अवधेश पुरोहित // Toc News
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजनीति के परिदृश्य को देखते हुए जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के बाद उन भाजपा नेताओं की हालत में जिस तरह से सुधार हुआ और उन नेताओं जिनके पास शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में काबिज होन के पूर्व तक एक टूटी साइकिल तक नहीं थी
लेकिन आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी गाडिय़ों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं ठीक यही स्थिति भारत की सीमा को लांघकर और वहां हर पांचवें दि न बन जाता है एक नया अरबपति यह खबर बड़ी ही चौंकाने वाली है और इस खबर से यह सवाल भी उठता है कि जिस चीन में हर पांचवें दिन एक अरबपति तैयार होता है आखिर उस चीन में ऐसा क्या है। इसको लेकर चीन में एक नई पहल की गई है और उसके अनुसार पिछले सितम्बर में चीनी सरकार ने इनोवशन रिफॉर्म को प्राथमिकता सूची में डाल दिया। तब टेंक कर्मचारियों के साथ मीटिंग में चीनी पीएम ने कहा था, आट्रन्योशिप यानि उद्यमशीलता और इनोवेशन (नवाचार) को बढ़ावा मिलने से देश के हर कोने से आए कॉलेज ग्रेज्यूएट को निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का अवसर प्राप्त होगा।
रिपोर्ट कहती है कि इसने चीन के युवा अंट्रान्योर्स को तेजी से अमीर होने का अनुकूलन तैयार किया। लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में चीन की तरह ऐसा कुछ नहीं हुआ लेकिन इसी भाजपा सरकार के चलते मध्यप्रदेश में आयकरदाताओं की स्थिति और खासकर राजधानी भोपाल की यह हो गई है कि ३५ करोड़ से ज्यादा आयकर चुकाने वालों की स्थिति में मध्यप्रदेश आ गया, सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स अदा करने वाले १०० उन आयकरदाताओं की सूची में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक भाजपा नेता भी शामिल हैं उक्त नेता का कारोबार क्या है,
यह वही जानें लेकिन फिलहाल तो इस देशहित में एक अच्छा काम कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा आयकर भर रहे हैं ऐसे कई नेता भी इस प्रदेश में होंगे जो आयकर जमा बड़ी ही ईमानदारी से कर रहे होंगे। बात यदि चीन में हर पांचवें दिन एक अरबपति बन जाने की खबर है तो मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता पर काबिज होने के बाद कई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और अधिकारियों की यही स्थिति है कि वह इस सरकार के चलते कोई करोड़पति तो कोई अरबपति बन ही गया है।
तभी तो इस राज्य में आईएएस अधिकारी के पास करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति मिलती है तो वहीं पटवारी और गरीबों के निवाले का वितरण करने वाली समितियों का सैल्समैन भी करोड़पति निकलता है, यदि किसी निष्पक्ष एजेंसी से प्रदेश के अधिकारियों और भाजपा नेताओं की बढ़ती हैसियत की जाँच कराई जाये तो मध्यप्रदेश भी चीन इस देश का पहला राज्य होगा जहाँ इस भाजपा शासनकाल के चलते उन लोगों की हैसियत में इस कदर बदलाव आया कि जो कल तक फटेहाल घूमा करते थे, लेकिन आज वह अरबपति नहीं लेकिन करोड़ों में तो खेल ही रहे हैं।
फिर चाहे उन्होंने यह हैसियत तमाम पार्टी के कार्यक्रमों और आयोजनों में चदाखोरी करके चंदामामा के रूप में प्रसिद्ध हुए हों, हालांकि राजधानी के एक चंदामामा की कार्यप्रणाली को अपनाकर राज्य में ऐसे कई चंदामामा पैदा हो गए हैं जो पार्टी और मुख्यमंत्री के हर कार्यक्रम के नाम पर चंदाखोरी कर होली के चंदे की उगाही कर क्रिकेट की किट खरीदने के मापदण्ड को स्थापित करने में लगे हुए हैं यही नहीं यदि राज्य के तमाम जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय-समय पर चुनाव के दौरान घोषित अपनी आय-व्यय और चल-अचल सम्पत्ति की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाये तो उनके द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष घोषित सम्पत्ति से कई गुना अधिक आज भी निकलेगी।
तो वहीं राज्य के कई सत्ताधीशों के परिजन इसी भाजपा सरकार के चलते आज करोड़ों अरबों में खेल रहे हैं और चीन की उस नीति को जिसमें हर पांचवें दिन एक नया अरबपति बनने का दावा किया गया, यदि मध्यप्रदेश में किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा प्रदेश के राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों की सम्पत्ति की जाँच कराई जाये तो जिस कालेधन का खुलासा करने के प्रयास में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिनरात लगे हुए हैं इस प्रदेश में आकूत कालाधन इन राजनेताओं और प्रदेश के अधिकारियों की तो बात छोड़ो, इस प्रदेश के मीडिया से जुड़े लोगों के पास भी करोड़ों की सम्पत्ति उजागर होगी ।
भोपाल. मध्यप्रदेश की राजनीति के परिदृश्य को देखते हुए जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के बाद उन भाजपा नेताओं की हालत में जिस तरह से सुधार हुआ और उन नेताओं जिनके पास शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में काबिज होन के पूर्व तक एक टूटी साइकिल तक नहीं थी
लेकिन आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी गाडिय़ों में फर्राटे लेते नजर आ रहे हैं ठीक यही स्थिति भारत की सीमा को लांघकर और वहां हर पांचवें दि न बन जाता है एक नया अरबपति यह खबर बड़ी ही चौंकाने वाली है और इस खबर से यह सवाल भी उठता है कि जिस चीन में हर पांचवें दिन एक अरबपति तैयार होता है आखिर उस चीन में ऐसा क्या है। इसको लेकर चीन में एक नई पहल की गई है और उसके अनुसार पिछले सितम्बर में चीनी सरकार ने इनोवशन रिफॉर्म को प्राथमिकता सूची में डाल दिया। तब टेंक कर्मचारियों के साथ मीटिंग में चीनी पीएम ने कहा था, आट्रन्योशिप यानि उद्यमशीलता और इनोवेशन (नवाचार) को बढ़ावा मिलने से देश के हर कोने से आए कॉलेज ग्रेज्यूएट को निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का अवसर प्राप्त होगा।
रिपोर्ट कहती है कि इसने चीन के युवा अंट्रान्योर्स को तेजी से अमीर होने का अनुकूलन तैयार किया। लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में चीन की तरह ऐसा कुछ नहीं हुआ लेकिन इसी भाजपा सरकार के चलते मध्यप्रदेश में आयकरदाताओं की स्थिति और खासकर राजधानी भोपाल की यह हो गई है कि ३५ करोड़ से ज्यादा आयकर चुकाने वालों की स्थिति में मध्यप्रदेश आ गया, सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इनकम टैक्स अदा करने वाले १०० उन आयकरदाताओं की सूची में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एक भाजपा नेता भी शामिल हैं उक्त नेता का कारोबार क्या है,
यह वही जानें लेकिन फिलहाल तो इस देशहित में एक अच्छा काम कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा आयकर भर रहे हैं ऐसे कई नेता भी इस प्रदेश में होंगे जो आयकर जमा बड़ी ही ईमानदारी से कर रहे होंगे। बात यदि चीन में हर पांचवें दिन एक अरबपति बन जाने की खबर है तो मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सत्ता पर काबिज होने के बाद कई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और अधिकारियों की यही स्थिति है कि वह इस सरकार के चलते कोई करोड़पति तो कोई अरबपति बन ही गया है।
तभी तो इस राज्य में आईएएस अधिकारी के पास करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति मिलती है तो वहीं पटवारी और गरीबों के निवाले का वितरण करने वाली समितियों का सैल्समैन भी करोड़पति निकलता है, यदि किसी निष्पक्ष एजेंसी से प्रदेश के अधिकारियों और भाजपा नेताओं की बढ़ती हैसियत की जाँच कराई जाये तो मध्यप्रदेश भी चीन इस देश का पहला राज्य होगा जहाँ इस भाजपा शासनकाल के चलते उन लोगों की हैसियत में इस कदर बदलाव आया कि जो कल तक फटेहाल घूमा करते थे, लेकिन आज वह अरबपति नहीं लेकिन करोड़ों में तो खेल ही रहे हैं।
फिर चाहे उन्होंने यह हैसियत तमाम पार्टी के कार्यक्रमों और आयोजनों में चदाखोरी करके चंदामामा के रूप में प्रसिद्ध हुए हों, हालांकि राजधानी के एक चंदामामा की कार्यप्रणाली को अपनाकर राज्य में ऐसे कई चंदामामा पैदा हो गए हैं जो पार्टी और मुख्यमंत्री के हर कार्यक्रम के नाम पर चंदाखोरी कर होली के चंदे की उगाही कर क्रिकेट की किट खरीदने के मापदण्ड को स्थापित करने में लगे हुए हैं यही नहीं यदि राज्य के तमाम जनप्रतिनिधियों के द्वारा समय-समय पर चुनाव के दौरान घोषित अपनी आय-व्यय और चल-अचल सम्पत्ति की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाये तो उनके द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष घोषित सम्पत्ति से कई गुना अधिक आज भी निकलेगी।
तो वहीं राज्य के कई सत्ताधीशों के परिजन इसी भाजपा सरकार के चलते आज करोड़ों अरबों में खेल रहे हैं और चीन की उस नीति को जिसमें हर पांचवें दिन एक नया अरबपति बनने का दावा किया गया, यदि मध्यप्रदेश में किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा प्रदेश के राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों की सम्पत्ति की जाँच कराई जाये तो जिस कालेधन का खुलासा करने के प्रयास में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिनरात लगे हुए हैं इस प्रदेश में आकूत कालाधन इन राजनेताओं और प्रदेश के अधिकारियों की तो बात छोड़ो, इस प्रदेश के मीडिया से जुड़े लोगों के पास भी करोड़ों की सम्पत्ति उजागर होगी ।
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