क्राइम रिपोर्टर// विनोद साहू (सागर //टाइम्स ऑफ क्राइम)
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने सुरक्षा गार्ड के टेंडर को लेकर अब तक फायनल निर्णय नहीं लिया है। टेंडर 10 जनवरी को विवि में बनी कमेटी और टेंडर प्रतिनिधियों के सामने खोले जा चुके है। बावजूद इसके दो माह निकल जाने के बाद अभी तक आदेश नही निकाला जा रहा है। खबर विवि में यह उड़ रही है कि विवि बाम्बे इन्टेलीजेन्स सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड को कार्य करने क जिम्मेदारी सौंप सकती है। दूसरी तरफ विवि में 25 साल से सेवायें दे रहे सुरक्षा सैनिकों का सवाल है, जो इस समय विवि का सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अपने उपर लिये बैठे है। इनके द्वारा ही विवि प्रशासन को सुरक्षा लेकर सारी जानकारी मुहैया कराई जा रही है। विवि में इस समय एक सौ से अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। उन्हें गार्ड का टेण्डर फायनल हो जाने के बाद क्या जिम्मेदारी दी जायेगी इस पर अभी कुछ निर्णय नहीं हुआ है। बताया गया है कि सिक्योरिटी गार्ड को लेकर तीन टेण्डर प्राप्त हुये थे। जबकि मध्य प्रदेश में लगभग पांच सौ सिक्योरिटी एजेन्सी चल रही है। इतने बड़े टेण्डर में सिर्फ तीन एजेन्सीयों ने ही बोली लगाई इस बात को भी शक की नजरों से देखा जा रहा है। जिसमें सबसे कम दर का टेण्डर जबलपुर की विक्टर गार्ड एण्ड डिटेक्टिव प्रा. लिॅ का था। इसके अलावा एक अन्य टेण्डर ईगल कंपनी भोपाल का था। जिससे जबलपुर सिक्योरिटी गार्ड को टेण्डर मिलने की सम्भावना है। दूसरी और बाम्बे इन्टेलीजेन्स सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड बाम्बे का टेण्डर है। जिस पर कुलपति के द्वारा मेहरबानी किये जाने की चर्चा विवि के गलियारों में चल रही है। विवि जानकारों का यहां तक कहना है कि कुलपति महाराष्ट्र के है। ऐसे में बाम्बे सिक्योरिटी इंडिया को विवि में कार्य करने का अवसर मिल सकता है। अभी तक इसको लेकर कमेटी ने कोई फायनल निर्णय नहीं दिया है। तब मामला कुलपति पर अटका है। इनके द्वारा फायनल निर्णय लेने के बाद ही सिक्योरिटी गार्ड का निर्णय हो पायेगा। बताया गया है कि टेण्डर की प्रक्रिया में नियम है कि राशि का टेण्डर भरकर सेवा शर्तों के तहत कार्य करने वालों को कार्य करने का मौका दिया जाता है। अब सिक्योरिटी गार्ड के टेण्डर को लेकर विवि क्या अंतिम निर्णय लेता है यह तो आने वाला समय बताएगा। प्रेजेन्टेशन के आधार पर सागर विवि सुरक्षा एजेन्सी का निर्णय लेगा अभी जो गार्ड लगाये गए हैं। ''टाइम्स ऑफ क्राइमÓÓ एजेन्सी ने सागर शहर की सुरक्षा व्यवस्था को रात्री कालिन में देखा तो विवि में आधे से अधिक सुरक्षा गार्ड अपने ड्यूटी प्वाइंटों पर ही नहीं मिले और कुछ मिले तो वो सोते हुये पाए गए। सागर विवि के माननीय कुलपति यदि विवि की सुरक्षा व्यवस्था नहीं हाथों में देना चाहते है तों दुबारा टेण्डर प्रक्रिया का सही रूप से विज्ञापन देकर अधिक से अधिक सुरक्षा एजेन्सीयों को आमंत्रित करें। उन एजेन्सीयों का कार्य कीन संस्थानों में चल रहा है व गार्डों को कहां से प्रशिक्षण दिया जाता है और उपरोक्त एजेन्सी को साबर आई जी से लाइसेंस प्राप्त है कि नहीं। सारी प्रक्रियाओं पर गौर करके सही संस्था के हाथों में विवि की सुरक्षा व्यवस्था की गाडोर सौंपे। ताकि इस विवादित स्थिति की विराम मिल सके एंव केंद्रीय विश्वविद्यालय को सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। ह्व
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