अवधेश पुरोहित // Toc News
भोपाल । राज्य शासन के द्वारा लिये गये एक शराब की नीति को लेकर भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उस समय पूरी रात नींद न आई हो और वह इस तरह के निर्णय को लेकर रातभर करवटें बदलते रहे, उनकी इस तरह की पीढ़ा के बाद भले ही उन्होंने राज्य की देशी शराब की दुकान पर अंग्रेजी शराब की बिक्री का निर्णय में फेरबदल किया हो लेकिर राज्य में आज भी शराब की यह स्थिति है कि रात दस बजे के बाद लोगों को भले ही अपने बच्चों को पिलाने के लिए दूध उपलब्ध न हीं हो पाता लेकिन राज्य शासन की नीति के चलते प्रदेशभर में शराब ने घर पहुंच सेवा का रूप ले लिया है,
शासन के संरक्षण में प्रदेश के ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस घर पहुंच सेवा के चलते अब लोगों के साथ-साथ बच्चों और महिलाओं में भी शराब का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। तो वहीं स्थिति यह है कि इस शराब की लत के चलते राज्य में आये दिन शराबी पतियों द्वारा अपने बच्चों और महिलाओं के आयेदिन बदसलूकी की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर शराब के कारण अनेक घर बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण राज्य के परिवार परामर्श केन्द्र में बढ़ रही इस तरह की घटनाएं हैं
यही नहीं शराब के आदि सुरा प्रेमियों द्वारा शराब की लत में अब अपने घर के बर्तन भाड़े बेचने की घटनायें तो आम होती जा रही हैं, लेकिन स्थिति यहाँ तक पहुंच गई कि लोग अपने जिगर के टुकड़ों को भी शराब की लत में बेचने को मजबूर हैं। ऐस ही एक घटना पिछले दिनों दतिया जिले के बीकर गाँव में प्रकाश में आई जहाँ रमेश अहिरवार द्वारा शराब की लत में अपनी दो लाड़कियों और एक जिगर के टुकड़े को बेचने की घटना का खुलासा हो सका। हालांकि इस घटना के खुलासे के बाद जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने सक्रियता दिखाते हुए रमेश अहिरवार द्वारा जिस महिला कंजरों के पास अपनी दो लाड़लियों और एक जिगर के टुकड़े को तो बरामद कर उन्हें बाल सुधार गृह में भेज दिया।
लेकिन इस घटना से यह बात साफ हो जाती है कि राज्य में सरकारी संरक्षण के चलते शराब ने जो घर पहुंच सेवा का रूप ले लिया उसके चलते राज्य में हजारों घर बर्बाद हो रहे हैं और लोग जहाँ अपने जिगर के टुकड़ों को भी इस शराब की लत के चलते बेचने या गिरवीं रखने से भी नहीं चूक रहे हैं हालांकि जिन महिला कंजरों के पास से रमेश अहिरवार द्वारा शराब की लत में दो लड़कियां एवं उसके लड़के को बरामद किया था उन्होंने इस तरह की लड़के और लड़कियों की खरीदी से साफ तौर पर इन्कार कर दिया साथ ही उन कंजर महिलाओं ने यह स्वीकार किया कि वह प्रतिदिन उनके पिता रमेश अहिरवार को रुपये एवं शराब उपलब्ध कराती थीं,
यही नहीं इस शराब की आदि रमेश अहिरवार को जहाँ यह कंजर महिलाएं शराब और पैसा तो उपलब्ध कराती ही थीं, तो वहीं इन मासूमों से शराब बिकवाने का भी काम करवाती थीं, इस घटना से यह बात साफ हो जाती है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को भले ही शराब की एक नीति को लेकर रातभर नींद नहीं आई हो लेकिन उनकी ही सरकार के संरक्षण में चल रहे प्रदेश में शराब की घर पहुंच सेवा की चपेट में आकर राज्य में कई घर आयेदिन बर्बाद हो रहे हैं, तो वहीं राज्य में महिलाओं को शराब के आदी पतियों द्वारा आयेदिन मारपीट की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इसी शराब की लत के चलते राज्य में अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है,
हालांकि राज्य के गृहमंत्री के द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों पर जुर्माने करने का अभियान चलाया गया है लेकिन रमेश अहिरवार जैसे शराब के आदी इस प्रदेश में हजारों मिल जाएंगे जो न तो शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं जिससे उनका चालान हो सके, लेकिन यह जरूर है कि शराब की लत की गिरफ्त में आकर अपने जिगर के टुकड़ों को शराब का कारोबार करने वाली महिलाओं के हवाले करने में नहीं चूक रहे हैं।
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