दगाबाज थे दिग्विजय के पूर्वज : सामना
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मुंबई। आज एक बार फिर ठाकरे बनाम दिग्विजय युद्ध में ठाकरे खेमे की ओर से पलटवार किया गया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना के एक लेख में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के पूर्वजों को दगाबाज बताया गया है। साथ ही यह भी दावा किया गया है कि वे मुगलों और अंग्रेजों के मुखबिर थे। लेख में ठाकरे के पूर्वजों की खूब तारीफ गई है। कहा गया है कि शिवाजी की सेना में ठाकरे के पूर्वजों का अहम स्थान रहा है। वहीं, दिग्विजय को खिंची कुल का बताया गया है।
इसमें लिखा गया है, ठाकरे कुल पर आरोप लगाने वाले दिग्विजय सिंह का कुल भी जाच लिया जाए। ठाकरे कुल के पूर्वज तो छत्रपति शिवराज की सेना के शूरवीर थे। वे हिंदू स्वराज के लिए लड़ रहे थे। दिग्विजय सिंह का कुल खिंची राजपूतों का है। वे जिस राघोगढ़ रियासत के राजा हैं उसका अधिकृत इतिहास उनके खिंची होने की पुष्टि करता है। खिंची संस्थान, जोधपुर से प्रकाशित सर्वे ऑफ खिंची हिस्ट्री जिसके लेखक ए.एच निजामी और जी. ए. खिंची हैं, का दावा है कि खिंची उपजाति राजपूत धन लेकर युद्ध करने के लिए कुख्यात रहे हैं। .. दिग्विजय जिस रोघागढ़ रियासत के कुंवर हैं, वह रियासत गरीबदास नामक योद्धा को बादशाह अकबर ने दी थी। जब राजपूताना और मामलाव के अधिकाश क्षत्रिय राणा प्रताप की ओर हो लिए थे, तब भी राघोगढ़ का गरीबदास अकबर का मुखबिर था। इस गद्दी पर 17 97 तक दिग्विजय का पूर्वज बलवंत सिंह मौजूद था। 1778 के प्रथम मराठा-अंग्रेज युद्ध में बलवंत सिंह ने अंग्रेजों की मदद की थी।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से दिग्विजय सिंह और ठाकरे खानदान के बीच जंग छिड़ी हुई है। दिग्गी द्वारा ठाकरे परिवार को बिहारी बताने के बाद पूरा ठाकरे परिवार एकजुट होकर दिग्गी के खिलाफ आग उगलने में लग गया है। इसके लिए उन्होंने ठाकरे परिवार पर लिखी किताब का हवाला भी दिया। अब रही सही कसर पार्टी के मुखपत्र सामना ने पूरी कर दी। दिग्विजय के इस बयान से तिलमिलाए उद्धव ठाकरे ने उन्हें पागल तक कह डाला।
shabhar - ekhabar
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