जोंक चिकित्सा:Leech Therapy
*अथर्ववेद की चरक संहिता में जोंक थेरेपी नामक इलाज दर्ज है*
चरक संहिता के इस इलाज को काफी कठिन माना जाता है! अब पूरी दुनिया ने वैज्ञानिक तरीकों से रिसर्च करके इस पद्धति का लोहा माना है।अनेक असाध्य रोगों में यह पद्धति कारगर साबित हुई है।
*👉प्राचीन काल से ही असाध्य बीमारियों के उपचार में जोंक का प्रयोग किया जाता था।जोंक थेरेपी में जैसे-जैसे जोंक पीड़ित स्थान का खराब खून चूसती है,और एक विशेष प्रकार की लार खून के अंदर छोड़ती है,उसी के साथ शरीर में रक्त शोधन होकर रक्त का संचार बढ़ जाता है,और इसके लार (सलाइवा) में विशेष प्रकार के तत्व होते हैं जो दर्द दूर करके,रक्त के दूषित तत्वों को दूर करने पतला करने में मददगार होते हैं।*
...इसके खून चूसने पर जरा सा भी दर्द नहीं होता।विदेशों में यह काफी प्रचलित है।बड़े-बड़े *Spa centre* पर लीच थेरेपी के नाम से यह किया जाता है। यह थेरेपी काफी महंगी होती है लोग 5-10 हजार तक इसके लिए वसूलते हैं। विदेशों में सुंदरता बढ़ाने के लिए इसका काफी प्रयोग हो रहा है।
*👉(परंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि जोंक की कुछ प्रजातियां जहरीली भी होती हैं, इनका लैब में परीक्षण करके ही प्रयोग में ला सकते हैं नहीं तो यह खतरनाक भी होती है
*(इस पद्धति से उपचार आयुर्वेद चिकित्सक की उपस्थिति में ही करना चाहिए)*
आजकल जोंक की लार से उत्पन्न रसायनों से कई दवाइयां बनाई जाती हैं।
*👉किन किन गंभीर रोगों में जोंक चिकित्सा की जाती है?*
*उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), वेरीकोजवेंस, बवासीर* त्वचा संबंधी समस्त रोग, सोरायसिस, एग्जिमा,कील, मुंहासे, दाद, खाज, खुजली, गठिया, हृदय संबंधी रोग, हार्ट ब्लॉकेज, गंजेपन, बालझड़ना, शुगर, ग्लूकोमा, हेपेटाइटिस, गुर्दे के सभी रोग, माइग्रेन/सिरदर्द,फोड़े/फुंसियों,पुराना घाव इत्यादि।
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*{लगातार 60 वर्षों का खानदानी अनुभव}*
🇨🇮नाड़ी वैद्य पं.विनोद मिश्रा🇮🇳
*(आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सक)*
*8770448757,9827334608*
*आरोग्य सेवा शोध संस्थान भोपाल (म.पृ.*
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