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कलेक्टर ने किया निलम्बित
पचोर । शुक्रवार को पचोर तहसील में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कागज बनवाने आये सुल्तानिया निवासी जितेन्द्र मालवीय से तहसील में पदस्थ बाबु अशोक बड़ोने ने 1 हजार रुपए की रिश्वत लेकर भी दस्तावेज आगे नही बढ़ाए तो फरियादी ने हंगामा कर दिया । मामला बिगड़ता देख तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद रकम लोटा दी । जिस दोरान यह मामला हुआ उस दोरान सारंगपुर एसडीएम भी तहसील मुख्यालय में मोजूद थे ।
एक पट्टे पर साईन के एक हजार
तहसील में हुए हंगामे के दोरान उपस्थित किसानो ने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री आवास योजना के पट्टे पर हस्ताक्षर के लिए 1 हजार रूपये लिए जा रहे हैं और ना देने पर परेशान करने का आरोप लगाया वहीँ पुरे मामले में मौजूद होने के बावजूद तहसीलदार कोई भी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।
इस तरह हुआ उजागर
काम नही हुआ तो हितग्राही ने हंगामा मचाया इस दौरान एक मिडिया कर्मी वहां मामले का मोबाइल जेब में रखकर वीडियो भी बना रहा था जिसकी भनक लिपिक अशोक बडोने को नही थी । इस मामले में जब लिपिक रूपये लोड़ाने लगा तो 700 रूपये लोटा दिए लेकिन फरियादी ने कहा की मेने तों 1000 रूपये दिए तो बाबु ने वह मोजूद कांग्रेस नेता से 300 रुपए मांगे जो बाबु ने नेताजी को कमीशन के रूप में दिए थे ।
हल्ला करने पर लगी भीड़ एवं
तहसीलदार गोपाल सिंह भिलाला के सामने जीतेन्द्र मालवीय को बाबू ने एक हजार रुपए लौटाए।
उल्लेखनीय है की घटना की जानकारी लगने पर कलेक्टर तरुणकुमार पिथोड़े ने तत्काल प्रभाव से लिपिक को निलम्बित कर दिया। लेकिन घटनाक्रम में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े तहसीलदार पर कार्रवाई नही हुई । बताया जा रहा है की अन्य लिपिक एवं पटवारियों द्वारा भी इस तरह की घटनाओं को रोजाना अंजाम दिया जा रहा है ।
हाल ही में तहसील परिसर में अतिक्रमण करवाने में भी इस तरह की भूमिका सामने आ चुकी है जो सर्वविदित है ।
कलेक्टर ने किया निलम्बित
पचोर । शुक्रवार को पचोर तहसील में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कागज बनवाने आये सुल्तानिया निवासी जितेन्द्र मालवीय से तहसील में पदस्थ बाबु अशोक बड़ोने ने 1 हजार रुपए की रिश्वत लेकर भी दस्तावेज आगे नही बढ़ाए तो फरियादी ने हंगामा कर दिया । मामला बिगड़ता देख तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद रकम लोटा दी । जिस दोरान यह मामला हुआ उस दोरान सारंगपुर एसडीएम भी तहसील मुख्यालय में मोजूद थे ।
एक पट्टे पर साईन के एक हजार
तहसील में हुए हंगामे के दोरान उपस्थित किसानो ने आरोप लगाया की मुख्यमंत्री आवास योजना के पट्टे पर हस्ताक्षर के लिए 1 हजार रूपये लिए जा रहे हैं और ना देने पर परेशान करने का आरोप लगाया वहीँ पुरे मामले में मौजूद होने के बावजूद तहसीलदार कोई भी प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।
इस तरह हुआ उजागर
काम नही हुआ तो हितग्राही ने हंगामा मचाया इस दौरान एक मिडिया कर्मी वहां मामले का मोबाइल जेब में रखकर वीडियो भी बना रहा था जिसकी भनक लिपिक अशोक बडोने को नही थी । इस मामले में जब लिपिक रूपये लोड़ाने लगा तो 700 रूपये लोटा दिए लेकिन फरियादी ने कहा की मेने तों 1000 रूपये दिए तो बाबु ने वह मोजूद कांग्रेस नेता से 300 रुपए मांगे जो बाबु ने नेताजी को कमीशन के रूप में दिए थे ।
हल्ला करने पर लगी भीड़ एवं
तहसीलदार गोपाल सिंह भिलाला के सामने जीतेन्द्र मालवीय को बाबू ने एक हजार रुपए लौटाए।
उल्लेखनीय है की घटना की जानकारी लगने पर कलेक्टर तरुणकुमार पिथोड़े ने तत्काल प्रभाव से लिपिक को निलम्बित कर दिया। लेकिन घटनाक्रम में अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े तहसीलदार पर कार्रवाई नही हुई । बताया जा रहा है की अन्य लिपिक एवं पटवारियों द्वारा भी इस तरह की घटनाओं को रोजाना अंजाम दिया जा रहा है ।
हाल ही में तहसील परिसर में अतिक्रमण करवाने में भी इस तरह की भूमिका सामने आ चुकी है जो सर्वविदित है ।
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