TOC NEWS
ग्वालियर। पति के पीटने से नाराज महिला जान देने के लिए रेलवे लाइन पर ट्रेन के सामने दौड़ गई। महिला की गोद में एक साल का बेटा व तीन साल की बेटी भी थी। यह देख वहां मौजूद दो पुलिस कर्मियों ने महिला को बचाया और पड़ाव थाने ले आए। घटना रविवार करीब दोपहर 3 ,15 बजे मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास की है।
पूछताछ में पता लगा कि महिला कुछ देर पहले भी दो बार ऐसा प्रयास और कर चुकी है, तब राहगीरों ने उसे देखकर बचा लिया। महिला पति की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने जा रही थी। फिलहाल पुलिस ने महिला की काउंसलिंग कर उसे समझा दिया है। शहर के मरीमाता महलगांव निवासी आरती (24) पत्नी सतेन्द्र जाटव पिछले कुछ समय से अपने पति द्वारा मारपीट करने से परेशान है। कुछ समय पहले महिला की शिकायत पर पुलिस ने पति को पकड़ा था और वह जेल गया था। 10 दिन पहले ही वह छूटकर आया है। उसके बाद से उसने फिर आरती से मारपीट शुरू कर दी।
लगातार प्रताड़ना से तंग आकर महिला रविवार दोपहर में अपने एक साल के बेटे सुशांत व 3 साल की बेटी नैना को साथ लेकर खुदकुशी करने के इरादे से घर से निकल आई। सबसे पहले महिला मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास पहुंची। यहां वह बेटे को गोद में लेकर और बेटी का हाथ पकड़कर ट्रैक पर डीआरडीई की तरफ चल दी। यहां कुछ लोगों ने महिला को देखा तो उसे वहां से हटा दिया। इसके कुछ देर बाद फिर महिला रेलवे लाइन पर आ गई।
इस बार भी एक चाय के ठेले के पास खड़े कुछ लोगों ने उसे बचाया और वहां से जाने के लिए कहा। ट्रेन देखते ही दौड़ी, जवानों ने बचाया दो बार प्रयास कर चुकी महिला ने तीसरी बार सामने से ट्रेन आते देखी तो दौड़ लगा दी। स्टेशन पास में ही होने पर ट्रेन की स्पीड काफी कम थी। पास ही खड़े पड़ाव थाने के दो आरक्षक सुनील सिंह परिहार और संजीव यादव ने तत्काल दौड़कर महिला को ट्रैक से अलग खींच लिया।
उन्होंने अधिकारियों को मामले की सूचना दी और महिला को लेकर पड़ाव थाने पहुंचे। यहां थाने पर महिला को काउंसलिंग टीम की मदद से समझाया। आत्महत्या के दुषपरिणाम समझाए। समझाने के बाद महिला के अन्य परिजनों को बुलाकर बच्चों सहित उनके सुपुर्द कर दिया।
No comments:
Post a Comment