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राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी ने जमानत लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपने लिए कोई वकील रखने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 24 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सोशल नेटवर्किंग साइट्स और मीडिया में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी का जबर्दस्त विरोध हो रहा है। कई कलाकारों और साहित्यकारों ने असीम की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है। मनोज वाजपेयी ने लिखा है कि एक सरकार का सबसे अहम काम लोकतंत्र के जरूरी अंगों की रक्षा करना है। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है अभिव्य?क्ति की आजादी की रक्षा करना। इंटरनेट पर असीम की रिहाई के समर्थन में एक ऑनलाइन पेटिशन फाइल की गई है। इस पेटिशन में असीम को सम्मानित कर चुकी संस्था कार्टूनिस्ट राइट्स नेटवर्क इंटरनेशनल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ राबर्ट रसेल ने कहा है कि असीम के विरोधी या तो राजनीतिक कार्टून की व्याख्या करना नहीं जानते या वे जानबूझकर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए विरोध के स्वरों को दबा रहे हैं। पुलिस ने रिमांड सरेंडर करने की इच्छा जताई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। दूसरी ओर असीम ने अपनी जमानत के लिए कोई अर्जी देने से इनकार कर दिया। यहां तक कि अपने लिए कोई वकील रखने से भी उन्होंने इनकार कर दिया। उनका कहना था कि अगर उन्हें अपना पक्ष रखना होगा तो वो खुद रखेंगे। उधर असीम पर लगाए गए देशद्रोह के मामले को वापस लेने पर भी पुलिस विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस असीम के बनाए गए कार्टून पर कानूनी सलाह ले रही है। मालूम हो कि असीम को एक आपत्तिजनक कार्टून बनाने को लेकर मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी ने जमानत लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपने लिए कोई वकील रखने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 24 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। सोशल नेटवर्किंग साइट्स और मीडिया में कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी की गिरफ्तारी का जबर्दस्त विरोध हो रहा है। कई कलाकारों और साहित्यकारों ने असीम की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया है। मनोज वाजपेयी ने लिखा है कि एक सरकार का सबसे अहम काम लोकतंत्र के जरूरी अंगों की रक्षा करना है। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है अभिव्य?क्ति की आजादी की रक्षा करना। इंटरनेट पर असीम की रिहाई के समर्थन में एक ऑनलाइन पेटिशन फाइल की गई है। इस पेटिशन में असीम को सम्मानित कर चुकी संस्था कार्टूनिस्ट राइट्स नेटवर्क इंटरनेशनल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ राबर्ट रसेल ने कहा है कि असीम के विरोधी या तो राजनीतिक कार्टून की व्याख्या करना नहीं जानते या वे जानबूझकर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए विरोध के स्वरों को दबा रहे हैं। पुलिस ने रिमांड सरेंडर करने की इच्छा जताई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। दूसरी ओर असीम ने अपनी जमानत के लिए कोई अर्जी देने से इनकार कर दिया। यहां तक कि अपने लिए कोई वकील रखने से भी उन्होंने इनकार कर दिया। उनका कहना था कि अगर उन्हें अपना पक्ष रखना होगा तो वो खुद रखेंगे। उधर असीम पर लगाए गए देशद्रोह के मामले को वापस लेने पर भी पुलिस विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस असीम के बनाए गए कार्टून पर कानूनी सलाह ले रही है। मालूम हो कि असीम को एक आपत्तिजनक कार्टून बनाने को लेकर मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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