ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में लैंड रिकॉर्ड विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है| विभाग में पिछले चार सालों में 25 करोड़ रूपए का सामान खरीदा गया| कागजी फर्मों से लगभग 15 करोड़ रूपए की खरीदी की गई है| वर्ष 2012 से लेकर वर्तमान वित्तीय वर्ष तक 25 करोड़ 23 लाख 31 हजार 891 रूपए का भुगतान कुछ फर्मों को किया गया है। 70 फीसदी सामान आज तक ऑफिस में आया ही नहीं है। यह पैसा ईटीएस मशीन, स्टेशनरी, कंप्यूटर, कार्यालयीन उपकरण, संयत्र खरीदी और इनके मेंटीनेंस पर खर्च करना बताया गया है। इसलिए लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर पता लगाता चाहते हैं कि वास्तव में मुख्यालय में कब-कब कितना सामान आया और उसका कितना भुगतान किस तरह की फर्मों को किया गया।
हाल ही में विभाग के ही बाबू संजय बागवानी के यहां चोरी का राज खुलने से सामने आया है। मामले की जानकारी मिलते ही लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर सुहैल अली ने भंडार शाखा के बाबू संजय बागवानी को हटा दिया है। भंडार शाखा का चार्ज शनिवार को प्रदीप शर्मा को सौंपा गया । लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर श्री अली ने बताया कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए ऑडिटर जनरल (एजी) को लिखने जा रहे हैं, क्योंकि संदेह है कि फाइनेंस विभाग के अधिकारियों के शामिल होने से जांच प्रभावित हो सकती है।
लैंड रिकॉर्ड विभाग के भंडार शाखा के बाबू संजय बागवानी के गांधीनगर निवास पर कुछ दिन पहले चोरी हुई थी। बाबू ने मात्र साढ़े चार लाख रूपए चोरी की रिपोर्ट लिखाई थी लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में एक करोड़ 35 लाख रूपए बरामद कर चुकी है। बाबू संजय बागवनी इसे अपनी राशि मानने से इनकार कर रहा है। मामला सामने आने के बाद से लैंड रिकॉर्ड विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
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