अवधेश पुरोहित // Toc News
भोपाल। जिस प्रदेश की सत्ता पर भारतीय जनता पार्टी २००३ में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के मतदाताओं को भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिलाने के वायदे के साथ सत्ता पर काबिज हुई हो यही नहीं जिस प्रदेश की सत्ता के मुखिया आयेदिन राज्य की जनता के सामने भ्रष्टाचारियों को बक्शा नहीं जाएगा का ढिंढोरा पीटते हों और उसके बाद भी राज्य में भ्रष्टाचार की उल्टी गंगोत्री बह रही हो और उसमें हर कोई डुबकी लगाने में लगा हुआ हो
लेकिन उसी राज्य में अब भ्रष्टाचार का एक नया तरीका ईजाद किया गया है जिसके चलते पार्टी फण्ड में पैसा लो और जमकर रिश्वत लो, ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले में प्रकाश में आया इस जिले में पदस्थ एक नगर निरीक्षक अजय चानना द्वारा खुलेआम भाजपा पार्टी फण्ड में पैसा देने की बात का खुलासा करते हुए वहाँ मौजूद भाजपा कार्यकताओं को आईना दिखाते हुए नगर निरीक्षक चानना ने कहा कि दरअसल भाजपा नेता टीआई पर मारपीट के एक मामले में रिश्वत लेने का आरोप लगा रहे थे जिसके जवाब में टीआई ने यह बात कही, टीआई द्वारा सार्वजनिक रूप से भाजपा नेताओं को पैसा देने की स्वीकारोक्ति से एक बात तो स्पष्ट हो गई कि जिलेभर के थानों में लूट खसोट मची हुई है, उसमें कहीं न कहीं भाजपा नेता व जनप्रतिनिधि शामिल हैं, हालांकि इस तरह की लूट खसोट का मामला केवल मुरैना जिले का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेशभर में इस तरह की घटनायें घटित हो रही हैं, तो वहीं राज्य के वित्त मंत्री के द्वारा चेक के द्वारा कंपनियों से चंदा लेने की भी एक घटना का भी खुलासा हुआ है।
खैर, बात जहाँ तक भाजपा शासनकाल में चंदे के धंधे की है तो राजधानी में वर्षों से सक्रिय एक चंदामामा की इस तरह की चंदाखोरी की पहल से प्रेरित होकर भाजपा शासनकाल में चंदा मामाओं की बाढ़ सी आ गई है जिसके चलते राज्य में राजधानी से लेकर दूरदराज के इलाकों में इन चंदामामाओं की फौज सुरसा की तरह बढ़ रही है और इन चंदामामाओं के चंदाखोरी के कारनामों से राज्यभर के अधिकारी और नौकरशाह परेशान हैं, मजे की बात यह है कि यदि इन चंदामामाओं को राज्य के अधिकारी चंदा नहीं देते तो उनके द्वारा मांगे गये चंदे की पूर्ति नहीं करते तो फिर उनपर जैसा कि मुरैना के नगर निरीक्षक राजेश चानना पर रिश्वत लेने का आरोप लगाने जैसी घटनायें तो आयेदिन घटती ही हैं तो वहीं जब अधिकारियों द्वारा इन चंदामामाओं की मांग की पूर्ति नहीं की जाती है तो यह अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने से भी नहीं चूके यदि बात भाजपा शासनकाल की करें तो इस शासनकाल के दौरान नीचे से लेकर ऊपर तक बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री के चलते चहुंओर भ्रष्टाचार है और इस तरह के सत्ताधीशों के पार्टी फंड और मुख्यमंत्री से लेकर अन्य सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं के आयेदिन होने वाले राज्यभर में कार्यक्रमों की आड़ में यह चंदाखोरी पनप रही है,
इस तरह की चंदाखोरी और पार्टी फण्ड के नाम पर चंदा देकर खुलेआम रिश्वत लेने वाले अधिकारियों की एक बाढ़ सी आ गई है और यही चंदाखोरी और पार्टी फण्ड के चलते राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है हालांकि इस मामले को लेकर जब भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से उनकी राय जननी चही तो नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि भैया जब अधिकारी किसी भी पार्टी को फण्ड देगा और नेताओं को उनकी मांग के अनुसार राशि उपलब्ध करायेगा तो उसकी भरपाई जनता से ही करेगा क्योंकि वह अपनी बीवी के जेवर तक बेचकर तो पार्टी फण्ड या नेताओं को चंदा देने वाला कोई अधिकारी होगा, हमारी पार्टी के शासनकाल में चंदामामाओं की बेहताशा वृद्धि का मूल कारण भी यही है और इन्हीं चंदामामाओं के कारनामों के कारण राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है,
यही नहीं इन्हीं चंदामामाओं की वजह से आज राज्य भ्रष्टाचार के मामले में दूसरे पायदान पर पहुंचने का गौरव भी प्राप्त हुआ है और यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे ही भाजपा शासित प्रदेश महाराष्ट्र को पीछे धकेलकर हम भ्रष्टाचार में प्रथम पायदान पर पहुँच जाएंगे, एक अन्य भाजपा के बुजुर्ग नेता के अनुसार यही वजह जो कारण है जिसके चलते तत्कालीन भारतीय जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमा भारती यह आरोप लगाया करती थीं कि भ्रष्टाचार के चलते राज्य के उन भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की जिनकी हैसियत शिवराज सरकार के सत्ता में काबिज होने के पूर्व एक टूटी साइकिल तक नहीं थी लेकिन आज वह आलीशान भवनों और जग्जरी कारों में फर्राटे लेते जनता पर धुंआ उड़ाते नजर आ रहे हैं भले ही भाजपा नेताओं और मुरैना में पदस्थ एक नगर निरीक्षक के बीच हुई मारपीट की एक घटना में रिश्वत की जंग में इस बात का खुलासा हुआ हो कि उक्त नगर निरीक्षक द्वारा भाजपा के फण्ड में राशि देने के बाद खुलेआम रिश्वत लेने की उसे खुली छूट दी जाती हो,
इस तरह की छूट राज्य के मंत्रालय से लेकर मैदानी इलाकों में पदस्थ हर कोई अधिकारी इन दिनों इस तरह की प्रक्रिया अपनाने में लगा हुआ है। उक्त भाजपा के बुजुर्ग नेता के अनुसार और यही वजह है कि राज्यभर में ऐसे अधिकारी सत्ताधीशों को लक्ष्मी दर्शन कराकर राज्यभर में सरकारी योजनाओं पर डाका डालने का काम कर रहे हैं। बात यदि विकास की करें तो विकास को लेकर हाल ही में शिवराज मंत्रीमण्डल की सदस्य यशोधरा राजे सिंधिया के द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास को लेकर उठाये गये मुद्दों से यह बात साफ हो जाती है कि प्रदेश में सत्ताधीशों और संगठन से जुड़े भाजपाई नेताओं के लक्ष्मी दर्शन के खेल के चलते भ्रष्टाचार की खुली छूट जारी है।
No comments:
Post a Comment