Wednesday, May 25, 2016

करोड़ों खर्च करने के बाद नहीं मिट रहा कुपोषण का कलंक

अवधेश पुुरोहित @ toc news
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल के दौरान प्रदेश पर लगे कुपोषण के कलंक को यह सरकार मिटा पाने में असफल सी साबित होती नजर आ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य पर्यवेक्षण के तहत १७ राज्यों के आंकड़े जारी किए गए उसमें कुपोषण के मामले में मध्यप्रदेश दूसरे नम्बर पर है, सर्वे के अनुसार बिहार पहले नम्बर पर है जहां पर करीब ४३ फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जबकि ४२.८ प्रतिशत आंकड़े के साथ मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है, मजे की बात यह है कि इस कुपोषण के कलंक को मिटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए और रोज नई नई योजनायें इससे मुक्ति पाने के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई, लेकिन उसके नतीजे शून्य ही नजर आ रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार कुपोषण को लेकर तरह-तरह के दावे करती नजर आती है।

यूं तो पूरा राज्य कुपोषण की चपेट में है लेकिन जिस विदिशा जिले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना जिला बताते हैं और यहां से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इस जिले में पांच साल तक के ४० फीसद बच्चे कुपोषण के शिकार हैं तो वहीं ३७ प्रतिशत ठिगने हैं, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-चार ने जो आंकड़े जारी किए हैं वह चौंका देने वाले तो हैं ही तो वहीं इस सरकार के कुपोषण के मामले में किये जा रहे बड़े-बड़े दावों की भी पोल खुलती नजर आ रही है। सर्वे के अनुसार विदिशा जिले में करीब ३६.७ प्रतिशत बच्चों को ही जन्म के तुरंत बाद मां का दूध मिल पाता है बच्चों में कुपोषण होने के कई कारण हो सकते हैं, गर्भवती महिला को यदि भरपूर पोषण नहीं मिला तो उसका सीधा असर जन्म लेने वाले बच्चे पर पड़ता है,

साथ ही जन्म के तुरंत बाद मां का दूध नहीं मिला तो नवजात में कुपोषण की संभावना अधिक बड़ जाती है ऐसा देखा जाए तो प्रदेश के हालत भी काफी अच्छे नहीं है सर्वे में ३७.२ प्रतिशत बच्चे कम वजन के तथा ४२ फीसद बच्चे सर्वेक्षण में ठिगने पाए गए। यूं तो सरकार के दावों के अनुसार जिलों में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद कुपोषण घटने की बजाए बढ़ते नजर आ रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों के हर गांव में आठ से लेकर दस बच्चे कुपोषण का शिकार हैं उसमें बासौदा के शहर के सहरिया आदिवासी का भी एक बड़ा तबका है। इस क्षेत्र के १९ गांवों में यह लोग रहते हैं गरीबी सुविधाओं की कमी के कारण इन परिवारों में कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक रहती है, जागरूकता की कमी के कारण एक ही परिवार में छ: से सात बच्चे होते हैं जिनकी देखरेख न होने के कारण वह कुपोषण की चपेट में आ जाते हैं।

मजे की बात यह है कि राज्य सरकार भले ही लाख दावे करे और सरकार के साथ महिला बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बाद भी महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण २०१२-१३ के अनुसार विदिशा जिले में शिशु मृत्यु दर ६५ है जबकि प्रदेश की ६२ है इसका मतलब यह है कि जिले में जन्म लेने वाले प्रत्येक एक हजार बच्चों में ६५ बच्चों की स्वास्थ्यगत कारणों से मृत्यु हो जाती है विदिशा जिले को मुख्यमंत्री अपना जिला बताते हैं तो वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र की सांसद सुषमा स्वराज हैं इसके बावजूद भी इस जिले की हालत यह है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस जिले में २२९३ आंगनबाड़ी केन्द्र चालू अवस्था में हैं जिनमें कुल ७३ हजार बच्चे दर्ज हैं, इन आंगनबाडिय़ों में बच्चों के पोषण आहार एवं व्यवस्थाओं पर हर साल पचास करोड़ की राशि खर्च की जाती है इसके बावजूद भी जिले में कुपोषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है

जिले के शिशु मृत्यु दर तथा आंगनबाड़ी में दर्ज बच्चों के आधार पर यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी  कि जिले में प्रतिवर्ष ११०५ बच्चों की सिर्फ कुपोषण तथा कुपोषण से संबंधित कारणों से मौत हो जाती है, कुपोषण के लिए चलाए जा रहे तमाम कार्यक्रमों के बाद यदि विदिशा जिले की यह स्थिति है तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के ठेठ आदिवासी जिला झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, जिलों के साथ-साथ अन्य जिलों की क्या स्थिति होगी जबकि विदिशा मुख्यमंत्री का जिला है

यहां यह हालत है तो बाकी जिलों की तो क्या हालत होगी यह कहना मुश्किल है। कुल मिलाकर राज्य में कुपोषण के कलंक मिटाने के लिए लाख दावे किये जा रहे हैं लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है कि इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हों हां यह जरूर है कि कुपोषण के नाम पर करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में तो इस प्रदेश का भगवान ही मालिक है।  

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news