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नई दिल्लीः कांग्रेस ने आज लोकसभा चुनावों के लिए सात और उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है. इसमें सबसे खास नाम कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया का है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ने मध्य प्रदेश के से टिकट दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में भी गुना सीट से सांसद हैं. उन्हें फिर से उसी सीट से मैदान में उतारा गया है.
फरवरी में बने थे कांग्रेस महासचिव
ज्योतिरादित्य सिंधिया को फरवरी में कांग्रेस महासचिव बनाया गया था. इसके साथ ही उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 40 संसदीय क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया. कहा जा रहा था कि बड़ी जिम्मेदारी मिलने के चलते सिंधिया की सक्रियता अब गुना की बजाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा रहेगी. इसी के चलते ये भी खबर थी कि गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी महारानी प्रियदर्शिनी राजे को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने फिर एक बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को फरवरी में कांग्रेस महासचिव बनाया गया था. इसके साथ ही उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 40 संसदीय क्षेत्रों का प्रभारी बनाया गया. कहा जा रहा था कि बड़ी जिम्मेदारी मिलने के चलते सिंधिया की सक्रियता अब गुना की बजाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा रहेगी. इसी के चलते ये भी खबर थी कि गुना संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी महारानी प्रियदर्शिनी राजे को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने फिर एक बार ज्योतिरादित्य सिंधिया को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है.
2014 के चुनाव में क्या रही थी तस्वीर
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जयभान सिंह पवैया और साल 2009 के चुनाव में नरोत्तम मिश्रा को शिकस्त दी थी. ज्योतिरादित्य ने लोकसभा का पहला चुनाव पिता माधवराव सिंधिया का निधन होने पर साल 2002 में लड़ा था. यह उपचुनाव था. गुना वह संसदीय क्षेत्र है, जहां कांग्रेस ने साल 2014 में 'मोदी लहर' के बावजूद जीत दर्ज की थी.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जयभान सिंह पवैया और साल 2009 के चुनाव में नरोत्तम मिश्रा को शिकस्त दी थी. ज्योतिरादित्य ने लोकसभा का पहला चुनाव पिता माधवराव सिंधिया का निधन होने पर साल 2002 में लड़ा था. यह उपचुनाव था. गुना वह संसदीय क्षेत्र है, जहां कांग्रेस ने साल 2014 में 'मोदी लहर' के बावजूद जीत दर्ज की थी.
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस पार्टी के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 लाख 17 हजार 036 वोट हासिल किये थे और 1 लाख 20 हजार 792 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. गुना लोकसभा सीट पर दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के जयभान सिंह रहे थे जिन्होंने 3 लाख 96 हजार 244 वोट हासिल किये थे. बहुजन समाज पार्टी के लखन सिंह बघेल 27 हजार 412 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.
गुना संसदीय क्षेत्र
गुना संसदीय क्षेत्र से राजमाता विजयराजे सिंधिया और बेटे माधवराव सिंधिया के बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीतते आए हैं. इस संसदीय क्षेत्र में अब तक कुल 14 लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस नौ, बीजेपी चार और बहुत पहले एक बार जनसंघ की जीत हुई थी. मध्य प्रदेश में गुना और छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पहचाने जाते हैं. पिछले चुनाव में राज्य की 29 सीटों में से सिर्फ दो पर ही कांग्रेस जीत सकी थी जो कि गुना और छिंदवाड़ा थी. गुना लोकसभा सीट मध्य प्रदेश में आती है जो कि चंबल इलाके में आता है.
गुना संसदीय क्षेत्र से राजमाता विजयराजे सिंधिया और बेटे माधवराव सिंधिया के बाद उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीतते आए हैं. इस संसदीय क्षेत्र में अब तक कुल 14 लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें कांग्रेस नौ, बीजेपी चार और बहुत पहले एक बार जनसंघ की जीत हुई थी. मध्य प्रदेश में गुना और छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ के तौर पर पहचाने जाते हैं. पिछले चुनाव में राज्य की 29 सीटों में से सिर्फ दो पर ही कांग्रेस जीत सकी थी जो कि गुना और छिंदवाड़ा थी. गुना लोकसभा सीट मध्य प्रदेश में आती है जो कि चंबल इलाके में आता है.
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