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(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी। जब जब लोकसभा चुनाव हुए हैं तब तब ब्राडगेज जैसे ज्वलंत और जनता से जुड़े मुद्दे को पार्टियों द्वारा उठाकर इस मामले में आश्वासन दे जनता का विश्वास जीता जाता रहा है। जीतने के बाद पांच साल तक न तो किसी सांसद ने उसे मिले जनादेश की चिंता की है और ना ही लोकसभा में इस मामले को उठाने का ही प्रयास किया है, और न ही पराजित उम्मीदवार ने ही इस मामले के लिए सांसद को जगाने का प्रयास किया। हार के बाद पराजित उम्मीदवार ने भी उसे नियति मानकर पांच साल के लिए मौन साधे रखा।
सिवनी लोकसभा जब तक अस्तित्व में रही हर बार जनता की भावनाओं का जमकर उपयोग किया गया है, प्रत्याशियों द्वारा। चूंकि रेल का ममला केंद्र सरकार का होता है अतः लोकसभा चुनावों के दौरान प्रमुख राजनैतिक दल के प्रत्याशियों द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे को हथियार की तरह इस्तेमाल कर सिवनी में शतायु हो चुकी नेरोगेज रेल लाईन को ब्राड गेज में तब्दील कराने का आश्वासन दिया जाता रहा है।
एक मर्तबा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.व्ही.नरसिंहराव द्वारा भी चुनावी घोषणा के तौर पर परमहंसी आश्रम श्रीधाम में जगतगुरू शंकराचार्य जी के समक्ष यह कहा गया था कि उनके संसदीय क्षेत्र रहे महाराष्ट्र के रामटेक से गोटेगांव तक बड़ी रेल लाईन लाई जाएगी। दुर्भाग्य से वे दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाए और छिंदवाड़ा नैनपुर से इतर रामटेक गोटेगांव की यह घोषणा खालिस चुनावी वायदा बनकर रह गई।
सिवनी विधानसभा से दो बार कांग्रेस प्रत्याशी रहे आशुतोष वर्मा द्वारा अलबत्ता इस मामले को अपने हाथ में लेकर रामटेक गोटेगांव को भारतीय रेल के नक्शे पर लाने का हर संभव प्रयास किया गया किन्तु उनकी आवाज भारतीय रेल के नक्कारखाने में तूती ही साबित हुई। पिछले बजट में इस मार्ग का जिकर होने से कुछ आशाएं अवश्य जगी हैं, किन्तु यक्ष प्रश्न अब भी यही है कि जब नागपुर से छिंदवाड़ा, सिवनी, नैनपुर होकर मण्डला और जबलपुर जाने वाला जो मार्ग अस्त्तिव में है उसका छिंदवाड़ा से नैनपुर और मण्डला का रेलखण्ड ही अभी तक नहीं बन पाया है तो नई रेल लाईन कब और कैसे आ पाएगी।
यहां उल्लेखनीय होगा कि जब जब चुनाव समाप्त हुए तो विजयी सांसद ने जनता से किए गए इस चुनावी वायदे को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले के किसी भी संसद सदस्य द्वारा अब तक नैनपुर से बरास्ता सिवनी होकर छिंदवाड़ा जाने वाले रेलखण्ड के संबंध में प्रश्न नहीं उठाया गया है। सिवनी की सियासती जमीन इतनी भुरभुरी है कि बरास्ता राज्यसभा संसदीय सौंध तक पहुंचाने कांग्रेस और भाजपा को एक भी दावेदार नहीं मिला है इसलिए इस रेलखण्ड से संबंधित बात राज्य सभा में भी नहीं उठ सकी है।
लोकसभा चुनावों के आते ही सिवनी वासियों के मस्तिष्क पटल पर विकास का जो नक्शा उकेरा जाता रहा है उसमें ब्राडगेज को विशेष स्थान दिया जाता रहा है। लोगों को लगने लगता बस एक दो बरस में ही सिवनी ब्राडगेज से जुड़ जाएगा और फिर सिवनी के विकास के रास्ते प्रशस्त हो जाएंगे। सिवनी के निवासियों के युवा सदस्यों को इस विकास का भागीदार बनाकर यहां उद्योग धंधे स्थापित हो जाएंगे, फिर सिवनी में राम राज्य की स्थापना को कोई नहीं रोक सकता है। (साई)
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