Sunday, January 5, 2014

वन्या संस्थान गड़बड़ियों का गढ़ बना

toc news internet channel 

रवि अवस्थी, भोपाल। आदिम जाति कल्याण विभाग की शाखा वन्या में क्या जंगलराज है। नहीं तो फिर वहां कानून का राज्य क्यों नहीं? क्यों वन्या एक अधिकारी विशेष की ऐशगाह व चारागाह बन कर रह गया? वन्या को लेकर सरकार क्यों आंखों पर पटÞटी बांध लेती है। ऐसे कई सवाल है,जो प्रदेश के  आदिवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जाग्रत करने,उनमें शिक्षा के प्रति अलख जगाने तथा आदिवासी साहित्य व संंस्कृति को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए गठित इस संस्था क ी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं। इसके गठन से लेकर अब तक यहां अनेक गड़बड़ियां सामने आई। इसके चलते कुछ सालों तक इसकी गतिविधियों पर अंकुश लगा और इसका कार्यालय एक सरकारी गोदाम बन कर रह गया। भाजपा शासन काल में इसके पुनर्जीवित होते ही वन्या में अराजकता और बढ़ गइं।

वन्या में गड़बड़ियों की फेहरिस्त लंबी है,लेकिन इस संस्थान की कार्यशैली जानने के लिए एक ताजा बानगी ही काफी है,प्रदेश में लागू समग्र स्वच्छता अभियान। केंद्र प्रवर्तित इस योजना को राज्य में क्रियान्वित करने का सीधा जिम्मा यहां के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का है। जो त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के तहत इसे अंजाम देता है।  गांव-गांव में सफाई के प्रति लोगो में अलख जगाने के इस महाअभियान का उद्देश्य बेहद नेक है। फंड भी भरपूर। इसी बात का फायदा वन्या ने भी उठाया। सूबे के आदिवासी बहुल जिलों के ग्रामीण इलाकों में इस अभियान को चलाने के लिए चार साल पहले वन्या ने एक प्रस्ताव ग्रामीण विकास विभाग को सौंपा। यह प्रस्ताव एक सरकारी संस्था का था, लिहाजा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कोई ना नुकुर किए बिना वन्या को करीब डेढ़ दर्जन जिलों या यूं कहे कि सभी आदिवासी विकासखंडों में इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करने की काम सौंप दिया।

पेटी कांट्रेक्ट पर सौंपा काम 

ग्रामीण विकास विभाग से स्वीकृति मिलते ही वन्या ने  यह कार्य ‘पेटी कांटेÑक्ट’ की तर्ज पर राजधानी की ही एक निजी स्वयं सेवी संस्था को सौंप दिया। जानकार सूत्रों की माने तो इस प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं अपनाई गई। अपनी मनचाही एक संस्था को बुला कर सीधे-सीधे इस कार्य को करने के आदेश जारी हुए। इस संस्था  ने भी जनजाग्रति के इस कार्य को जिस तेज गति से अंजाम दिया। वह अपने आप में न केवल एक मिसाल है,बल्कि कार्य की वास्तविकता भी संदिग्ध बनाती है। बानगी जानिए,कार्यालय जिला पंचायत खंडवा ने वन्या प्रबंध संचालक के नाम गत  17 फरवरी 2009 को जिले के 158 गांवों में उक्त अभियान के तहत प्रचार-प्रसार का प्रस्ताव स्वीकृत किया। इसके तहत प्रचार रथ,नुक्कड़ नाटक, गीत संगीत मंडली व वीडियो वेन के जरिए प्रदर्शन किया जाना तय था। इसके लिए अलग-अलग दरे भी तय की गर्इं। इसी बीच एक अन्य आदेश इसी साल 20 फरवरी को ऐसा ही एक आदेश जिला पंचायत धार ने अपने जिले के चार जनपद पंचायतों के  लिए वन्या को सौंपा। खंडवा और धार की दूरी तकरीबन दो सौ किमी है। हैरत की बात यह,कि उक्त संस्था ने दोनों ही जिलों के समूचे गांवों में महज 15 दिन में प्रचार प्रसार पूरा कर क्रमश: करीब 16 लाख व साढ़े तीन लाख का भुगतान भी हॉसिल कर लिया। नया बजट आते ही अगला आदेश रीवा जिला पंचायत का हॉसिल कर वहां इस कार्य को अंजाम दिया गया।

जागरूकता में भी पुराने लक्ष्य की पूर्ति

आम तौर पर जागरुकता कार्यक्रम एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है,लेकिन आपको यह  जान कर हैरत होगी कि जिला पंचायतें इस मामले में भी बेकलॉग पूर्ति की तरह काम कर रही हैं। मसलन, जिला पंचायत बड़वानी ने गत 29अगस्त 2009 को वन्या प्रबंध संचालक के नाम उक्त कार्यक्रम के तहत एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि जिले में वर्ष 2007-08 क ी  139 ग्राम पंचायतों  व वर्ष 2008-09 में 12 ग्राम पंचायतों में उक्त जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाना लंबित है,लिहाजा वन्या इन सभी गांवों में वन्या को दो हजार से 32 सौ रुपए प्रति कार्यक्रम की दर से कार्यादेश जारी किया गया। 

वन्या ने एक बार फिर उक्त संस्था पर भरोसा जतायाऔर करीब 15 लाख के इस काम को महज एक पखवाड़े में अंजाम देकर जिला पंचायत को देयक थमा दिए। हैरत की बात यह,कि इसी अवधि में वन्या के माध्यम से उक्त संस्था ने करीब आठ लाख रुपए का जागरुकता कार्य उज्जैन जिला पंचायत से भी हॉसिल किया और जिले के करीब सौ गांव में इस कार्यक्रम को पूरा कर पंचायत को देयक थमा दिए गए। उज्जैन व बड़वानी की दूरी तीन सौ किमी से अधिक है लेकिन दोनो ही जिलों में महज 15 दिन से भी कम अवधि में उक्त कार्य को पूरा होना बता कर भुगतान भी हॉसिल कर लिया गया। अगले माह किसी और अन्य पंचायत से काम न मिल पाने की स्थिति में वन्या ने एक बार जिला पंचायत उज्जैन का दरवाजा खटखटाया। 

जिला पंचायत भी मानो इस कार्य के लिए उधार थी। उसने अक्टूबर माह के लिए तय कार्यक्रम को पूरा करने का आदेश 24 सितंबर को वन्या को सौंपा। इसके तहत जिले के सौ गांव में एक बार फिर उक्त जागरूकता  कार्यक्रम चलाया जाना तय किया गया। इसी माह में एक अन्य आदेश 30 सितंबर को जिला पंचायत विदिशा से हॉसिल किया गया और यहां भी संस्था ने करीब सौ गांव में उक्त कार्यक्रम करना बता कर दोनों ही पंचायतों से महज एक पखवाड़े में क्रमश: सवा तीन लाख व साढ़े पांच लाख रुपए का भुगतान हॉसिल किया।

हर महीने लाखों का भुगतान

वन्या अपने और किसी काम के प्रति भले ही संजीदा न हो लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के  समग्र स्वच्छता कार्यक्रम में उसकी तल्लीनता का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि संस्था ने लगातार तीन सालों तक हर माह किसी न किसी जिले में कभी एक साथ दो-दो जिलों मे ंउक्त कार्यक्रम करना दर्शाया और बदले में लाखों रुपए का भुगतान भी हॉसिल किया। यानि संस्था का टर्न ओवर उक्त कार्यक्रम से ही प्रति माह पांच से दस लाख रुपए रहा। वर्ष 2009 में ही खंडवा व धार जिला पंचायतों ने एक बार फिर उक्त कार्यक्रम चलाया गया।  इसमें भी बेकलॉग वाले सालों के कार्यक्रमों को वरीयता देते हुए संस्था को एक बार फिर दोनों ही जिलों ने करीब साढ़े 18 लाख रुपए का भुगतान किया। 

दोनों ही जिलों की जिला पंचायतों की कार्यशैली में इतनी समानता कि एक बार फिर  उक्त आदेश एक दिन के अंतराल यानि 21 अक्टूबर 2009 व 22 अक्टूबर 2009 को जारी किए गए। खंडवा जिला पंचायत ने उक्त कार्यादेश जारी किया और दस दिन के अंतराल से वन्या प्रबंध संचालक ने पंचायत को कार्यक्रम करने वाली संस्था को भुगतान करने का पत्र लिख दिया। इस त्वरित कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा सकता है,कि खंडवा जिले के सौ से अधिक गांवों में उक्त कार्यक्रम को किस द्रुत गति से  अंजाम दिया गया। वह भी तब जब यही कार्य समान दिवसों में दो सौ किमी से अधिक दूरी पर धार जिले में भी चलाया जा रहा था।  यही स्थिति वर्ष 2010 ,वर्ष 2011 व 2012 में भी रही। उक्त संस्था ने वन्या के मार्फत वर्ष 2011 के मार्च में टीकमगढ़ के सौ गांव,मई में रतलाम के 60 गांव में तथा जुलाई में सागर जिले में  27 सौ कार्यक्रम किए। 

इस तरह महज पांच माह में संस्था ने इन पंचायतों से क्रमश: 8 लाख ,साढ़े तीन लाख व 43 लाख रुपए का भुगतान हॉसिल किया। वर्ष 2011 में भी जिला पंचायत धार इस कार्यक्रम के प्रति बेहद समर्पित रही और उसने 9 सितंबर को ही दो अलग-अलग कार्यादेश जारी कर उक्त संस्था को क्रमश:सवा आठ लाख व सवा 11लाख के काम स्वीकृत किए। आठ दिन बाद ही एक अन्य आदेश खरगौन जिला पंचायत ने भी उक्त संस्था को करीब साढ़े 15 लाख रुपए का कार्यादेश दिया और इस तरह महज एक पखवाड़े में ही एक बार फिर उक्त दोनों जिलों के सैकड़ों गांव में प्रचार- प्रसार का काम पूरा करने का कीर्तिमान बनाया। वर्ष 2012 में खरगौन जिला पंचायत ने 13 मार्च को जिले के 104 गांव और 11 जुलाई को 124 गांवों में प्रचार-प्रसार का कार्यादेश जारी किए और करीब तीस लाख रुपए का भुगतान इन दो माह मेंउक्त संस्था को किया गया। इसी वर्ष में अलीराजपुर व अशोकनगर जिला पंचायतों के तहत भी उक्त अभियान इसी संस्था के माध्यम से चलाया गया।

आदेश वन्या का भुगतान एनजीओ को 

उक्त स्थिति से स्पष्ट है,कि केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बजट को किस तरह ठिकाना लगाया गया। हैरत की बात यह,कि ग्रामीण विकास विभाग ने उक्त अभियान को क्रियान्वित करने का काम आदिम जाति कल्याण विभाग के उक्त सरकारी उपक्रम वन्या को सौंपा था,लेकिन वन्या ने स्वयं यह कार्य न करते हुए एक स्वयं सेवी संस्था को उपकृत किया। अब ऐसे में सवाल यह भी पैदा होता है,कि इस अभियान को हाथ में लेने से वन्या को क्या आर्थिक लाभ हुआ? बताया जाता है,कि उक्त संस्था वन्या के  ही एक अधिकारी की जेबी संस्था है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है,कि संस्था को कार्यादेश मिलने के महज दस से 15 दिन के अंतराल में ही वन्या के  प्रबंध संचालक की ओर से सभी जिला पंचायतों को भुगतान करने के लिए पत्र लिखा गया। यह प्रक्रि या हर बार दोहराई गई।

हस्ताक्षर में भी फर्जीवाड़ा 

 उक्त कार्यक्रम में संस्था की ओर से जिला पंचायतों को देयक थमाए गए उनमें किसी में भी देयक जारी करने की तिथि अंकित नहीं है। यही नहीं संस्था के देयकों में संस्था के पंजीकृत कार्यालय का भी अलग-अलग ब्यौरा है। कार्यक्रम क्रियान्वयन को संदेहास्पद बनाने वाला अहम तथ्य यह कि हर देयक में किसी अश्विन शर्मा का नाम अंकित है,लेकिन प्राय: हर देयक में उनके हस्ताक्षर अलग-अलग हैं।

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news