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कैप्टन शर्मा पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन रक्षक (10 दिसम्बर 1994) में शहीद हो गए थे। मां निर्मला देवी (शहीद की मां) लंबे समय तक थानों के चक्कर काटती रहीं। उन्हें उम्मीद थी कि पुलिस और प्रशासन उनकी मदद करेगा पर पुलिस ने शहीद के परिवार से भी घूस की मांग की।
शहीद की मां ने लगाए पुलिस पर आरोप
शहीद आर्मी कैप्टन देवाशीष शर्मा की मां निर्मला शर्मा ने कहा कि उनका बेटा 10 दिसंबर 1994 को ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हुआ था।
भारत सरकार ने पंजाब बटालियन के शहीद कैप्टन को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा था। जम्मू कश्मीर सरकार ने भी कैप्टन देवाशीष शर्मा को बहादुरी के लिए मेडल दिए थे।
शहीद की मां ने बताया, '2014 में घर में चोरी हुई और चोर सारे मेडल्स ले गए। इसकी रपट उन्होंने शाहपुर पुलिस थाने में लिखाई।'
शहीद की मां का आरोप है कि शाहपुर पुलिस ने मेडल्स का पता लगाने के लिए घूस मांगी। मां का कहना है कि अगर भारत सरकार उनको उन मेडल्स के डुप्लिकेट्स भी देती है तो इस मदद के लिए वे आभारी रहेंगी।
सीएम शिवराज शहीद की मां से मिलने पहुंचे
इस मामले ने तूल पकड़ा तो गृहमंत्री और मुख्यमंत्री शहीद की मां से मिलने पहुंचे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद की मां को आश्वासन दिया है कि वे घूस मांगने वाले अधिकारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई करेंगे।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी नर्मला शर्मा से मुलाकात की और कहा कि वह इस मामले से केंद्रीय गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को अवगत कराएंगे।
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