भोपाल। जन न्याय दल ने आरोप लगाया है सुशासन के वादे पर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों को शह देकर सरकारी खजाने की लूट को बढ़ावा दिया है। इन भ्रष्ट अधिकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे अपने विभाग के आईएएस अफसरों के निर्देशों को भी धता बता रहे हैं। इसके चलते राजस्व आय प्रभावित हो रही है जिसका सीधा असर प्रदेश के विकास पर पड़ रहा है। जन न्याय दल के प्रवक्ता आलोक सिंघई ने राजधानी के पंजीयन एवं स्टाम्प विभाग में चल रही भ्रष्ट अफसरों की धींगामुश्ती के संदर्भ में कहा है कि इस विभाग की राजस्व आय तेजी से गिर रही है।
इसका कारण ये है कि अफसरों ने संपत्तियों के दाम आकलन करने की अपनी जवाबदारी ठीक तरह से निभाना छोड़ दिया है। पंजीयन दफ्तरों के अधिकारी संपत्तियों का आकलन वास्तविक मूल्य से कम करते हैं और इसके एवज में संपत्तिधारकों से मोटी रिश्वत वसूल रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है।
हालत ये है कि पंजीयन विभाग ने राजधानी में इस साल राजस्व आय का लक्ष्य लगभग छह सौ करोड़ रुपए रखा था लेकिन विभाग अब तक केवल तीन सौ करोड़ रुपए ही वसूल सका है। पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक ने जब गिरती राजस्व आय बढ़ाने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक एन.एस.तोमर को सहयोग देने के लिए जिला पंजीयक शैलेष गुरु और जिला पंजीयक स्वप्नेश शर्मा के बीच कार्य विभाजन करने के निर्देश दिए तो श्री तोमर ने दोनों अधिकारियों को आय संबंधी कामकाज ही नहीं दिए। तीन अधिकारियों के पदस्थ रहने के बावजूद केवल साढे तीन सौ स्टाम्प प्रकरणों और आर.आर.सी. केवल 40 प्रकरणों का निपटारा किया गया है। आला अधिकारियों के निर्देशों को धता बताने वाला ये अफसर खुलेआम भाजपा नेताओं से अपने संबंधों का बखान करता है। यही कारण है कि पंजीयन विभाग उसे पद से भी नहीं हटा पा रहा है।
जन न्याय दल का आरोप है कि छोटे अफसरों से मिलीभगत करके भाजपा के नेता मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। दल के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि वे राजकाज में अपनी पार्टी के भ्रष्ट नेताओं का हस्तक्षेप रोकें और प्रदेश के विकास पर पड़ रहे विपरीत असर पर अंकुश लगाएं।
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