1200 पदों पर अतिथि विद्वानों के आमंत्रण की प्रक्रिया आरंभ की गई कैलेण्डर जारी हुआ |
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भोपाल : उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लगभग 1200 पदों पर अतिथि विद्वानों की चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। यह प्रक्रिया 4 से 6 मार्च 2020 बीच संपन्न होगी।
क्र
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विवरण
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निर्धारित तिथि /अवधि
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1.
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नई नियुक्ति/स्थानांतरण के फलस्वरूप फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के विकल्प भरने का अवसर
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4 मार्च, 2020 से 6 मार्च, 2020
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2.
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मेरिट अनुसार अतिथि विद्वानों को महाविद्यालय का आवंटन
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9 मार्च, 2020
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3.
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अतिथि विद्वानों द्वारा संबंधित महाविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने हेतु अवसर
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11 मार्च, 2020 से 13 मार्च, 2020
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4.
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महाविद्यालयों द्वारा अतिथि विद्वानों की ज्वाईनिंग का पोर्टल पर अपडेशन
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14 मार्च, 2020
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श्री पटवारी ने बताया कि मेरिट सूची का प्रकाशन 9 मार्च को किया जाएगा। चयनित अतिथि विद्वानों को महाविद्यालयों द्वारा आमंत्रण और अतिथि विद्वानों द्वारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 11 से 13 मार्च निर्धारित की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों, ग्रंथपालों और क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया निरन्तर है। अत: इसे अद्यतन करते हुए अगले चरण के लिये रिक्त पदों की गणना की गई है। इसके अलावा 450 नवीन पदों के महाविद्यालयवार, विषयवार सृजन का आदेश प्रसारित होने की प्रक्रिया भी प्रचलन में है। इस प्रकार अगले चरण में लगभग 1200 पदों पर चॉइस फिलिंग के लिये कैलेण्डर जारी कर दिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग में वर्तमान में लगभग 4 हजार 193 अतिथिविद्वान हैं, जिनमें से 2 हजार 529 महाविद्यालयों में कार्यरत हैं जबकि एक हजार 664 नवीन नियुक्तियों अथवा स्थानांतरण के फलस्वरूप फॉलेन आउट हैं। फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के लिये रिक्त पदों के विरूद्ध चॉइस फिलिंग कराकर मेरिट सूची के अनुसार महाविद्यालय आवंटन प्रक्रिया लगातार जारी है। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार यदि कोई अतिथि विद्वान आवंटित महाविद्यालय में कार्यभार ग्रहण नहीं करता तो उसे आगामी प्रक्रिया से बाहर कर दिया जायेगा।
श्री पटवारी ने बताया कि कुछ ऐसे अतिथि विद्वान भी हैं, जो निर्धारित समय-सीमा के बाद महाविद्यालयों में उपस्थित हुए हैं अथवा अग्रणी महाविद्यालयों के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों द्वारा एक महाविद्यालय में पद भरने के कारण दूसरे महाविद्यालयों में भेजे गये हैं। ऐसे प्रकरणों का सत्यापन किया जा रहा है, ताकि रिक्त पदों की सही स्थिति स्पष्ट हो सके। सत्यापन का दायित्व आयुक्त उच्च शिक्षा ने प्राचार्यों को दिया है।