जब भर आई एसडीएम अशोक भार्गव सर की आंखें... |
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जिला ब्यूरो चीफ नीमच // विश्वजीत भट्ट : 9575888891
कमलेश भार्गव, गोल चेहरा घुंघराले बाल और चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट लिए यह प्रशासनिक अधिकारी नीमच की रगो में रच बस गया था, सालों पहले जब बड़े भाई श्री अशोक भार्गव नीमच में एसडीएम थे तभी कमलेश भार्गव प्रशासनिक अधिकारी बनने का लक्ष्य तय किया और एमपीपीएससी की तैयारी में उतर गए,
रामपुरा में प्रोफेसर रहते हुए उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पद की तैयारी शुरू की और तमाम मुसीबतों को साधते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचे, इसी बीच पूरे भारतवर्ष में बाइक यात्रा कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया, करीब 2 साल पहले श्री भार्गव अपर कलेक्टर के पद पर रहते हुए नीमच जिला पंचायत के सीईओ बनकर नीमच आए और अपने काम में ऐसे लगे कि वे नीमच के होकर रह गए ।
"पीएम आवास योजना में नीमच को बनाया नंबर वन"
सरल सहज और सौम्य व्यवहार के धनी श्री कमलेश भार्गव ग्रामीणों की आवाज बने और गांव को सुधारने का संकल्प उन्होंने जो लिया उस पर लगातार कार्य करते रहे
नीमच को प्रधानमंत्री आवास योजना में पूरे देश में नंबर वन लाने का श्रेय से भार्गव को ही जाता है,जिले में सर्वाधिक प्रधानमंत्री आवास बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया और हर बेघर को घर उपलब्ध कराया।
"नीमच में बनाया पहला पंचायत पार्क"
जिला पंचायत के सामने जो भव्य गार्डन तैयार हो रहा है वह जिले का पहला पंचयात पार्क बनने जा रहा है इस पार्क में जिला पंचायत की हर योजना का मॉडल नजर आएगा ,इस भव्य पार्क की कल्पना भी कमलेश भार्गव ने की और वह अब मूर्त रूप लेने जा रही है।
# सुख-दुख के लिए बनाया व्हाट्सएप ग्रुप#
कमलेश भार्गव ऐसे अधिकारी रहे जिन्होंने नीमच को जिला नहीं बल्कि अपना परिवार समझा, अपने अधिकारी कर्मचारियों के लिए हमेशा समर्पित रहे और कार्य के प्रति सजग रहे अधिकारी कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए साथ ही सुख-दुख ओके मारने के लिए उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप भी तैयार किया किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को कोई समस्या होती तो वह व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर देता जिस पर श्री भार्गव अमल कर तुरंत समस्याओं का समाधान करते।
---और भावुक मन से खूब रोए हमारे भार्गव सर"
ऐसे अधिकारी का जाना वास्तव में नीमच के लिए क्षति है
मंगलवार शाम को जिला पंचायत सभागार में जब कमलेश भार्गव सर को विदाई दी जा रही थी और नई सीईओ भव्या मित्तल का स्वागत किया जा रहा था उस समय सिर्फ भार्गव के आंखों से आंसू छलक पड़े वे नीमच को याद कर खूब रोए उन्होंने नीमच को अपना परिवार माना और छोटे से एक कर्मचारी से लेकर ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक तक के दर्द को समझा।
भार्गव सर आप जहां भी रहेंगे नीमच हमेशा आपके दिल में रहेगा और नीमच की यादों में आप बसे रहेंगे
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