विकलांग युवक की जागरूकता से फर्जीवाड़ा उजागर
मुलताई से गंगाधर देशमुख की रिपोर्ट....
तहसील प्रमुख से संपर्क-97532 43865
Present by : toc news internet channal
मुलताई। पंचायतों में मूलभूत मद की राशि का जिस प्रकार दुरूपयोग कर किया गया इसका प्रत्यक्ष प्रमाण नगर से सटी पंचायत भिलाई हैं। जहॉ सरपंच द्वारा भ्रष्टाचारी सारी हदें पार करते हुए राष्ट्रीय पर्व की आड़ में भी भ्रष्टाचार करने से कोताही नही बरती गयी इसके अलावा अन्य मामलों में भी पंचायत का व्यापक भ्रष्टाचार सामने आया हंै। पूरे मामले में महत्वपूर्ण पहलू यह हैं कि भ्रष्टाचार का भांडाफोड़ ग्राम के ही जागरूक विकलांग युवक के प्रयासों से हुआ हंै जिसने सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए पंचायत में की गयी मनमानी को सभी के सामने मय दस्तावेजों केलाया।
उक्त जानकारी सूचना के अधिकार के मास्टर ट्रेनर राजेन्द्र भार्गव ने देते हुए बताया कि भिलाई निवासी विकलांग युवक रामचरण ने गांव में हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार से परेशान होकर पंचायत में मूलभूत तथा तेरहवें वित्त आयोग के वर्ष 2010-11 की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की दस्तावेजों के अवलोकन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये जिससे युवक ने उपसरपंच सुनील पंवार, भागवत पंवार, पंच फगन्या, सरजू, कमल पटेल तथा ब्रजलाल आदि को अवगत कराया।
राष्ट्रीय पर्व पर आठ हजार रूपये बंूदी के बिल
प्राय: छोटी पंचायतों में राष्ट्रीय पर्व पर बंूदी आदि मिष्ठान्न केे वितरण में पांच सौ से हजार रूपयों का व्यय किया जाता हंै लेकिन भिलाई पंचायत में बंूदी का वितरण करने का व्यय आठ हजार रूपये दर्शाया गया हंै जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं हैं इसमें आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि बिल अनुसार बंूदी की खरीदी 18 अगस्त को बतायी जा रही हैं जबकि वितरण 15 अगस्त को करना बताया जा रहा हैं जिससे स्पष्ट हैं कि सरपंच द्वारा भ्रष्टाचार में राष्ट्रीय पर्व को भी नही छोड़ा गया हैं। पंचायत के अनुसार गरीब मेले में भी पंचायत द्वारा 1500 रूपये की सब्जी पूरी का वितरण किया गया जबकि वितरण जनपद पंचायत द्वारा किया गया था जिसमें जनपद द्वारा 1 लाख 25 हजार रूपयों केसब्जी पूरी के पैकेटों का वितरण किया था इससे साफ है कि 1500 रूपयों का फर्जी रूप से बिल लगाकर राशि का आहरण किया गया।
नेताओं के आगमन पर भी वाहन भाड़े के बिल
पंचायत में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा तब हो जाती हैं जब सरपंच द्वारा मुलताई से छिन्दवाड़ा राष्ट्र्रीय नेता केे आगमन पर वाहन ले जाने का लगभग 3000 रूपये का बिल लगाया जाता हैं जिसका कोई औचित्य नही हंंै। इसके अलावा पाईप खरीदी का बिल लगाने के बावजूद कार्य नही किया गया जिससे ग्रामीणों को पेयजल से अभी भी जूझना पड़ रहा हैं इतना ही नही पंचायत द्वारा लगभग पांच हजार रूपयों की दवाएॅ भी क्रय करना बताया गया है जिसका लाभ आज तक ग्राम केकिसी भी मरीज को नही मिला ऐसी स्थिती में यह कहा जा सकता हंै कि सरपंच द्वारा मूलभूत एवं तेरहवें वित्त आयोग की राशि में जमकर बंदरबाट लगायी गयी हंै।
सरपंच के खिलाफ लायेगें अविश्वास प्रस्ताव
पंचायत में हुए भ्रष्टाचार पर अब उपसरपंच तथा पंचगण अपने अपने वार्डों में जाकर मतदाताओं को सरपंच द्वारा किये गये भ्रष्टाचार से अवगत करा रहे हैं तथा दस्तावेज भी दिखाये जा रहे हैं जिसके बाद सरपंच की शिकायत की जाएगी तथा सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाये जाने की संभावना हंै। गौरतलब है कि पंचायत द्वारा मूलभूत तथा तेरहवें वित्त आयोग में जमकर फर्जीवाड़ा कर क्रय नियमों का भी उल्लंघन किया गया है जिसे संबन्धित अधिकारियों द्वारा ऑडिट में बिना आपत्ति लिये किस तरह पास किया होगा यह शोध का विषय हैं।
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