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एसडीएमकार्यालय में गुरुवार को अपने ही सहायक कर्मचारी से रिश्वत लेने के मामले में एलडीसी को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एसीबी ने पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग बनाने के साथ रंग से रंगे नोट आरोपी के हाथ धुलवाने के बाद मिली स्याही को जब्त कर कार्रवाई पूरी कर ली है। एलडीसी ने अपने ही सहायक कर्मचारी से प्रमोशन का लाभ दिए जाने के लिए रिश्वत मांगी थी। इस पर गुरुवार को एसीबी सवाई माधोपुर की टीम ने रंगे हाथों उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार एलडीसी को शुक्रवार को भरतपुर न्यायालय में पेश किया जाएगा। िरश्वत के मामले में गिरफ्तार एलडीसी इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मान हुआ था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम सवाई माधोपुर के एएसपी चंदनदान बारहठ ने बताया कि उनके पास एसडीएम कार्यालय के सहायक कर्मचारी अनिल पारीक ने 7 अक्टूबर को रिपोर्ट दी गई थी। रिपोर्ट में बताया कि 9,18,27 का फिक्सेशन साल 2009 में होना था, लेकिन उसके तीसरी संतान होने के कारण उसका फिक्सेशन पांच साल बाद 2014 में होना था। उसने अपनी सर्विस बुक इसी साल कंपलीट करवाकर फिक्सेशन के लिए कार्यरत कर्मचारी हरगोविंद सिंह को दी।
एलडीसी हरगोविंद ने सहायक कर्मचारी से फिक्सेशन के लिए पांच से छह हजार की रिश्वत मांगी। सहायक कर्मचारी से मिली रिपोर्ट के बाद एसीबी ने गुप्त यंत्र देकर पूरे मामले की रिकॉर्डिंग करवाई। इसमें एलडीसी ने तीन हजार में कार्य पूरा करने की बात कही। इसकी पूरी रिकॉर्डिंग सुनने के बाद गुरुवार को एसीबी के एएसपी चंदनदान बारहठ ने टीम के साथ बरवाड़ा पहुंचकर आरोपी को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार एलडीसी हरगोविंद ने कुछ साल पहले ही सरकारी सेवा में नियुक्ति हुई थी। कार्रवाई में आरोपी के हाथों को धुलवाने पर रंग मिला है। साथ ही तीन हजार की नगदी भी बरामद कर ली गई है। एएसपी एसीबी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस बारे में सभी कार्रवाई कर ली गई है।
एसडीएम कार्यालय में कार्यरत सहायक कर्मचारी अनिल पारीक ने अपने ही विभाग का भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया है। इससे यह साबित हो गया है कि विभाग में जनता की समस्या सुनने के लिए किस तरह कार्य किया जाता होगा। जब अपने ही विभाग का कर्मचारी भ्रष्टाचार से पीड़ित हुआ है तो जनता को कैसे इंसाफ मिलता होगा। बरवाड़ा में एक साल में ही तीसरी बड़ी कार्रवाई चौथका बरवाड़ा में भ्रष्टाचार के लगातार मामले सामने रहे हैं। साल के अंदर तीसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिए जाने से रिश्वतखोर अफसरों में सनसनी मची हुई है।
करीब 11 माह पहले तहसीलदार सहित चार कार्मिकों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह दो माह पहले भी थाना उपप्रभारी जोसराम मीना को आठ हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था, जिसकी अभी तक जमानत तक नहीं हुई है। इसके बाद यह मामला सामने आया है। एसडीएमकार्यालय में अब एक ही कर्मचारी कस्बेमें स्थित एसडीएम कार्यालय में अब एसडीएम के साथ केवल एक सहायक कर्मचारी ही रह गया है। 30 सितंबर को एक वरिष्ठ कार्मिक के वीआरएस लेने के बाद केवल एलडीसी ही बचा था, जिसे गुरुवार को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में अब सहायक कर्मचारी ही रह गया है। लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से जल्द ही स्टाफ बढाने का आग्रह किया है।
गणतंत्र दिवस पर प्रतिभाओं को सम्मान करने के मामले में पक्षपात का मामला हमेशा ही सामने आता रहा है। इस एलडीसी को हाल ही 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर बेहतर कार्य करने के लिए सम्मान किया गया था। अब अपने ही विभाग के सहायक कर्मचारी द्वारा सम्मान प्राप्त कर्मचारी को गिरफ्तार करवाने के मामले में यह भी सामने गया है। इससे राष्ट्रीय पर्व पर प्रतिभाओं के सम्मान के लिए चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ गए हैं।
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