- जयपुर जेल में आतंकवाद के आरोपी कैदियों पर हुए पुलिसिया हिंसक हमले पर रिहाई मंच और अवमेला ने जारी की रिपोर्ट
- जेल प्रशासन अपने को किसी कानून का पाबंद नहीं समझताः अवमेला अध्यक्ष डा0 जावेेद अख्तर
- साम्प्रदायिक मानसिकता से संचालित होता है जेल प्रशासन: रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव
- दो सप्ताह बाद भी घटना पर राजस्थान की कांग्रेस सरकार की प्रतिक्रिया न आना दोषियों के मनोबल को बढ़ाने जैसा हैः राजीव यादव
अवमेला अध्यक्ष और रिहाई मंच महासचिव द्वारा जयपुर ब्लास्ट के आरोप में जयपुर सेंट्रल जेल में कैद आज़मगढ़ के मो0 सैफ, मो0 सलमान, मो0 सरवर और सैफुर्रहमान सहित आतंकवाद क नाम पर कैद अन्य बंदियों की निर्मम पिटाई पर एक संयुक्त रिपोर्ट जारी की गई।
रिपोर्ट जारी करते हुए अवमेला अध्यक्ष डा0 जावेद अख्तर ने कहा जेल में कैद बंदियों के रखरखाव के लिए जेल मैनुअल का प्रावधान है और कैदियों के अधिकारों के जेनेवा कंवेन्शन पर भारत हस्ताक्षरकर्ता भी है उसके बावजूद जयपुर सेंट्रल जेल में जिस तरह से जेल प्रशासन ने हिंसक हमला किया उससे प्रतीत होता है कि जेल प्रशासन अपने को किसी कानून का पाबंद नहीं समझता। उन्होंने कहा कि मार पिटाई की घटना के बाद बुरी तरह घायल बंदियों का समुचित इलाज नहीं करवाया गया जो बंदियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता था। जेल प्रशासन की यह उदासीनता क्रूरता की पराकाष्ठा है।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि देश में आतंकवाद जैसे संवेदनशील मामले में भी जेल प्रशासन का व्यवहार साम्प्रदायिक मानसिकता से संचालित होता है। एक ही तरह के आरोप वाले कैदियों के दो समूहों के प्रति जेल प्रशासन का रवैया बिल्कुल अलग होता है। जयपुर सेंट्रल जेल की घटना के विपरीत असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और अन्य कैदियों के साथ वही जेल प्रशासन अतिथि जैसा व्यवहार करता है जबकि अन्य के साथ दुश्मन देश के नागरिक जैसा।
इस घटना केे दो सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान जारी न होना घटना में शामिल जेल कर्मियों का उत्साह बढ़ाने जैसा है। उन्होंने कहा कि यह राजस्थान सराकर की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह जेल में कैद विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा और उनके साथ कानून के अनुरूप व्यवहार को सुनिष्चित करे।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य मो0 आसिम ने कहा कि मारीपीट की जयपुर जेल में उत्पीड़न की घटनाएं पहले भी हुई हैं लेकिन इस तरह की जघन्य घटना पिछले दस सालों में वहां नहीं हुई थी। कानून और लोकतंत्र की दुहाई देने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार के लिए यह शर्म की बात है। हमने विभिन्न स्तरों पर इस सम्बंध में पत्र लिखें हैं और हम इस मामले को उच्चतम स्तर पर उठाएंगे।
प्रतिनिधमंडल सदस्य शादाब अहमद ने कहा कि जेल की घटना विचलित कर देने वाली है। हम राजस्थान सरकार से मांग करते हैं कि वह मामले की समुचित जांच करवाकर दोशियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करे। इस सिलसिले में एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट से मुलाकात करेगा।
इस अवसर पर मसीहुद्दीन संजरी, विनोद यादव, मो0 अरमान, बांकेलाल यादव, मो0 कौसर, अवधेश यादव आदि उपस्थित थे।
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