मित्रों, मजीठिया वेज बोड॔ को लेकर चल रहे महासंग्राम के तहत सुप्रीम में आज हुई बहुप्रतीक्षित सुनवाई की कुछ खास बातें मजीठिया संघर्ष समिति के माध्यम से मिली हें। उन्हें आपकी जानकारी के लिए अग्रसारित कर रहा हूं। और अपडेट मिला तो आप तक पहुंचाऊंगा।
पूरे देश के श्रम विभाग को तीन माह में सभी कर्मचारियों की वसूली करने के निर्देश।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा वाराणसी के मामले में श्रम आयुक्त को सारे अधिकार, कोई भी मामला कोर्ट में नहीं जाएगा।
भास्कर, पत्रिका और जागरण के रुख को सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तिजनक माना।कंटेम्प्ट का चार्ज लगाने की संभावना।
सुप्रीम कोर्ट में अगली तारीख पर दैनिक जागरण के मालिकान संजय गुप्ता और महेन्द्र मोहन गुप्ता को व्यक्तिगत तौर पर मौजूद रहना पड़ सकता है ।
माननीय सुप्रीमकोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू ना करा पाने पर आज सभी लेबर कमिश्नरों को जमकर लताड़ा और दैनिक जागरण के मालिकों संजय गुप्ता और महेन्द्र मोहन गुप्ता को अगली सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट में तलब कर लिया है। साथ ही सभी लेबर कमिश्नरों को शख्त आदेश दिया कि आप इस मामले की रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कराकर इस सिफारिश को अमल में लाइए।
सुप्रीमकोर्ट में पत्रकारों की तरफ से लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश शर्मा ने जहाँ 17 (1) के क्लेम को 17 (२) में डालने के मुद्दे को जमकर उठाया और देशभर के पत्रकारों के चेहरे पर एक बार फिर ख़ुशी ला दी वही सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्वेस ने 20 (जे) और वैरिएबल पे का मुद्दा उठाया। आईएफडब्ल्यूजे महासचिव एवं एडवोकेट परमानंद पांडेय ने भी जमकर अपना पक्ष रखा। सुप्रीमकोर्ट ने सभी लेबर कमिश्नरों को साफ़ कह दिया आप आर सी काटिए और मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को लागू कराकर पूरी रिपोर्ट लेकर तीन महीने में आइये।
इस मामले में आज महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व उत्तरांचल के लेबर कमिश्नरों को तलब किया। इन लेबर कमिश्नरों ने दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और दूसरे बड़े अखबारों की मजीठिया वेज बोर्ड लागू न करने की रिपोर्ट दी।इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को रखी गयी है, जिसमे आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक सहित पांच राज्यों के लेबर कमिश्नरों को तलब किया गया है।सुप्रीमकोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड से जुड़े कानूनी प्वाइंट पर एक रिपोर्ट भी तैयार करने का निर्देश दिया।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
पूरे देश के श्रम विभाग को तीन माह में सभी कर्मचारियों की वसूली करने के निर्देश।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा वाराणसी के मामले में श्रम आयुक्त को सारे अधिकार, कोई भी मामला कोर्ट में नहीं जाएगा।
भास्कर, पत्रिका और जागरण के रुख को सुप्रीम कोर्ट ने आपत्तिजनक माना।कंटेम्प्ट का चार्ज लगाने की संभावना।
सुप्रीम कोर्ट में अगली तारीख पर दैनिक जागरण के मालिकान संजय गुप्ता और महेन्द्र मोहन गुप्ता को व्यक्तिगत तौर पर मौजूद रहना पड़ सकता है ।
माननीय सुप्रीमकोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू ना करा पाने पर आज सभी लेबर कमिश्नरों को जमकर लताड़ा और दैनिक जागरण के मालिकों संजय गुप्ता और महेन्द्र मोहन गुप्ता को अगली सुनवाई के लिए सुप्रीमकोर्ट में तलब कर लिया है। साथ ही सभी लेबर कमिश्नरों को शख्त आदेश दिया कि आप इस मामले की रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कराकर इस सिफारिश को अमल में लाइए।
सुप्रीमकोर्ट में पत्रकारों की तरफ से लड़ाई लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश शर्मा ने जहाँ 17 (1) के क्लेम को 17 (२) में डालने के मुद्दे को जमकर उठाया और देशभर के पत्रकारों के चेहरे पर एक बार फिर ख़ुशी ला दी वही सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्वेस ने 20 (जे) और वैरिएबल पे का मुद्दा उठाया। आईएफडब्ल्यूजे महासचिव एवं एडवोकेट परमानंद पांडेय ने भी जमकर अपना पक्ष रखा। सुप्रीमकोर्ट ने सभी लेबर कमिश्नरों को साफ़ कह दिया आप आर सी काटिए और मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश को लागू कराकर पूरी रिपोर्ट लेकर तीन महीने में आइये।
इस मामले में आज महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व उत्तरांचल के लेबर कमिश्नरों को तलब किया। इन लेबर कमिश्नरों ने दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर और दूसरे बड़े अखबारों की मजीठिया वेज बोर्ड लागू न करने की रिपोर्ट दी।इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को रखी गयी है, जिसमे आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक सहित पांच राज्यों के लेबर कमिश्नरों को तलब किया गया है।सुप्रीमकोर्ट ने मजीठिया वेज बोर्ड से जुड़े कानूनी प्वाइंट पर एक रिपोर्ट भी तैयार करने का निर्देश दिया।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
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