प्रतिनिधि//अहद अहमद सिद्दीकी (शहजादे)
(इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 99362 २९४०१
माह भर बाद भी पुलिस नहीं जागी,डी.आई.जी. करा रहें हैं जांच
बेईज्जती के साथ अल्पसंख्यक महिलाओं-बच्चों पुरूषों को किया गया था बेघर, थानेदार ने भी दुत्कार कर भगाया।
(इलाहाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम) प्रतिनिधि से सम्पर्क 99362 २९४०१
माह भर बाद भी पुलिस नहीं जागी,डी.आई.जी. करा रहें हैं जांच
बेईज्जती के साथ अल्पसंख्यक महिलाओं-बच्चों पुरूषों को किया गया था बेघर, थानेदार ने भी दुत्कार कर भगाया।
इलाहाबाद।कोरांव। किसी ने सच ही कहा है देवी दुर्बलौ घातक:। यह कहावत चरितार्थ होती है, एक गरीब अल्पसंख्यक पिछड़ी जाति के परिवार पर। और फिर ताज्जुब होता है कि जिले की कानून व्यवस्था और पुलिसिया कार्यवाही पर, जिसने सरहंगो द्वारा बड़ी बेदर्दी से कानून को हाथ में लेते हुए मुद्दतों से बसे एक परिवार की महिलाओं, बच्चों, पुरूशों को बेईज्जती के साथ घर से पकड़ कर बाहर निकाला और गृहस्थी का सारा सामान फेंका, फिर उक्त मजलूमों की आरजू-मिन्नत को अनदेखी करते हुए उस गरीब मुनौव्वर अंसारी की पूरी मुद्दतों से बने मकान को यह कहकर ३१ दिसम्बर को जमींदोज कर दिया था कि तुम लोग मेरी जमीन में बसे हो।
बता देंकि हडिय़ा पुरवा निवासी मुर्नाव्वर अंसारी मुद्दतों से घर बनाकर सपरिवार जीवन यापन कर रहा था। ग्राम हडिय़ा पुरवा के ही इन्द्रेव सिंह पुत्र बद्री सिंह आदि ने यह कह कर ३१ दिसम्बर २०१० को मकान छोडऩे को कहा कि यह मकान मेरी जमीन में है। जबकि लोगों ने बताया कि वह विवादित घर लो.नि.वि. की जमीन में है। मुनौव्वर के विपक्षी का कहना है कि मेरी जमीन में है। यदि मान भी लिया जाये कि उक्त घर इन्द्रेव सिंह आदि का है तो बिना पैमाईश, बिना किसी कोर्ट आदेष के किसी गुजर बशर कर रहे परिवार षुदा मकान को ध्वस्त करना भी जघन्य अपराध है। वह भी स्वंय अपने हाथों से किसी का आशियाना ध्वस्त करना वैसे भी कानून के साथ मजाक है। घर से बेघर हुए भुक्तभोगी परिवार के लोग रिपोर्टिेग पुलिस चौकी बड़ोखर प्राथमिकी दिये। पुलिस ने जांच किया, और उस समय गांव के प्रधान व पुलिस वालों ने जमीदोज हुए घर परिजनों को सरहंग के ही खाली पड़े कुछ दूरी पर मकान के एक कमरे में डेरा डम्मल सहित बसवा दिया। पूरे समाज व क्षेत्र में बेआबरू हुए भुक्तभोगी ने थाना पुलिस कोरांव को मुकदमा दर्ज करने हेतु तहरीर दी। इस बावत सी.ओ. मेजा आर.बी. चौरसिया ने थानाध्यक्ष कोरांव को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जन प्रतिनिधियों वकील, पत्रकारों ने जब श्री चौरसिया से व कोरांव पुलिस की कृत कार्यवाही के बारे में पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया घर ढ़हाने वालों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करूंगा। भुक्तभोगी जब थाने से प्राथमिकी लेकर आया तो पता चला कि कोरांव पुलिस के पास शायद सरहंगो के विरूद्ध घर गिराने, घर से घुस कर महिलाओं-पुरूषों-बच्चों को धक्का-मुक्का देकर एवं मारपीट कर सारा समान घर से बाहर फेंकने व नष्ट करने, गुन्डागर्दी आतंक का माहौल बनाने की धाराएं ही नहीं- २- -२१ खाली थी। इसीलिए मात्र एन.सी.आर. दर्ज की गयी, जिसे नान का्रइम रिपोर्ट कहते है। मतलब पुलिस के निगाह में संज्ञेय अपराध नहीं नजर आया।
भुक्तभोगी परिवार सरहंगो की कड़ी कार्यवाही की प्रतिक्षा करता रहा, इसी बीच उक्त सरहंगो ने अस्थायी रूप से प्रधान व पुलिस के सौजन्य से बसाये गये सरहंगो के एक कमरे में से गत् दो सप्ताह पूर्व पुन: उन्हीं सरहंगो ने जबरन कमरे से बेदखल कर बेईज्जत किया तो आजिज आकर मजलूम मुनौव्वर की पत्नी थानाध्यक्ष कोरांव से प्रार्थना पत्र देकर केश दर्ज कराने की मांग की इतने में थानाध्यक्ष ने एक अधिवक्ता के सामने अपशब्द की बौछार करते हुए थाने से भगा दिया जिसका विरोध उक्त अधिवक्ता को भी करना पड़ा। न्याय मिलने के बजाय उक्त अल्पसंख्यक परिवार को उक्त कमरे से भी बेदखल कर दिया। इसकी शिकायत डी.आई.जी. इलाहाबाद से भुक्तभोगी ने एक जन प्रतिनिधि व अधिवक्ताओं के साथ जाकर की। कार्यालय डी.आई.जी. के दिवसाधिकारी ने आस्वस्त किया कि यदि मकान सरहंगो ने ध्वस्त किया है घर से बेघर किया गया है तो इस मामले की जांच कराकर दोषी सरहंगों-लापरवाही बरतने वाले थाना कोरांव पुलिस को दंडित किया जाना तय है। इस संदर्भ में पूर्व विधायक मेजा रामकृपाल कोल से पूछा गया तो उत्तर दिया कि मुनौव्वर के साथ अन्याय तो हुआ है। पुलिस ने सरहंगो के खिलाफ कार्यवाही बरत रहे है। लेकिन इस केस को संभवत: डी.आई.जी.- थानाध्यक्ष, सी.ओ. मेजा के अलावा अपने स्तर से घटना की जांच करा रहे है और मुनौव्वर को न्याय मिलेगा। क्षेत्र में इस बात की चर्चा है कि सरहंगो ने दिन दहाड़े एक अल्पसंख्यक पिछड़ी जाति गरीब का घर जमी दोज कर बेईज्जत करने वाले खुलेआम टहल रहे है।
केश देख रहे अधिवक्ता पीर मोहम्मद ने कहा कि जघन्य घटना को अंजाम देने वालों को तथा लापरवाही बरतने वालों को भी सबक मिलकर रहेगा जो शीघ्र परिणाम सामने आने वाला है। जरूरत पड़ी तो तहसील का घेराव भी किया जायेगा। समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ कोरांव के भी पदाधिकारियों ने उक्त घटना की निन्दा की है। किसान मजदूर यूनियन नेता कामरेड रामनारायण मौर्य, कामरेड चांद मोहम्मद सहित कई माकपा व अन्य दलों के भी नेताओं ने मानपुर पुरवा के सरहंगों द्वारा अल्पसंख्यक परिवार को गैर कानूनी ढ़ंग से बेदखल कर घर जमीदोज करने- पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही न किये जाने की निन्दा की है।
बता देंकि हडिय़ा पुरवा निवासी मुर्नाव्वर अंसारी मुद्दतों से घर बनाकर सपरिवार जीवन यापन कर रहा था। ग्राम हडिय़ा पुरवा के ही इन्द्रेव सिंह पुत्र बद्री सिंह आदि ने यह कह कर ३१ दिसम्बर २०१० को मकान छोडऩे को कहा कि यह मकान मेरी जमीन में है। जबकि लोगों ने बताया कि वह विवादित घर लो.नि.वि. की जमीन में है। मुनौव्वर के विपक्षी का कहना है कि मेरी जमीन में है। यदि मान भी लिया जाये कि उक्त घर इन्द्रेव सिंह आदि का है तो बिना पैमाईश, बिना किसी कोर्ट आदेष के किसी गुजर बशर कर रहे परिवार षुदा मकान को ध्वस्त करना भी जघन्य अपराध है। वह भी स्वंय अपने हाथों से किसी का आशियाना ध्वस्त करना वैसे भी कानून के साथ मजाक है। घर से बेघर हुए भुक्तभोगी परिवार के लोग रिपोर्टिेग पुलिस चौकी बड़ोखर प्राथमिकी दिये। पुलिस ने जांच किया, और उस समय गांव के प्रधान व पुलिस वालों ने जमीदोज हुए घर परिजनों को सरहंग के ही खाली पड़े कुछ दूरी पर मकान के एक कमरे में डेरा डम्मल सहित बसवा दिया। पूरे समाज व क्षेत्र में बेआबरू हुए भुक्तभोगी ने थाना पुलिस कोरांव को मुकदमा दर्ज करने हेतु तहरीर दी। इस बावत सी.ओ. मेजा आर.बी. चौरसिया ने थानाध्यक्ष कोरांव को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जन प्रतिनिधियों वकील, पत्रकारों ने जब श्री चौरसिया से व कोरांव पुलिस की कृत कार्यवाही के बारे में पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया घर ढ़हाने वालों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करूंगा। भुक्तभोगी जब थाने से प्राथमिकी लेकर आया तो पता चला कि कोरांव पुलिस के पास शायद सरहंगो के विरूद्ध घर गिराने, घर से घुस कर महिलाओं-पुरूषों-बच्चों को धक्का-मुक्का देकर एवं मारपीट कर सारा समान घर से बाहर फेंकने व नष्ट करने, गुन्डागर्दी आतंक का माहौल बनाने की धाराएं ही नहीं- २- -२१ खाली थी। इसीलिए मात्र एन.सी.आर. दर्ज की गयी, जिसे नान का्रइम रिपोर्ट कहते है। मतलब पुलिस के निगाह में संज्ञेय अपराध नहीं नजर आया।
भुक्तभोगी परिवार सरहंगो की कड़ी कार्यवाही की प्रतिक्षा करता रहा, इसी बीच उक्त सरहंगो ने अस्थायी रूप से प्रधान व पुलिस के सौजन्य से बसाये गये सरहंगो के एक कमरे में से गत् दो सप्ताह पूर्व पुन: उन्हीं सरहंगो ने जबरन कमरे से बेदखल कर बेईज्जत किया तो आजिज आकर मजलूम मुनौव्वर की पत्नी थानाध्यक्ष कोरांव से प्रार्थना पत्र देकर केश दर्ज कराने की मांग की इतने में थानाध्यक्ष ने एक अधिवक्ता के सामने अपशब्द की बौछार करते हुए थाने से भगा दिया जिसका विरोध उक्त अधिवक्ता को भी करना पड़ा। न्याय मिलने के बजाय उक्त अल्पसंख्यक परिवार को उक्त कमरे से भी बेदखल कर दिया। इसकी शिकायत डी.आई.जी. इलाहाबाद से भुक्तभोगी ने एक जन प्रतिनिधि व अधिवक्ताओं के साथ जाकर की। कार्यालय डी.आई.जी. के दिवसाधिकारी ने आस्वस्त किया कि यदि मकान सरहंगो ने ध्वस्त किया है घर से बेघर किया गया है तो इस मामले की जांच कराकर दोषी सरहंगों-लापरवाही बरतने वाले थाना कोरांव पुलिस को दंडित किया जाना तय है। इस संदर्भ में पूर्व विधायक मेजा रामकृपाल कोल से पूछा गया तो उत्तर दिया कि मुनौव्वर के साथ अन्याय तो हुआ है। पुलिस ने सरहंगो के खिलाफ कार्यवाही बरत रहे है। लेकिन इस केस को संभवत: डी.आई.जी.- थानाध्यक्ष, सी.ओ. मेजा के अलावा अपने स्तर से घटना की जांच करा रहे है और मुनौव्वर को न्याय मिलेगा। क्षेत्र में इस बात की चर्चा है कि सरहंगो ने दिन दहाड़े एक अल्पसंख्यक पिछड़ी जाति गरीब का घर जमी दोज कर बेईज्जत करने वाले खुलेआम टहल रहे है।
केश देख रहे अधिवक्ता पीर मोहम्मद ने कहा कि जघन्य घटना को अंजाम देने वालों को तथा लापरवाही बरतने वालों को भी सबक मिलकर रहेगा जो शीघ्र परिणाम सामने आने वाला है। जरूरत पड़ी तो तहसील का घेराव भी किया जायेगा। समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ कोरांव के भी पदाधिकारियों ने उक्त घटना की निन्दा की है। किसान मजदूर यूनियन नेता कामरेड रामनारायण मौर्य, कामरेड चांद मोहम्मद सहित कई माकपा व अन्य दलों के भी नेताओं ने मानपुर पुरवा के सरहंगों द्वारा अल्पसंख्यक परिवार को गैर कानूनी ढ़ंग से बेदखल कर घर जमीदोज करने- पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही न किये जाने की निन्दा की है।
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