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लखनऊ। राजधानी की हजरतगंज पुलिस ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस की दलील है कि उन पर लगाए आरोप की पुष्टि नहीं हो रही है। यानी पुलिस अब अमिताभ के आरोप को झूठ मान रही है और इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट मिल गयी है। अमिताभ ने मामले को सीजेएम कोर्ट में ले जाने का एलान किया है।
हजरतगंज कोतवाली के एक सिपाही ने अमिताभ ठाकुर की तहरीर के संदर्भ में गुरुवार को एक पत्र अमिताभ ठाकुर के घर पर उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को रिसीव कराया। यह पत्र 17 जुलाई की तारीख में प्रेषित है और हजरतगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर विजयमल सिंह यादव ने इसमें कहा है कि ठाकुर ने 11 जुलाई को जो शिकायत की, उसके संपूर्ण प्रकरण की जांच करायी गयी। जांच से प्रार्थनापत्र में अंकित आरोप की पुष्टि नहीं होती है, अत: प्रार्थनापत्र निस्तारित किया जाता है। अमिताभ ने फोन के जरिये मुलायम पर धमकी देने का आरोप लगाया था। इस जांच पर पूर्ण असहमति व्यक्त करते हुए ठाकुर ने कहा है कि इसमें आरोपों की पुष्टि नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया गया है और सतही तौर पर निष्कर्ष निकाल लिया गया है। ठाकुर ने पुलिस पर दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने 11 जुलाई को थाने पर एफआइआर न होने पर 22 जुलाई को एसएसपी लखनऊ को 156 (3) सीआरपीसी में आवेदन किया था।
जांच में नहीं मिला अपराध
राजधानी पुलिस का दो टूक कहना है कि निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर के प्रार्थना पत्र की जांच में कोई अपराध नहीं मिला। एसएसपी राजेश पांडेय के मुताबिक अमिताभ ठाकुर की ओर से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दिए प्रार्थनापत्र की जांच में कोई अपराध बनता नहीं पाया गया। कोर्ट के निर्देशानुसार शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट से अवगत करा दिया गया है।
लखनऊ। राजधानी की हजरतगंज पुलिस ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने की शिकायत को सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस की दलील है कि उन पर लगाए आरोप की पुष्टि नहीं हो रही है। यानी पुलिस अब अमिताभ के आरोप को झूठ मान रही है और इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट मिल गयी है। अमिताभ ने मामले को सीजेएम कोर्ट में ले जाने का एलान किया है।
हजरतगंज कोतवाली के एक सिपाही ने अमिताभ ठाकुर की तहरीर के संदर्भ में गुरुवार को एक पत्र अमिताभ ठाकुर के घर पर उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को रिसीव कराया। यह पत्र 17 जुलाई की तारीख में प्रेषित है और हजरतगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर विजयमल सिंह यादव ने इसमें कहा है कि ठाकुर ने 11 जुलाई को जो शिकायत की, उसके संपूर्ण प्रकरण की जांच करायी गयी। जांच से प्रार्थनापत्र में अंकित आरोप की पुष्टि नहीं होती है, अत: प्रार्थनापत्र निस्तारित किया जाता है। अमिताभ ने फोन के जरिये मुलायम पर धमकी देने का आरोप लगाया था। इस जांच पर पूर्ण असहमति व्यक्त करते हुए ठाकुर ने कहा है कि इसमें आरोपों की पुष्टि नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया गया है और सतही तौर पर निष्कर्ष निकाल लिया गया है। ठाकुर ने पुलिस पर दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उन्होंने 11 जुलाई को थाने पर एफआइआर न होने पर 22 जुलाई को एसएसपी लखनऊ को 156 (3) सीआरपीसी में आवेदन किया था।
जांच में नहीं मिला अपराध
राजधानी पुलिस का दो टूक कहना है कि निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर के प्रार्थना पत्र की जांच में कोई अपराध नहीं मिला। एसएसपी राजेश पांडेय के मुताबिक अमिताभ ठाकुर की ओर से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ दिए प्रार्थनापत्र की जांच में कोई अपराध बनता नहीं पाया गया। कोर्ट के निर्देशानुसार शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट से अवगत करा दिया गया है।