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नई दिल्ली। देश में हुए सबसे बड़े बैंक घोटाले के आरोपी गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी पर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने बड़ा एक्शन लिया है। ईडी ने मेहुल चोकसी की 41 अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों की कीमत करीब 1217 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पीएलएमए के तहत जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई स्थित 15 फ्लैट और 17 ऑफिस, कोलकाता स्थित शॉपिंग मॉल और अलीबाग में चार एकड़ जमीन पर बना फार्महाउस शामिल हैं। इसके अलावा अटैक की गई संपत्ति में अलीबाग, नासिक, नागपुर, पनवेल व विल्लुपुरम में 231 एकड़ जमीन में फैले छह पार्सल और आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले में 170 एकड़ में फैला एक हार्डवेयर पार्क शामिल हैं। इस हार्डवेयर पार्क की कीमत 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है।इसके अलावा आयकर विभाग के अनुरोध पर ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ अलग-अलग लुकआउट नोटिस/ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए जा चुके हैं। आपको बता दें कि हीरा व्यापारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चोकसी से संबंधित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में और 1,300 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसके बाद बैंक को लगी कुल चपत की रकम बढक़र 12,600 करोड़ रुपये हो गई है।
ईडी नीरव मोदी द्वारा की गई घोटाले की रकम का पता लगाने में जुटी है और एजेंसी ने पाया है कि इस रकम का कुछ हिस्सा अमेरिका के डेलावरे राज्य में भेजा गया है। एजेंसी नीरव मोदी की डेलावरे स्थित कंपनियों की जांच कर रही है। डेलावरे अमेरिका का एक कर-मुक्त राज्य है और यहां पूरे देश से बड़ी संख्या में कंपनियां आकर्षित होती है तथा यहां पंजीकरण कराती है।
ईडी सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि नीरव मोदी ने भारतीय बैंकों से ली गई घोटाले की रकम यहां तो नहीं भेजी थी, क्योंकि जांच के दौरान मिले दस्तावेजों से ऐसे संकेत मिले हैं। वे यह भी जांच रहे हैं कि अमेरिका में तो किसी शेल कंपनी का गठन नहीं किया गया था। इससे पहले नीरव मोदी की अमेरिकी कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक ने न्यूयार्क की अदालत में चैप्टर 11 के तहत दिवालिया होने की अर्जी दाखिल की है।
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