लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पैसे को लेकर एक बड़ा आरोप लगा है, उन चुनावों में हुए खर्चों का व्योरा न देने का आरोप लगा है.
पीएम मोदी के चुनावी खर्च की जांच कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने यह याचिका दाखिल की है और मांग की है कि चुनावी खर्च का सही ब्यौरा न देने कारण वाराणसी सीट से नरेंद्र मोदी के चुनाव को रद्द की जाए.
याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त को प्रधानमंत्री के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए खर्च की जांच एक माह के भीतर करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.
हालांकि इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी नहीं बनाया गया है बल्कि मुख्य चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त व महानिदेशक (चुनावी खर्च) को पार्टी बनाया गया है.
हाईकोर्ट में राजेश मिश्रा की यह याचिका अधिवक्ता केसी मित्तल ने दायर की है जिसमे कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव के खर्च की सही जानकारी नहीं दी है.
चुनावी खर्च का जो ब्यौरा दिया गया है उसके मुताबिक नरेंद्र मोदी के चुनाव का खर्च 37 लाख रुपये बताया गया है लेकिन मिश्रा का कहना है कि उनका चुनावी खर्च इससे कहीं ज्यादा हुआ है.
मिश्रा ने कहा कि यह खर्च 70 लाख रुपये की तय सीमा से भी कहीं ज्यादा है.उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत मुख्य चुनाव आयोग को 6 जून 2015 को दी गयी थी लेकिन अभी तक इस समंध में उन्हें को जवाब नहीं मिला है.
पीएम मोदी के चुनावी खर्च की जांच कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.
कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने यह याचिका दाखिल की है और मांग की है कि चुनावी खर्च का सही ब्यौरा न देने कारण वाराणसी सीट से नरेंद्र मोदी के चुनाव को रद्द की जाए.
याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त को प्रधानमंत्री के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए खर्च की जांच एक माह के भीतर करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.
हालांकि इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी नहीं बनाया गया है बल्कि मुख्य चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्त व महानिदेशक (चुनावी खर्च) को पार्टी बनाया गया है.
हाईकोर्ट में राजेश मिश्रा की यह याचिका अधिवक्ता केसी मित्तल ने दायर की है जिसमे कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव के खर्च की सही जानकारी नहीं दी है.
चुनावी खर्च का जो ब्यौरा दिया गया है उसके मुताबिक नरेंद्र मोदी के चुनाव का खर्च 37 लाख रुपये बताया गया है लेकिन मिश्रा का कहना है कि उनका चुनावी खर्च इससे कहीं ज्यादा हुआ है.
मिश्रा ने कहा कि यह खर्च 70 लाख रुपये की तय सीमा से भी कहीं ज्यादा है.उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत मुख्य चुनाव आयोग को 6 जून 2015 को दी गयी थी लेकिन अभी तक इस समंध में उन्हें को जवाब नहीं मिला है.