मामला छत्तीसगढ़ के जादूगोड़ा का
दोनों पत्रकार भाइयों को जादूगोड़ा के पूर्व थाना प्रभारी नयन सुख दाडेल द्वारा अमानवीय तरीके से गिरफ्तार कर मारते-पीटते जादूगोड़ा थाना लाया गया था. इसके बाद थाना प्रभारी द्वारा कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए बिना गिरफ्तारी कमान के न्यायालय के बदले मौभंडार आउट-पोस्ट भेज कर जादूगोड़ा थाना के सुशील डांगा एवं संजय राम से जानलेवा हमला करवाया गया. दोनों भाइयों से सादा कागज़ पर जबरदस्ती हस्ताक्षर लिया गया. इसके बाद गंभीर अवस्था में दोनों भाइयों को टाटा मुख्य अस्पताल में भरती कराया गया. वहां दोनों भाइयों को चार दिन इलाज़ कराना पड़ा.
इस मामले में डीआईजी कोल्हान अरुण कुमार सिंह ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में नयनसुख दाडेल को दोषी पाया और उनको एक वर्ष तक कहीं का थाना प्रभारी नहीं बनाने का आदेश दिया. उन पर विभागीय कारवाई चल रही है. मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है. पूरे मामले में वरीय आरक्षी अधीक्षक से चार हफ्तों में जवाब माँगा गया है. वहीँ संतोष अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने घटना से पहले लगातार वरीय अधिकारियों को सूचित किया था कि जादूगोड़ा के पूर्व थाना प्रभारी द्वारा उन दोनों भाइयों पर झूठा मामला सहित कुछ भी गलत किया जा सकता है. कई महीने पहले ही कोर्ट में भी इन्फोर्मेट्री दर्ज कराया गया था कि थाना प्रभारी उन्हें सबक सिखाने के लिए गलत मामला दर्ज करवा सकते हैं.
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