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नई दिल्ली। इंडियन आर्मी ने बीते दिनों पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल पार की। और, पाकिस्तान के पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स तबाह किए। जिसमें कई आतंकी और पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही लगातार पाकिस्तान भारत को परमाणु की धमकी दे रहा है। इस कड़ी में हम ये बता रहे हैं कि रूस और अमेरिका की तरह भारत के पास भी न्यूक्लियर ब्रीफकेस है। पुतिन और ओबामा की तरह यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस हमेशा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चलाता है। मोदी जब चाहें जहां से चाहें इस हथियार को इस्तेमाल कर सकते हैं।
न्यूक्लियर ब्रीफकेस की खास बातें
न्यूक्लियर ब्रीफकेस खास बात ये है कि इससे दुनिया के किसी भी हिस्से में न्यूक्लियर अटैक किया जा सकता है। अमेरिका में इसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं। रूस में चैगेट कहा जाता है। इस ब्रीफकेस का वजन करीब 20 किलो होता है। इसमें एक छोटा एंटीना और परमाणु हथियारों के ट्रिगर होते हैं, जिन्हें एक खास कोड के जरिए सक्रिय किया जाता है। यह कोड केवल उसे ही पता होता है जिसके पास यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है। राष्ट्राध्यक्ष के बदलते ही इसका कोड भी बदल जाता है।
क्या है ‘न्यूक्लियर ब्रीफकेस’
‘न्यूक्लियर ब्रीफकेस’ एक ऐसा ब्रीफकेस है, जिसमें खतरनाक न्यूक्लियर वेपंस का कमांड और कंट्रोल है। कई हॉलीवुड फिल्मों में इस ब्रीफेकस को दिखाया जा चुका है। इसके साथ एक लैपटॉप अटैच होता है, जिससे इसे संचालित किया जाता है। राडार और जमीन पर मौजूद कमांड सेंटर से सीधे जुड़े इस ब्रीफकेस के किसी भी ट्रिगर को ऑन करने के लिए खास कोड्स का इस्तेमाल होता है, जो हासिल करना हर किसी के बस की बात भी नहीं। इस ब्रीफकेस के ट्रिगर से जमीन, हवा और पानी से परमाणु मिसाइलें दागी जा सकती हैं। यूं भी अमेरिका की सेनाएं दुनिया के तकरीबन हर हिस्से में मौजूद हैं और परमाणु क्षमता संपन्न भी। युद्ध की परिस्थिति में इस एकमात्र ब्रीफकेस से ये सेनाएं और हथियार किसी भी देश पर हमला कर सकते हैं
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी ने बीते दिनों पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल पार की। और, पाकिस्तान के पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स तबाह किए। जिसमें कई आतंकी और पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही लगातार पाकिस्तान भारत को परमाणु की धमकी दे रहा है। इस कड़ी में हम ये बता रहे हैं कि रूस और अमेरिका की तरह भारत के पास भी न्यूक्लियर ब्रीफकेस है। पुतिन और ओबामा की तरह यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस हमेशा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चलाता है। मोदी जब चाहें जहां से चाहें इस हथियार को इस्तेमाल कर सकते हैं।
न्यूक्लियर ब्रीफकेस की खास बातें
न्यूक्लियर ब्रीफकेस खास बात ये है कि इससे दुनिया के किसी भी हिस्से में न्यूक्लियर अटैक किया जा सकता है। अमेरिका में इसे न्यूक्लियर फुटबॉल कहते हैं। रूस में चैगेट कहा जाता है। इस ब्रीफकेस का वजन करीब 20 किलो होता है। इसमें एक छोटा एंटीना और परमाणु हथियारों के ट्रिगर होते हैं, जिन्हें एक खास कोड के जरिए सक्रिय किया जाता है। यह कोड केवल उसे ही पता होता है जिसके पास यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस होता है। राष्ट्राध्यक्ष के बदलते ही इसका कोड भी बदल जाता है।
क्या है ‘न्यूक्लियर ब्रीफकेस’
‘न्यूक्लियर ब्रीफकेस’ एक ऐसा ब्रीफकेस है, जिसमें खतरनाक न्यूक्लियर वेपंस का कमांड और कंट्रोल है। कई हॉलीवुड फिल्मों में इस ब्रीफेकस को दिखाया जा चुका है। इसके साथ एक लैपटॉप अटैच होता है, जिससे इसे संचालित किया जाता है। राडार और जमीन पर मौजूद कमांड सेंटर से सीधे जुड़े इस ब्रीफकेस के किसी भी ट्रिगर को ऑन करने के लिए खास कोड्स का इस्तेमाल होता है, जो हासिल करना हर किसी के बस की बात भी नहीं। इस ब्रीफकेस के ट्रिगर से जमीन, हवा और पानी से परमाणु मिसाइलें दागी जा सकती हैं। यूं भी अमेरिका की सेनाएं दुनिया के तकरीबन हर हिस्से में मौजूद हैं और परमाणु क्षमता संपन्न भी। युद्ध की परिस्थिति में इस एकमात्र ब्रीफकेस से ये सेनाएं और हथियार किसी भी देश पर हमला कर सकते हैं
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