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महासमुंद। जिले के एक दिवसीय प्रवास पर मंगलवार 12 जनवरी को बसना पहुचे मुख्य सूचना आयुक्त सरजियस मिंज से भेंटकर आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर उसमें निहित मांगो को पूर्ण किये जाने की बात कही। आरटीआई कार्यकर्ता संघ के प्रदेष उपाध्यक्ष सौरभ गोयल के नेतृत्व में संघ के सदस्य विनोद दास, प्रकाष सिन्हा, षीत गुप्ता, मनहरण सोनवानी, धरमू निषाद, जफर उल्ला खान, संतोष बेहेरा सहित अन्य कार्यकर्ताओ ने जिले के सभी विभाग के जन सूचना एवं प्रथम अपील अधिकारियो को मय कलक्टर सहित सूचना के अधिकार की विषेष कार्यषाला लगाकर सूचना के अधिकार की विस्तृत और इस अधिनियम की अनिवार्यता के बारे में जानकारी और गंभीरता से इसका पालन के निर्देष दिये जाने की मांग रखी। संघ के कार्यकर्ताओ ने मुख्य सूचना आयुक्त से कहा कि जब प्रषासनिक तंत्र को भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग नही दी जाती तो पर भी आये दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे है जिससे बचने के लिए कुछ गैर जिम्मेदार अफसरो द्वारा सूचना के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। जिसके बाद ज्ञापन सौंपकर जिले के जिस जनसूचना अधिकारी के विरूद्ध प्रथम अपील के मामले बढ़ रहे है उन्हें तत्काल जनसूचना अधिकारी के पद से हटाया जाने व जनसूचना अधिकारी पर अधिनियम की धारा 20-2 के तहत अनुषासनात्मक कार्रवाई किये जाने की मांग रखी गई। मुख्य सूचना आयुक्त को सौंपे गये ज्ञापन में आरटीआई कार्यकर्ता संघ की ओर से व्हिसल ब्लोअर एक्ट का कड़ाई से पालन किये जाने का निर्देष दिये जाने की मांग के साथ गौरव अग्रवाल विरूद्ध 24013-39 2013 सीएसआर 111 दिनांक 14 जून 2013 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेष तहत सभी जिला पुलिस अधीक्षको एवं थाना प्रभारियों को सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के कडे़ निर्देष दिये जाने की मांग रखी। वहीं सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील में दोषी जन सूचना अधिकारी के साथ प्रथम अपीलीय अधिकारी पर भी अधिनियम की धारा 20-2 के तहत कार्रवाई किये जाने की मांग रखते हुए सूचना के अधिकार पर जनसूचना एवं प्रथाम अपील अधिकारियों द्वारां बरती जा रही लापरवाही के मामलो में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त
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✅कलक्टर ने मांगा मार्गदर्षन...!
दरअसल सूचना के अधिकार के तहत बसना निवासी विनोद दास द्वारा कलेक्टर कार्यालय में जिला कलक्टर कार्यालय में जिला षिक्षा अधिकारी महासमुंद द्वारा लिपिक/लेखापाल बैकुंठ कुमार प्रधान प्रकरण में सौंपा गया विभागीय अभिमत दस्तावेज की सत्यापित छायाप्रति एवं उक्त प्रकरण में विभागीय अभिमत मिलने के बाद जिला कलक्टर द्वारा किये गये कार्यवाही की नोटषीट/आर्डरषीट की प्रमाणित सत्यापित छायाप्रति की मांग की गई है। जिसके बाद कलक्टर ने आवेदक को ‘‘तत्संबध में जानकारी दी जा सकती है अथवा नही‘‘ लिखा पत्र भेजकर षिक्षा सचिव से मार्गदर्षन प्रदान करने का उल्लेख किया हैै। इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूचना के अधिकार में भ्रष्टाचार से जुडे मामले में जानकारी दिये जाने की मांग करने पर एक आरटीआई कार्यकर्ता को किस कदर परेषान किया जाता है। इसका यह केवल उदाहरण मात्र है। आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने मुख्य सूचना आयुक्त से मुलाकात के दौरान इस बाबत जानकारी के साथ अधिनियम की छायाप्रति देकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान मुख्य सूचना आयुक्त के साथ जिला पंचायत सीईओ पुष्पेन्द्र मीणा एवं सरायपाली एसडीएम गौरव कुमार सिंह भी मौजूद थे।
महासमुंद। जिले के एक दिवसीय प्रवास पर मंगलवार 12 जनवरी को बसना पहुचे मुख्य सूचना आयुक्त सरजियस मिंज से भेंटकर आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर उसमें निहित मांगो को पूर्ण किये जाने की बात कही। आरटीआई कार्यकर्ता संघ के प्रदेष उपाध्यक्ष सौरभ गोयल के नेतृत्व में संघ के सदस्य विनोद दास, प्रकाष सिन्हा, षीत गुप्ता, मनहरण सोनवानी, धरमू निषाद, जफर उल्ला खान, संतोष बेहेरा सहित अन्य कार्यकर्ताओ ने जिले के सभी विभाग के जन सूचना एवं प्रथम अपील अधिकारियो को मय कलक्टर सहित सूचना के अधिकार की विषेष कार्यषाला लगाकर सूचना के अधिकार की विस्तृत और इस अधिनियम की अनिवार्यता के बारे में जानकारी और गंभीरता से इसका पालन के निर्देष दिये जाने की मांग रखी। संघ के कार्यकर्ताओ ने मुख्य सूचना आयुक्त से कहा कि जब प्रषासनिक तंत्र को भ्रष्टाचार की ट्रेनिंग नही दी जाती तो पर भी आये दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे है जिससे बचने के लिए कुछ गैर जिम्मेदार अफसरो द्वारा सूचना के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। जिसके बाद ज्ञापन सौंपकर जिले के जिस जनसूचना अधिकारी के विरूद्ध प्रथम अपील के मामले बढ़ रहे है उन्हें तत्काल जनसूचना अधिकारी के पद से हटाया जाने व जनसूचना अधिकारी पर अधिनियम की धारा 20-2 के तहत अनुषासनात्मक कार्रवाई किये जाने की मांग रखी गई। मुख्य सूचना आयुक्त को सौंपे गये ज्ञापन में आरटीआई कार्यकर्ता संघ की ओर से व्हिसल ब्लोअर एक्ट का कड़ाई से पालन किये जाने का निर्देष दिये जाने की मांग के साथ गौरव अग्रवाल विरूद्ध 24013-39 2013 सीएसआर 111 दिनांक 14 जून 2013 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेष तहत सभी जिला पुलिस अधीक्षको एवं थाना प्रभारियों को सूचना के अधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के कडे़ निर्देष दिये जाने की मांग रखी। वहीं सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील में दोषी जन सूचना अधिकारी के साथ प्रथम अपीलीय अधिकारी पर भी अधिनियम की धारा 20-2 के तहत कार्रवाई किये जाने की मांग रखते हुए सूचना के अधिकार पर जनसूचना एवं प्रथाम अपील अधिकारियों द्वारां बरती जा रही लापरवाही के मामलो में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त
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✅कलक्टर ने मांगा मार्गदर्षन...!
दरअसल सूचना के अधिकार के तहत बसना निवासी विनोद दास द्वारा कलेक्टर कार्यालय में जिला कलक्टर कार्यालय में जिला षिक्षा अधिकारी महासमुंद द्वारा लिपिक/लेखापाल बैकुंठ कुमार प्रधान प्रकरण में सौंपा गया विभागीय अभिमत दस्तावेज की सत्यापित छायाप्रति एवं उक्त प्रकरण में विभागीय अभिमत मिलने के बाद जिला कलक्टर द्वारा किये गये कार्यवाही की नोटषीट/आर्डरषीट की प्रमाणित सत्यापित छायाप्रति की मांग की गई है। जिसके बाद कलक्टर ने आवेदक को ‘‘तत्संबध में जानकारी दी जा सकती है अथवा नही‘‘ लिखा पत्र भेजकर षिक्षा सचिव से मार्गदर्षन प्रदान करने का उल्लेख किया हैै। इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूचना के अधिकार में भ्रष्टाचार से जुडे मामले में जानकारी दिये जाने की मांग करने पर एक आरटीआई कार्यकर्ता को किस कदर परेषान किया जाता है। इसका यह केवल उदाहरण मात्र है। आरटीआई कार्यकर्ता संघ ने मुख्य सूचना आयुक्त से मुलाकात के दौरान इस बाबत जानकारी के साथ अधिनियम की छायाप्रति देकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान मुख्य सूचना आयुक्त के साथ जिला पंचायत सीईओ पुष्पेन्द्र मीणा एवं सरायपाली एसडीएम गौरव कुमार सिंह भी मौजूद थे।
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