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कभी करोड़ों की घास खरीदने, फिर 47 करोड़ रुपये के मटके खरीदने का खेल। अब 156 करोड़ रुपये अस्थाई टॉयलेट पर फूंकने सहित कई और घोटाले एमपी में उजागर हुए हैं
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के उज्जैन में मई में हुए सिंहस्थ कुंभ मेले के आयोजन के दौरान घोटालों की बाढ़ आई। जिसका अब जाकर परत दर परत खुलासा हो रहा है। 47 करोड़ रुपये के मटका खरीद घोटाले के बाद एक और घोटाले का खुलासा हुआ है। एक महीने के लिए अस्थाई रूप से टॉयलेट बनाने में 156 करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया। जबकि चप्पल और थर्मस 40 और 14 हजार का खरीदा गया।
इलेक्ट्रानिक्स दुकानदारों को दिया टॉयलेट बनाने का ठेका
सिहंस्थ आयोजन स्थल बनाने पर बड़े घोटाले का अंदेशा इसलिए है कि अस्थाई टॉयलेट बनाने का ठेका इलेक्ट्रानिक्स के दुकानदारों को दिया गया। यह हास्यास्पद बात रही। इलेक्ट्रानिक्स के दुकानदार टेप-टीवी सहित तमाम गैजेट की सप्लाई व रिपेयरिंग करते हैं, वे टॉयलेट बनाने की स्पेशलिटी कहां रहते हैं। मगर सिंहस्थ आयोजन समिति के दस्तावेज कहते हैं कि मध्य प्रदेश के इलेक्ट्रानिक्स दुकानदार टॉयलेट भी बनाते हैं।
अस्थाई टॉयलेट बनाने के लिए उज्जैन, इंदौर, भोपाल, पुणे गुजरात, कानपुर, मुंबई, दिल्ली की कंपनियों को ठेके दिए गए। इसमें से ज्यादातर इलेक्ट्रानिक्स फर्में रहीं। यह वहीं फर्में रहीं जिनसे सिंहस्थ आयोजन समिति ने मिट्टी के 47 करोड़ मटके खरीदे जाने का दावा किया।
श्रद्धालुओं के लिए खरीदे 40 हजार के चप्पल
सिंहस्थ मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए 40 हजार रुपये के चप्पल भी आयोजन समिति ने खरीदे। ताकि पूजा अर्चन करने वाले लोग उसे पहनकर मंदिर तक जा सके
गजबः चप्पल रखने के लिए 50 हजार का निर्माण
40 हजार के चप्पलों को रखने के लिए 50 हजार रुपये का अस्थाई शेड निर्माण कराया गया। यह दीगर बात है कि ये 40 हजार के चप्पल कहां हैं, किसी को पता नहीं। आरोप है कि मेले में भी आम श्रद्धालुओं को ये चप्पल देखने को नहीं मिले।
शिवराज सरकार ने आयोजन समिति से मांगा जवाब
कांग्रेस सरकार के सड़क से सदन तक घोटाले पर लगातार हमलावर होने पर शिवराज सरकार ने जांच बैठाई है। आयोजन से जुडे़ विभागों व समिति को पूरा हिसाब-किताब देने को कहा गया है।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की मिलीभगत का लगाया आरोप
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन और विधायक जयवर्धन ने सिंहस्थ में सामने आ रहे करोड़ों के घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी नाम घसीटा है। उनका कहना है कि बगैर ऊपरी शह के सिंहस्थ में इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता।
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