पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
Present by _ Toc News
ब्यावरा । राजगढ़ जिले की पुलिस को भी अब अपडेट होना होगा । यहाँ आनलाइन व्यापार वायदा व्यापार के नाम पर जमकर खाईवाली का व्यापार चल रहा है । दरअसल वायदा व्यापार एक शासन द्वारा स्वीकृत आनलाइन व्यापार है लेकिन राजगढ़ जिले की पुलिस आईटी में एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से वायदा की आड़ में खाईवाली का धंधा जमकर चल रहा है । दरअसल कमोडिटी वायदा कारोबार के लिए वायदा बाजार आयोग यानी की एफएमसी ने देश में तक़रीबन 25एक्सचेंज को अनुमति दी है लेकिन अधिकतर कारोबार में सिर्फ दो एक्सचेंज एनसीडीएक्स एवं एमसीएक्स में ही कारोबार होता है ।
ब्यावरा में चल रही खाईवाली
राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में वायदा की आड़ में खाईवाली का व्यापार चल रहा है । पीपल चोराहे पर कभी मुमफली खाकर पेट भरने वाला व्यक्ति करोड़पति बनकर वायदा की आड़ में लूट रहा है । पुलिस अभी आईटी में मास्टर नहीं है इसी का फायदा उठाकर सेबी द्वारा जारी एक फर्जी लायसेंस बता रहा है । जबकि वायदा व्यापार करने के लिए कमोडिटी एक्सचेंज मुम्बई से लायसेंस लेना होता है । वहीँ वायदा व्यवसाय में प्रत्येक ग्राहक की एक आईडी जारी होती है जिसके माध्यम से ग्राहक खुद वस्तुओं की खरीदी बिक्री आनलाइन कर सकता है । लेकिन उक्त पीपल चोराहे का सटोरिया पेन्सिल से लिखकर पटिए पर व्यापार कर रहा है । जिसकी वजह से कई व्यापारी धोका खा कर बरबाद हो चुके है ।
इन बातों का रखे ध्यान
अगर आपको वायदा व्यापार करना है तो सबसे पहले ब्रोकर की साख देखना जरुरी है अन्यथा ब्रोकर आपको चूना लगा सकता है । नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है इस जरुर पढ़ें ।
जोखिम को पहचाने
कारोबार के इस सामान्य नियम को हमेशा ध्यान में रखें और अपनी जोखिम सहन करने की ताकत को भूले नहीं। आप कितना नुकसान सहन कर सकते हैं या नुकसान को कैरी फारवर्ड कर कितने महीने तक वायदा सौदे खड़े रख सकते हैं। हाजिर व वायदा भाव के बीच अंतर, डिलीवरी समय की अवधि, लाभ व हानि के प्रतिशत को हमेशा ध्यान में रखें। सौदे में कितना मुनाफा कमाना है या कितना नुकसान उठा सकते हैं, पर भी नजर रखें। रणनीति ऐसी बनाए जिसमें कम से कम पूंजी निवेश कर अधिक से अधिक से लाभ कमाया जा सके। कारोबार में टिकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है हरेक परिस्थिति में बने रहने के लिए मजबूत मनोबल का होना। लाभ हानि की सीमा तय करें और एक्सचेंज के नियमों को गहराई से जानें। आपके पास इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि एक्सचेंज में कमोडिटी का लेनदेन कैसे होता है या होगा। अपने कांट्रैक्ट की कीमत जानें। एक कांट्रैक्ट में मार्जिन कितना लगेगा। कांट्रैक्ट की सीमा तय करें। अपने कांट्रैक्ट के महत्व को समझे। एक्सचेंज कितनी मात्रा में बंधन लगाता है और इस पर कितना कर लगेगा, कि गणना जरुर कर लें। डिलीवरी की व्याख्या को समझें। साथ ही यह जाने कि भाव कैसे तय होते हैं। डिलीवरी कितने दिन में और किस दिन करनी है व सेटलमेंट की तारीख की जानकारी पहले से ही रखें।
ब्रोकर
आपके ब्रोकर की बाजार में कैसी साख है, उसकी वित्तीय स्थिति कैसी है, डिलीवरी के समय सतर्क होकर काम करता है या नहीं। ब्रोकर को कारोबार का कितना अनुभव है। ब्रोकर कितने समय से इस कारोबार में है। ब्रोकर एक्सचेंज में रजिस्टर सदस्य है या नहीं। क्या ब्रोकर केवल ग्राहकों के लिए कारोबार करता है या फिर खुद का कारोबार कर सौदे खड़े रखता है इसकी भी जानकारी रखें। ब्रोकर मार्जिन के पैसे सही समय पर एक्सचेंज को देता है या नहीं। ब्रोकर कितनी दलाली लेता है। क्या आपका ब्रोकर कारोबार की आपकी सभी जरुरतें पूरी कर सकता है या नहीं। वह आपको हरेक सर्विस दे सकने की बुनियादी सुविधाएं रखता है या नहीं। हरेक सौदे के बाद ब्रोकर के साथ निरंतर बातचीत करते रहे और महत्वपूर्ण टिप्पणियों को लिखते रहे। ब्रोकर आपको कितना भी कहे लेकिन अपने कारोबार को एक सीमा में ही रखें। यह आप खुद तय करें कि आप लंबी अवधि का खेल खेलना चाहते हैं या अल्प अवधि का। अनुभवी कारोबारियों की बातों को ध्यान से सुनें और उनके सम्पर्क में रहें।
स्टॉपलॉस और लाभ
वायदा कारोबार करते समय स्टॉपलॉस और लाभ की सीमा भी तय कर लें। आप जब पूरे विश्वास के साथ कारोबार करने की शक्ति पा ले तभी कारोबार में हाथ डाले। एक बात साफ समझ लें कि बाजार सर्वोपरि है और उसकी चाल व गति को पहचानें। हरेक कांट्रैक्ट को स्टॉपलॉस से बांधे और वित्तीय मर्यादा में खेलें व कारोबार करे। कारोबार में औसत यानी एवरेज लाने के लिए नया नया कारोबार न करे और हरेक कांट्रैक्ट को अलग अलग रखे। एवरेज हानि को इकटठा करने पर आखिर में भारी झटका लगता है और आपकी हिम्मत को तोड़ता है। इस वजह से एवरेज का खेल कारोबार में नहीं करे। अपनी वित्तीय सीमा से ज्यादा का कारोबार नहीं करे। मार्जिन के लिए अपनी पूंजी का 40/50 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व के रुप में सुरक्षित रखें। क्योंकि बाजार में जब भारी उतार चढ़ाव होता है या संकट पैदा होता है तो यही पूंजी आपके काम आती है और आपको मुसीबत से बाहर निकालती है। अंत में अपने पर संयम रखकर कारोबार करे। किसी के कहने या बाजार में चल रही अफवाहों के आधार पर कारोबार नहीं करे। बाजार की गतिविधियों पर नजर रखकर कारोबार करे। खूब संयम रखें, धैर्य रखें और संकट के समय घबराएं बगैर जो निर्णय किए उनकी समीक्षा करते रहे और स्वस्थतापूर्वक हरेक पक्ष को जानकर सौदे खड़े रखें या उन्हें काट दें। लगातार अपने किए सौदों की लगातार समीक्षा करे। जो भूल दिखें उन्हें सुधारे। इस तरह स्वयं समीक्षा की प्रणाली से आपको अधिक आत्मविश्वास मिलेगा और वायदा बाजार में सफल बनने के अवसर मिलेंगे। पुराने अनुभव, भूलों का अवलोकन करने से नई बाजी खेलने का सही ज्ञान मिलेगा। अपने से भिन्न मत का भी आदर करे।
Present by _ Toc News
ब्यावरा । राजगढ़ जिले की पुलिस को भी अब अपडेट होना होगा । यहाँ आनलाइन व्यापार वायदा व्यापार के नाम पर जमकर खाईवाली का व्यापार चल रहा है । दरअसल वायदा व्यापार एक शासन द्वारा स्वीकृत आनलाइन व्यापार है लेकिन राजगढ़ जिले की पुलिस आईटी में एक्सपर्ट नहीं होने की वजह से वायदा की आड़ में खाईवाली का धंधा जमकर चल रहा है । दरअसल कमोडिटी वायदा कारोबार के लिए वायदा बाजार आयोग यानी की एफएमसी ने देश में तक़रीबन 25एक्सचेंज को अनुमति दी है लेकिन अधिकतर कारोबार में सिर्फ दो एक्सचेंज एनसीडीएक्स एवं एमसीएक्स में ही कारोबार होता है ।
ब्यावरा में चल रही खाईवाली
राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर में वायदा की आड़ में खाईवाली का व्यापार चल रहा है । पीपल चोराहे पर कभी मुमफली खाकर पेट भरने वाला व्यक्ति करोड़पति बनकर वायदा की आड़ में लूट रहा है । पुलिस अभी आईटी में मास्टर नहीं है इसी का फायदा उठाकर सेबी द्वारा जारी एक फर्जी लायसेंस बता रहा है । जबकि वायदा व्यापार करने के लिए कमोडिटी एक्सचेंज मुम्बई से लायसेंस लेना होता है । वहीँ वायदा व्यवसाय में प्रत्येक ग्राहक की एक आईडी जारी होती है जिसके माध्यम से ग्राहक खुद वस्तुओं की खरीदी बिक्री आनलाइन कर सकता है । लेकिन उक्त पीपल चोराहे का सटोरिया पेन्सिल से लिखकर पटिए पर व्यापार कर रहा है । जिसकी वजह से कई व्यापारी धोका खा कर बरबाद हो चुके है ।
इन बातों का रखे ध्यान
अगर आपको वायदा व्यापार करना है तो सबसे पहले ब्रोकर की साख देखना जरुरी है अन्यथा ब्रोकर आपको चूना लगा सकता है । नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है इस जरुर पढ़ें ।
जोखिम को पहचाने
कारोबार के इस सामान्य नियम को हमेशा ध्यान में रखें और अपनी जोखिम सहन करने की ताकत को भूले नहीं। आप कितना नुकसान सहन कर सकते हैं या नुकसान को कैरी फारवर्ड कर कितने महीने तक वायदा सौदे खड़े रख सकते हैं। हाजिर व वायदा भाव के बीच अंतर, डिलीवरी समय की अवधि, लाभ व हानि के प्रतिशत को हमेशा ध्यान में रखें। सौदे में कितना मुनाफा कमाना है या कितना नुकसान उठा सकते हैं, पर भी नजर रखें। रणनीति ऐसी बनाए जिसमें कम से कम पूंजी निवेश कर अधिक से अधिक से लाभ कमाया जा सके। कारोबार में टिकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है हरेक परिस्थिति में बने रहने के लिए मजबूत मनोबल का होना। लाभ हानि की सीमा तय करें और एक्सचेंज के नियमों को गहराई से जानें। आपके पास इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि एक्सचेंज में कमोडिटी का लेनदेन कैसे होता है या होगा। अपने कांट्रैक्ट की कीमत जानें। एक कांट्रैक्ट में मार्जिन कितना लगेगा। कांट्रैक्ट की सीमा तय करें। अपने कांट्रैक्ट के महत्व को समझे। एक्सचेंज कितनी मात्रा में बंधन लगाता है और इस पर कितना कर लगेगा, कि गणना जरुर कर लें। डिलीवरी की व्याख्या को समझें। साथ ही यह जाने कि भाव कैसे तय होते हैं। डिलीवरी कितने दिन में और किस दिन करनी है व सेटलमेंट की तारीख की जानकारी पहले से ही रखें।
ब्रोकर
आपके ब्रोकर की बाजार में कैसी साख है, उसकी वित्तीय स्थिति कैसी है, डिलीवरी के समय सतर्क होकर काम करता है या नहीं। ब्रोकर को कारोबार का कितना अनुभव है। ब्रोकर कितने समय से इस कारोबार में है। ब्रोकर एक्सचेंज में रजिस्टर सदस्य है या नहीं। क्या ब्रोकर केवल ग्राहकों के लिए कारोबार करता है या फिर खुद का कारोबार कर सौदे खड़े रखता है इसकी भी जानकारी रखें। ब्रोकर मार्जिन के पैसे सही समय पर एक्सचेंज को देता है या नहीं। ब्रोकर कितनी दलाली लेता है। क्या आपका ब्रोकर कारोबार की आपकी सभी जरुरतें पूरी कर सकता है या नहीं। वह आपको हरेक सर्विस दे सकने की बुनियादी सुविधाएं रखता है या नहीं। हरेक सौदे के बाद ब्रोकर के साथ निरंतर बातचीत करते रहे और महत्वपूर्ण टिप्पणियों को लिखते रहे। ब्रोकर आपको कितना भी कहे लेकिन अपने कारोबार को एक सीमा में ही रखें। यह आप खुद तय करें कि आप लंबी अवधि का खेल खेलना चाहते हैं या अल्प अवधि का। अनुभवी कारोबारियों की बातों को ध्यान से सुनें और उनके सम्पर्क में रहें।
स्टॉपलॉस और लाभ
वायदा कारोबार करते समय स्टॉपलॉस और लाभ की सीमा भी तय कर लें। आप जब पूरे विश्वास के साथ कारोबार करने की शक्ति पा ले तभी कारोबार में हाथ डाले। एक बात साफ समझ लें कि बाजार सर्वोपरि है और उसकी चाल व गति को पहचानें। हरेक कांट्रैक्ट को स्टॉपलॉस से बांधे और वित्तीय मर्यादा में खेलें व कारोबार करे। कारोबार में औसत यानी एवरेज लाने के लिए नया नया कारोबार न करे और हरेक कांट्रैक्ट को अलग अलग रखे। एवरेज हानि को इकटठा करने पर आखिर में भारी झटका लगता है और आपकी हिम्मत को तोड़ता है। इस वजह से एवरेज का खेल कारोबार में नहीं करे। अपनी वित्तीय सीमा से ज्यादा का कारोबार नहीं करे। मार्जिन के लिए अपनी पूंजी का 40/50 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व के रुप में सुरक्षित रखें। क्योंकि बाजार में जब भारी उतार चढ़ाव होता है या संकट पैदा होता है तो यही पूंजी आपके काम आती है और आपको मुसीबत से बाहर निकालती है। अंत में अपने पर संयम रखकर कारोबार करे। किसी के कहने या बाजार में चल रही अफवाहों के आधार पर कारोबार नहीं करे। बाजार की गतिविधियों पर नजर रखकर कारोबार करे। खूब संयम रखें, धैर्य रखें और संकट के समय घबराएं बगैर जो निर्णय किए उनकी समीक्षा करते रहे और स्वस्थतापूर्वक हरेक पक्ष को जानकर सौदे खड़े रखें या उन्हें काट दें। लगातार अपने किए सौदों की लगातार समीक्षा करे। जो भूल दिखें उन्हें सुधारे। इस तरह स्वयं समीक्षा की प्रणाली से आपको अधिक आत्मविश्वास मिलेगा और वायदा बाजार में सफल बनने के अवसर मिलेंगे। पुराने अनुभव, भूलों का अवलोकन करने से नई बाजी खेलने का सही ज्ञान मिलेगा। अपने से भिन्न मत का भी आदर करे।
No comments:
Post a Comment