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भोपाल। चोरी गए वाहनों को ट्रेस करने एवं अपराधियों तक पहुंचने में सहायक पोर्टल मध्यप्रदेश पुलिस वेहीकल डिटेक्सन पोर्टल के संबंध में पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों का आज दिनांक 30 मई 2019 को पुलिस कंट्रोल रूम में विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें एसपी नार्थ श्री हेमंत चौहान, एएसपी श्री अखिल पटेल, एएसपी श्री निश्चल झारिया, आईआई श्री विजय कुमार दुबे, इंस्पेक्टर श्री मनोज बैस एवं थानों के एसआई, एएसआई, प्रधान आरक्षक, आरक्षक एवं CSP व ASP ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर समेत करीब 100 अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित रहे।
प्रशिक्षण के शुभारंभ में डीआईजी भोपाल शहर श्री इरशाद वली द्वारा बताया गया कि शहर में वाहन चोरी के वाहनों को ट्रेस करने एवं चोरी की घटनाएं रोकने व अपराधियों तक पहुंचने हेतु मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संचालित मध्यप्रदेश पुलिस वेहीकल डिटेक्सन पोर्टल(MPPVDP) बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है। इसके माध्यम से विशेषकर चोरी गए वाहनों को ट्रेस करना सबसे आसान है। उक्त पोर्टल से वाहनो के चोरी की घटनाओं की पतारसी के साथ-साथ अन्य अपराधों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थी ध्यानपूर्वक व संवेदनशील होकर यह प्रशिक्षण प्राप्त करें ताकि थानों पर पोर्टल का सुचारू रूप से संचालन कर मंशानुसार कार्य किया जा सके।
प्रशिक्षक टीम में श्री अभिषेक श्रीवास्तव, श्री राजेंद्र परोहा एवं श्री राजेश साहू द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि MPPVDP पर थानों में चोरी हुए सभी वाहनों की डिटेल अपलोड की जाती है। पोर्टल को ANPR (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉर्गनेशन) से जोड़ा गया है जो कि मध्यप्रदेश के 60 शहरों में इंस्टॉल किया गया है। जिन चोरी गए वाहनों की डिटेल पोर्टल पर अपलोड है उन्हें यह कैमरे रियल टाइम में स्टोर कर संबंधित थांनो को एलर्ट भेजता है। स्टोर करने के साथ इस सिस्टम में 4 इंट्रीग्रेशन को जोड़ा गया है जिसमे CCTNS, DAIL100, ANPR MPRTO को जोड़ा गया है ताकि पुलिस को सुचारू रूप से चलाने में सहायक हो। यह सिस्टम वेहिकल की हिस्टोरिकल लोकेशन गुगल मैप में प्रोवाइड कराता है। जिन वाहनों की FIR रजिस्टर्ड हो गई है, अगर वह वाहन ANPR के पास से गुजरता है तो जिस थाने में उक्त वाहन चोरी की FIR दर्ज है संबंधित थाने पर SMS के माध्यम से तत्काल सूचना भेजी जाती है जिससे चोरी गए वाहन व वाहन चोर को पकड़ने में आसानी ही जाती है।
जो वाहन चोरी के है उनकी लाइव ट्रैकिंग एवं संबंधित थानों में एलर्ट जारी करता है ( SMS भेजता है ) जिसकी मदद से सस्पेक्टेड वाहनों को पकड़ना आसान हो गया है। इसके माध्यम से हम गाड़ियों की जानकारी चेचिस व इंजन नम्बर से भी मालिक की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस पोर्टल के माध्यम से एक नम्बर की दो गाड़ियां भी अगर दो अलग अलग या एक ही स्थान पर चल रही है वह भी ट्रेस की जा सकती है। इसके अलावा जिन वाहनों में स्टेंडर्ड नम्बर प्लेट नही है उनको भी ट्रेस करने हेतु sms के माध्यम से सूचना करने की सुविधा इस पोर्टल में उपलब्ध हैं।
उक्त पोर्टल को जनवरी 2019 में लांच किया गया है एवं वर्तमान में मध्यप्रदेश के 60 शहरों में यह सुचारू रूप से कार्य कर रहा है। इसे HONEYWELL के साथ DIGIMIND टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा बनाया गया है, जिसे दिल्ली में SKOCH गोल्ड अवार्ड से नॉमिनेट किया जा चुका है।
प्रशिक्षणार्थियों को प्रोजेक्टर पर पोर्टल का डेमो देकर बताया गया कि यह किस तरह से कार्य करता है इसमें क्या-क्या डिटेल्स और कैसे अपलोड करना है के बारे में विस्तृत जानकारी बताई गई एवं थानों पर पोर्टल लॉगिन करने हेतु सभी प्रशिक्षणार्थियों को पोर्टल की ID एवं PASSWORD प्रोवाइड कराए गए।
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