते करते नजर आ रहे हैं। मामला जो भी हो लेकिन सिंहस्थ के दौरान कुछ न कुछ तो गड़बडिय़ां हुई हैं और उनकी जांच किए जाने की भी लोग आवश्यकता बताते नजर आ रहे हैं।
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