प्रियंका चतुर्वेदी के इस्तीफे की पूरी कहानी, कहा: मैंने धमकियां-बदनामी-गालियां झेलीं |
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कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजा है। प्रियंका आज शिवसेना में शामिल होंगी। प्रियंका ने अपना इस्तीफा ट्विटर पर भी पोस्ट किया है। दो पन्नों के इस्तीफे में प्रियंका ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने लिखा, "मैं भारी मन से यह इस्तीफा लिख रही हूं। मैंने 10 साल पहले मुंबई के यूथ कांग्रेस की सदस्य के तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वाइन की थी क्योंकि मैं पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखती थी और मेरा मानना था कि पार्टी समावेशी, उदारवादी और प्रगतिशील राजनीति के नजरिए पर काम करती है।
इन दस सालों में पार्टी ने मुझे राजनीति सीखने और सार्वजनिक जीवन जीने के लिए कई मंच दिए, साथ ही मैंने भी पार्टी के नजरिए और संदेश को आगे ले जाने के लिए काम किया। इन दिनों जब मैं पार्टी के साथ जुड़ी थी तो विपरीत परिस्थितियों में भी मैंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए 100 प्रतिशत से भी अधिक निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम किया।
इन दस सालों में पार्टी ने मुझे राजनीति सीखने और सार्वजनिक जीवन जीने के लिए कई मंच दिए, साथ ही मैंने भी पार्टी के नजरिए और संदेश को आगे ले जाने के लिए काम किया। इन दिनों जब मैं पार्टी के साथ जुड़ी थी तो विपरीत परिस्थितियों में भी मैंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए 100 प्रतिशत से भी अधिक निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम किया।
मुझे आपको यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि मैंने किस हद तक निजी धमकियां, बदनामी और गालियां झेली। यहां तक कि मेरा परिवार और मेरे बच्चे भी इसका शिकार हुए। मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि इन सब के बदले में पार्टी मुझे कुछ देगी या मेरी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करेगी। पिछले कुछ हफ्तों में मुझे कई चीजों से ऐसा महसूस हुआ कि पार्टी में मेरी और मेरे कामों को महत्व नहीं दिया जा रहा है और इसीलिए मैं इस सफर को खत्म करना चाहती हूं।
इसके साथ ही मैं मानती हूं कि अब जितना ज्यादा समय मैं पार्टी में बिताऊंगी उतना ही मेरे आत्म सम्मान और मर्यादा को ठेस पहुंचेगी। मुझे इस बात का दुख है कि एक तरफ पार्टी महिलाओं की सुरक्षा, मान-मर्यादा और सशक्तीकरण की बात करती है और दूसरी तरफ पार्टी के कुछ सदस्यों का आचरण ठीक इसके उलट है। मैं पार्टी की आधिकारिक ड्यूटी पर थी जब मेरे साथ कुछ सदस्यों ने बदसलूकी की।
इसके साथ ही मैं मानती हूं कि अब जितना ज्यादा समय मैं पार्टी में बिताऊंगी उतना ही मेरे आत्म सम्मान और मर्यादा को ठेस पहुंचेगी। मुझे इस बात का दुख है कि एक तरफ पार्टी महिलाओं की सुरक्षा, मान-मर्यादा और सशक्तीकरण की बात करती है और दूसरी तरफ पार्टी के कुछ सदस्यों का आचरण ठीक इसके उलट है। मैं पार्टी की आधिकारिक ड्यूटी पर थी जब मेरे साथ कुछ सदस्यों ने बदसलूकी की।
इतने गंभीर मामले को भी पार्टी ने केवल इसलिए नजरअंदाज कर दिया क्योंकि चुनाव पर इसका बड़ा असर पड़ सकता था। इस अपमान ने मुझे मजबूर कर दिया कि मैं कांग्रेस छोड़ कर बाकी चीजों पर ध्यान दूं।
मैं पार्टी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती हूं, जिन्होंने मुझ जैसी व्यक्ति जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं था, उसका मार्गदर्शन किया और मनोबल बढ़ाया। मैं उन सभी पार्टी कार्यकर्तांओं के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे अपना प्यार दिया, मेरे साथ खड़े रहे और मुझे प्रोत्साहित किया। मुझे संगठन के लिए अपना योगदान देने का अवसर मिला, इसके लिए मैं आभारी हूं।
मैं आपसे आग्रह करती हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करें और तत्काल ही मुझे पार्टी में मेरी भूमिका और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करें।
मैं पार्टी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती हूं, जिन्होंने मुझ जैसी व्यक्ति जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं था, उसका मार्गदर्शन किया और मनोबल बढ़ाया। मैं उन सभी पार्टी कार्यकर्तांओं के प्रति आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे अपना प्यार दिया, मेरे साथ खड़े रहे और मुझे प्रोत्साहित किया। मुझे संगठन के लिए अपना योगदान देने का अवसर मिला, इसके लिए मैं आभारी हूं।
मैं आपसे आग्रह करती हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करें और तत्काल ही मुझे पार्टी में मेरी भूमिका और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त करें।
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