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नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोट
सांईखेडा के प्रभारी सीईओ के एस पाठक |
नरसिंहपुर। सांईखेडा के प्रभारी सीईओ के एस पाठक को लोकायुक्त के छापे में रंगे हाथों चार हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं यह महाशय मनरेगा के जिला परियोजना अधिकारी के पद पर भी आसीन थे। उन्हे तत्काल सीईओ के पद से तो अलग कर दिया गया था पर जिला प्रशासन की मेहरबानी के चलते जनाब मनरेगा के जिला परियोजना अधिकारी के पद पर चाय की चुस्कियां लेते रहे।
मीडिया के पहुंचने के बाद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे के एस पाठक लोकायुक्त की कार्यवाही को अपने खिलाफ साजिश बताने से भी बाज नहीं आये। अब जब पानी ही सर से गुजरने लगा तब जिला प्रशासन ने बेकफुट पर आने के पहले ही पाठक से अपना पल्ला झाडना बेहतर समझा। आखिरकार मीडिया के दखल के बाद मेहरबान हुये जिला प्रशासन ने घूसखोर साहब को पद से अलग कर दिया।
हद तो तब हो गई जब इस मामले में जिले के प्रभारी और प्रदेश के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता भी इस लोकायुक्त के आरोपी के बारे में पूछे जाने पर गंभीर नजर नहीं आये। जब सरकार ही भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिये छापे डालने की बात कर रही है तो ऐसे हाल में उनके ही सरकारी अमले द्धारा एक भ्रष्टाचारी अफसर को शह दिया जाना कितना लाजमी है ? ऐसे में बडा सवाल ये है कि आखिरकार तंत्र को कैसे ईमानदार माना जाये?
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