TOC NEWS Oct 23, 2016,
एक सदी से पहले डूबे उस वक्त के सबसे बड़े और आलीशान जहाज टाइटैनिक में नंबर दो के कैप्टन के हाथों की लिखी चिट्ठियों की हाल ही में नीलामी हुई. इन चिट्ठियों से पता चलता है कि इस अधिकारी ने टाइटैनिक की पहली और आखिरी यात्रा से पहले ही पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर कर दी थी कि यह जहाज डूब सकता है. हेनरी विल्डे नाम के इस दूसरे नंबर के अधिकारी ने व्हाइट स्टार लाइन कंपनी से टाइटैनिक में ट्रांसफर किए जाने तक के अपने 20 साल के करियर के बारे में कैप्टन एडवर्ड स्मिथ को पत्र लिखे थे.
विल्डे द्वारा लिखे गए इन सभी में से आखिरी पत्र काफी कुछ कहता है. विल्डे उस वक्त ओलंपिक नामक जहाज के बोर्ड में चीफ ऑफिसर के रूप में तैनात थे और टाइटैनिक के लिए जाने से पहले उन्होंने यह चिट्ठी लिखी थी.
31 मार्च 1912 को लिखी इस चिट्ठी में विल्डे ने लिखा है कि उन्हें सिमरिक (उस वक्त के एक जहाज का नाम) की जिम्मेदारी सौंपी गई थी लेकिन उन्हें इस बात से निराशा हुई कि उन्हें नहीं लिया गया और टाइटैनिक में ट्रांसफर कर दिया गया. उन्होंने लिखा, "सिमरिक का कमांड लिए जाने की व्यवस्थाओं को बदले जाने से बहुत ज्यादा निराश हूं. जब तक कोई अन्य जहाज मेरे लिए नहीं आता मैं टाइटैनिक में नहीं जाऊंगा." मार्च 1912 के अंत में विल्डे को शायद उम्मीद थी कि वे ओलंपिक के नए कैप्टन हर्बर्ट जेम्स हैडॉक के नेेतृत्व में चीफ ऑफिसर बने रहेंगे लेकिन इसके बजाए उन्हें साउथ हैंपटन में नए आदेश आने तक के लिए पोस्ट कर दिया गया.
विल्डे ने 9 अप्रैल को टाइटैनिक में जाने के लिए हस्ताक्षर किए थे और सुबह 6 बजे ड्यूटी पर पहुंच गए थे उसके अगले दिन यात्रा शुरू होनी थी. अपनी बहन को टाइटैनिक पर लिखे और क्वींसटाउन में पोस्ट किए गए पत्र में विल्डे ने नए जहाज को लेकर उनके संदेह जाहिर किए थे. उन्होंने लिखा था, "मुझे यह जहाज बिल्कुल पसंद नहीं है... मुझे इसके बारे में अजीब सा अहसास हो रहा है."
टेलीग्राफ के मुताबिक इस सप्ताह ही विल्डशायर में इन चिट्ठियों की 22,000 पाउंड (करीब 18 लाख रुपये) में नीलामी हुई है. टेलीग्राफ के मुताबिक इस सप्ताह ही विल्डशायर में इन चिट्ठियों की 22,000 पाउंड (करीब 18 लाख रुपये) में नीलामी हुई है. गौरतलब है कि अपने समय में दुनिया के सबसे बड़े और आलीशान जहाज के रूप में मशहूर टाइटैनिक को कभी न डूबने वाले जहाज के रूप में प्रचारित किया गया था. लेकिन अपनी पहली ही यात्रा में 14 अप्रैल को एक आइसबर्ग से टकराने के बाद यह टूट कर डूब गया था. इस हादसे में 1,500 यात्रियों और जहाज के कर्मचारियों की जान चली गई थी. विल्डे भी इन्हीं में से एक थे.
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