जिला प्रशासन डा.सुषमा के सामने नपुंसक बन बंगले पर जबरियां कब्जा
ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99939 93300
(होशंगाबाद // टाइम्स ऑफ क्राइम)
डॉक्टर सुषमा डॉयन का हमदर्द
पिपरिया डॉ. सुषमा वर्मा के षडय़ंत्र में शामिल एक बिजिलेन्स अधिकारी जो महती भूमिका अदा करता, बेवजह अपनी धौंस के चलते आई.ए.एस. अधिकारियों से सम्बन्ध के नाम पर शरीफों को जर्बदस्ती फंसानें की योजना को अन्जाम देता है। ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' शीघ्र इस अधिकारी के कारनामों का खुलासा करेगा। खुलासा सिद्ध करेगा की आखिर डॉ. श्रीमती सुषमा वर्मा कितनी बड़ी षडय़ंत्रकारी हैं। जो अपनी रूपयों की हवस पूरी करने के लिए कैसे-कैसे मकडज़ाल तैयार करती है। शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाना है तो होशंगाबाद जिला चिकित्सा प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली अपना लो, खुब नियमों से बलात्कार करो और मजा मारो। ऐसी कार्यप्रणाली के आगे आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉ. श्रीमती सुषमा ठाकुर (वर्मा) शासकीय खजानें को लाखों रूपये का चूना लगाने में सफल हो गई है। डॉ. सुषमा शासकीय सम्पत्ति को अपने बाप की बपौती समझने वाली शासकीय डॉक्टर अस्पताल परिसर के एक विशाल बंगले पर अजगर की तरह पसर कर राज कर रही है। वहीं जिला स्वास्थ्य प्रशासन नपुंसक मुद्रा में अपनी धांधलीबाजी, सेटिंग के आगे नसमस्तक हो गये है। आखिर शासन को छति पहुंचाने में किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों का हाथ है उनके खिलाफ भी शासकीय सम्पत्ति पर कब्जा करवाकर रखने का षडय़ंत्र एवं लापरवाही पर सस्पेंड कर जांच की जाना चाहिए वहीं सालों से लगाये गये चूने की रकम वसूली जाना चाहिए। अगर नहीं तो इन भ्रष्टाचारी जांच अधिकारियों को कार्य मुक्त कर नयें ईमानदार अधिकारी को जांच सौंप कर शासन को पहुंचाई जा रही छति से बचाना चाहिये। वर्ना ये विभाग में बैठे सम्बन्धित अधिकारी एक दिन शासन की सम्पत्ति को बेच खायेगे। उल्लेखनीय है डॉ. सुषमा ठाकुर उर्फ श्रीमती सुषमा वर्मा, मेडिकल आफिसर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया में विगत 18 सालों से पदस्थ हं। वहीं शासकीय लाभ अर्जित करने और रूपये की हवस पूरी करने के लिये डॉ. सुषमा कई षडय़ंत्रों को अंजाम देती है। विगत तीन वर्षों से डॉ. सुषमा की हरकतों से पूरा स्वास्थ्य विभाग परेशान है वहीं फर्जी शिकायतों का अम्बार हो गया है। डॉ. सुषमा ठाकुर जिसका पति श्याम कुमार वर्मा जो वकालत से वास्ता रखते हैं। उन्हीं के द्वारा बेकसूरों को किन्ही तरीके से फंसा कर अपनी मंशा पूरी करने की रणनीति बनाई जाती है।
आज वल्लभ भवन भोपाल प्रमुख सचिव से लेकर पिपरिया खण्ड चिकित्सा अधिकारी तक इनके घमासान में अपनी नीदें गवां चुके है। माजरा यह है कि डॉ. सुषमा अपनी अवैध कमाई प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती, वही विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ कई बार षडय़ंत्र कर चूकी है। जिसका परिणाम कई पीडि़तों ने मानसिक और आर्थिक तौर पर भुगता है। परन्तु भ्रष्ट अधिकारियों की लाड़ली डॉ. सुषमा डॉयन को बार-बार शासन को छति पहुंचा कर भी लाभ पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मामला शासकीय आदेश के पालन और उल्लघंन का है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी होशंगाबाद क्रमांक/भवन/07/12610 दिनांक 28/10/2007में तत्कालीन अधिकारी ने शासकीय आवास गृह रिक्त करने के आदेश दिये थे जिसमें 7 दिवस का समय देते हुये समय सीमा मेें आवास रिक्त करने की चेतावनी दी थी। आवास खाली नहीं करने की दशा में एक पक्षीय कार्यवाही शासनादेशों अनुरूप करने की चेतावनी दी थी। वहीं हिदायत देते हुये की पिपरिया में डॉ. सुषमा ठाकुर (कभी-कभी वर्मा/कभी-कभी ठाकुर) का स्वयं का आवास है। जिस को बकायदा शासकीय विभाग को किराये पर दे रखा है जहां पर विभाग को किराये पर दे रखा है जहां पर परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना पिपरिया जिला होशंगाबाद का कार्यालय संचालित है जिससे प्रतिमाह किराया वसूला जा रहा है। (बॉक्स में कार्यालय कलेक्टर होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 17752/व.लि. 2/2008 दिनांक आदेश की छाया प्रति)। अपने माल पर कमाई और शासकीय माल पर लुटाई, आखिर नियमों की धज्जियां उड़ाने का सोचा समझा षडय़ंत्र नहीं तो क्या है। परन्तु ना जाने क्यों जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) होशंगाबाद शासकीय सम्पत्ति को छति पहुंचाने वाली डॉ. सुषमा ठाकुर को क्यों रियायत देकर शासन को चूना लगाने के षडय़ंत्र में शामिल है। ये सब तो चलता रहेगा परन्तु शासन की छति की वसूली क्या षडय़ंत्रकारी सहयोगियों से की जा सकेगी। शासन के उच्चाधिकारी अभी भी नहीं चेते तो राजस्व हानि में इस साल भी बढ़ोतरी होगी जिसकी रिपोर्ट बना कर शासन को भेज दी जायेगी और जिला प्रशासन दांत निपोरते नजर आयेगें। ''टाइम्स ऑफ क्राइमÓÓ सदैव अपने कत्र्तव्य के प्रति सजग सटीक और पोल खोल खबरों को प्रकाशित कर उन घपलेबाजों को बेनकाब करता रहेगा जो ऐसा शासकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर आपके पास भी सम्बन्धित खबरों से सम्बन्धित अन्य जानकारी है, जो आप हमारे पाठकों के साथ बांटना चाहते हैं तो हमें सम्पर्क करें। आगे के अंक में खुलासा होगा पिपरिया खण्ड चिकित्सालय में दरवाजा खिड़की खोल कर करवाई की गई डिलीवरी और षडय़ंत्रकारियों का।
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