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ओंकारेश्वर-सनावद। निज प्रतिनिधि। इंदौर-इच्छापुर मार्ग पर स्थित नर्मदा नदी के मोरटक्का पुल पर शनिवार रात 2 बजे एक बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि बाइक पर सवार मां-बेटी उछलकर नर्मदा नदी में जा गिरी। बाइक चालक सड़क पर गिरा और बुरी तरह घायल हो गया। उसकी आंखों के सामने मां और गर्भवती बहन नर्मदा में समा गई।
युवक को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर होने की वजह से इंदौर रैफर कर दिया गया। रविवार को पुल से दो किमी दूर नर्मदा में बेटी का शव तो मिल गया लेकिन मां का पता नहीं चला। प्रजापति मोहल्ला सनावद निवासी शेखर पिता अनोखीलाल धनगर बाइक पर अपनी मां सुमनबाई व बहन रोशनी पति प्रवीण को बड़वाह से सनावद ले जा रहा था। इसी दौरान नर्मदा पुल पर सामने से आए अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर में शेखर घायल हो गया, वहीं मां-बेटी पुल से नीचे नर्मदा में जा गिरे। शेखर को नाविकों की मदद से बड़वाह शासकीय अस्पताल लाया गया।
यहां से उपचार के बाद इंदौर रैफर किया गया। बताया जाता है कि अज्ञात वाहन की जैसे ही बाइक को टक्कर लगी मां-बेटी उछलकर नर्मदा में जा गिरी। शेखर सड़क पर गिरा और वह मां-बहन को नर्मदा की गहराई में समाता हुआ विवश होकर देखता रहा। डिलेवरी के लिए आई थी मायके रविवार को पूरे दिन नर्मदा में करीब पांच किलोमीटर तक स्थानीय गोताखोरों की मदद से मां-बेटी की तलाश की गई। घटना की जानकारी मिलने पर परिजन भी पहुंच गए। बताया जाता है कि रोशनी का विवाह खरगोन जिले के बिस्टान के पास बन्हेर गांव में हुआ था। वह गर्भवती थी और इसी वजह से मायके आई हुई थी। घटना के 15 घंटे बाद रविवार शाम 5 बजे रोशनी का शव पुल से दो किमी नीचे मेहताखेड़ी रामगढ़ के पास मिला है। नर्मदा में बढ़ा हुआ पानी गोताखोर सुनील केवट व बाबूलाल मंगले ने बताया कि नर्मदा में पानी बढ़ा हुआ होने के कारण पांच किमी तक खोजबीन की गई, परंतु कोई पता नहीं चल सका।
एसडीओपी निशा रेड्डी, सरपंच अर्जुन केवट, जितेन्द्र सेन आदि रात में घटनास्थल पर पहुंचे। रात से सुबह तक मां-बेटी को ढूंढा गया। इसके बाद कहीं बेटी का शव मिला। गोताखोर विजय वर्मा, प्रदीप केवट, लोकेश केवट आदि तलाश में जुटे हैं। पखवाड़े पूर्व ही खिंचवाया था फोटो ओंकारेश्वर में मोहल्ले की महिलाओं के साथ अपने परिवार की याददाश्त के लिए बनवाई फोटो की 15 दिन बाद ही इस तरह जरूरत पड़ेगी इसका आभास नहीं था। यह बात प्रजापति मोहल्ला निवासी पुष्पाबाई माली ने कही। उन्होंने बताया कि शनिवार को शरद पूर्णिमा थी। बड़वाह में किसी स्थान पर श्वास रोग के इलाज के लिए दूध में दवाई दी जाती है। इसलिए बेटी रोशनी को भी इलाज के लिए भाई व मां वहां ले गए थे। लौटने के दौरान ही यह हादसा हो गया।
मोरटक्का चौकी पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अंग्रेजों के जमाने का पुल मोरटक्का में नर्मदा नदी पर अंग्रेजों के जमाने में 1945 का पुल बना हुआ है। इस पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पुल की चौड़ाई इतनी कम है कि दो वाहन एक साथ निकलना मुश्किल होता है। मोरटक्का के समाजसेवी सत्यदेव जोशी ने कहा पुल की चौड़ाई कम होने से ही हादसे हो रहे हैं। प्रशासन को गंभीरता से विकल्प तलाशना चाहिए।
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