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बैतूल से रामकिशोर पंवार की खास रिर्पोट
बैतूल, मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में जहां एक पूरा गांव हेडपम्प के पीने के पानी से अपने मुॅंह से निकलने वाली
दुर्गंध से परेशान है वहीं परेशानी वाली बात तो अब जिला मुख्यालय पर आ गई है कि यहां का पीने का पानी अपने मानक मापदण्ड से कितने नीचले स्तर पर जा पहुंचा हैै। सरकारी सर्किट हाऊस से लेकर बैतूल गंज तक के पूजा स्वीट्स हाऊस तक में परोसा जाने वाला पानी आम आदमी के शरीर को अनेको बिमारियों की सौगात देने के साथ - साथ जहरीला हो गया है। भोपाल से आई मध्यप्रदेश आइसना के प्रदेश महासचिव विनय जी डेेविड की तीन सदस्यीय टीम ने बैतूल नगर का विभिन्न स्थानो का पीने का पानी का परीक्षण अपने साथ लाए उपकरण से किया जिसमें यह पाया गया कि वह पानी कितना अशुद्ध है। बैतूल गंज में कृषि विभाग के एक एसडीओ के सामने रखे गिलास के पानी का परीक्षण किया गया तो वे स्वंय हक्का - बक्का रह गए। बैतूल गंज में पूजा स्वीट्स के सामने लोगो की भीड जमा हो गई कि आखिर माजरा क्या है। जब लोगो ने अपनी आंखो से पूजा स्वीट्स की दुकान में लगे टयूबवेल के पानी का परीक्षण करके दिखाया तो पानी मौजूद तत्व जो लोगो की जान के साथ खिलवाड करते है वे साफ नंगी आंखो से दिखाई देने लगे। जहां एक ओर बैतूल गंज में आइसना के प्रदेश महासचिव विनय जी डेविड एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी सतीश सिंह पानी का परीक्षण कर रहे थे वहीं दुसरी ओर सर्किट हाऊस बैतूल में आइसना के प्रदेश सचिव रामकिशोर पंवार सर्किट हाऊस में एक नम्बर , व्ही आई पी कमरे में मंत्री से लेकर संत्री तक को परोसे जाने वाले पीने के पानी का परीक्षण कर रहे थे। श्री पंवार ने इस मामले में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के एक अधिकारी ललवानी से जब इस बारे में चर्चा की तो उनका जवाब काफी चौका देने वाला एवं शर्मसार था । कुछ देर बार विभाग के मुखिया विजयवर्गीय से बातवीत की तो उन्होने घटना पर दुख जताते हुए क्षमा मांगी और तत्काल पानी के सेम्पल का जांच करने के लिए विभाग की टीम को भेजा। इधर पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी सर्किट हाऊस के प्रदुषित जल के मामले की शिकायती मिलने पर दौडे चले आये। जहां पर उन्हे सर्किट हाऊस में लगा जल शुद्धिकरण यंत्र बंद पडा मिला। पूरे मामले की जानकारी लोक निमार्ण मंत्री तक पहुंचने में देर नहीं लगी। इधर प्रदेश के लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव ने बैतूल में पीने के पानी के परीक्षण के बाद उसके जहरीले होने की जानकारी मिलने पर भोपाल से जल्छ एक टीम बैतूल भेजने की बात कहीं। बैतूल जिला मुख्याालय पर आम आदमी से लेकर खास आदमी तक यदि जहरीला पानी पी रहे है तब ऐसे में आधे बैतूल को पीने का शुद्ध पानी की केन , बाटल, पाऊच सप्लाई करने वाले ज्योति चिल्ड वाटर से लेकर सांई चिल्ड वाटर सहित अन्य सभी नामचीन शुद्ध पेयजल की पूर्ति करने वालो की सप्लाई किये गए जल का भी परीक्षण किया गया जिसे देखने केे बाद लोगो के होश उड गए। बैतूल जिला मुख्यालय पर लोगो में जागरूकता लाने के लिए आइसना द्वारा चलाई जा रही शुद्ध जल की मुहीम के तहत बैतूल में दो दर्जन से अधिक लोगो के स्वंय टयूबवेलो एवं नगरीय निाकय के द्वारा की जा रही जल आपूर्ति के जल का भी परीक्षण किया गया जिसमें वह भी जंक एवं अन्य वैक्टेरिया से मिश्रीत पाया गया। आज बैतूल की एक साल पूर्व चुनी गई नगर पालिका परिषद की वर्षगांठ पर बैतूल का जल पीने योग्य न पाये जाने पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अपना पक्ष रखने को सामने नहीं आया। इधर बैतूल गंज में पूजा स्वीट्स के प्रदुषित जल के मामले में आइसना की टीम को डराने - धमकाने का कुत्सीत प्रयास किया गया और जब उसमे उन्हे सफलता नहीं मिली तो टीम को प्रलोभन देने के लिए कुछ लोगो को भेजा भी गया लेकिन आइसना के प्रदेश महासचिव एवं मीडिया प्रभारी ने बताया कि लोगो के स्वास्थ के साथ खिलवाड नहीं किया जाएगा। रेस्टोरेंट एवं होटलो स्वंय के लगे टयूबवेल के जल को शुद्धिकरण करके ही लोगो को देने के नियम कानून बने हुए है। यदि जो व्यक्ति या संस्था इसका उल्लघंन करते हुए पाये जाते है तो उसके कानूनी कार्रवाई तथा होटल को सील करने अधिकार खाद्य एवं औषिधी नियंत्रक विभाग जिला मुख्य चिकित्सालय बैतूल के पास होते है। इस मामले मे सीधी शिकायत प्रदेश सरकार को किये जाने के बाद पूरे मामले में तूल पकडने की पूरी संभावनाए दिखाई दे रही है।
बैतूल से रामकिशोर पंवार की खास रिर्पोट
बैतूल, मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में जहां एक पूरा गांव हेडपम्प के पीने के पानी से अपने मुॅंह से निकलने वाली
दुर्गंध से परेशान है वहीं परेशानी वाली बात तो अब जिला मुख्यालय पर आ गई है कि यहां का पीने का पानी अपने मानक मापदण्ड से कितने नीचले स्तर पर जा पहुंचा हैै। सरकारी सर्किट हाऊस से लेकर बैतूल गंज तक के पूजा स्वीट्स हाऊस तक में परोसा जाने वाला पानी आम आदमी के शरीर को अनेको बिमारियों की सौगात देने के साथ - साथ जहरीला हो गया है। भोपाल से आई मध्यप्रदेश आइसना के प्रदेश महासचिव विनय जी डेेविड की तीन सदस्यीय टीम ने बैतूल नगर का विभिन्न स्थानो का पीने का पानी का परीक्षण अपने साथ लाए उपकरण से किया जिसमें यह पाया गया कि वह पानी कितना अशुद्ध है। बैतूल गंज में कृषि विभाग के एक एसडीओ के सामने रखे गिलास के पानी का परीक्षण किया गया तो वे स्वंय हक्का - बक्का रह गए। बैतूल गंज में पूजा स्वीट्स के सामने लोगो की भीड जमा हो गई कि आखिर माजरा क्या है। जब लोगो ने अपनी आंखो से पूजा स्वीट्स की दुकान में लगे टयूबवेल के पानी का परीक्षण करके दिखाया तो पानी मौजूद तत्व जो लोगो की जान के साथ खिलवाड करते है वे साफ नंगी आंखो से दिखाई देने लगे। जहां एक ओर बैतूल गंज में आइसना के प्रदेश महासचिव विनय जी डेविड एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी सतीश सिंह पानी का परीक्षण कर रहे थे वहीं दुसरी ओर सर्किट हाऊस बैतूल में आइसना के प्रदेश सचिव रामकिशोर पंवार सर्किट हाऊस में एक नम्बर , व्ही आई पी कमरे में मंत्री से लेकर संत्री तक को परोसे जाने वाले पीने के पानी का परीक्षण कर रहे थे। श्री पंवार ने इस मामले में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के एक अधिकारी ललवानी से जब इस बारे में चर्चा की तो उनका जवाब काफी चौका देने वाला एवं शर्मसार था । कुछ देर बार विभाग के मुखिया विजयवर्गीय से बातवीत की तो उन्होने घटना पर दुख जताते हुए क्षमा मांगी और तत्काल पानी के सेम्पल का जांच करने के लिए विभाग की टीम को भेजा। इधर पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी सर्किट हाऊस के प्रदुषित जल के मामले की शिकायती मिलने पर दौडे चले आये। जहां पर उन्हे सर्किट हाऊस में लगा जल शुद्धिकरण यंत्र बंद पडा मिला। पूरे मामले की जानकारी लोक निमार्ण मंत्री तक पहुंचने में देर नहीं लगी। इधर प्रदेश के लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव ने बैतूल में पीने के पानी के परीक्षण के बाद उसके जहरीले होने की जानकारी मिलने पर भोपाल से जल्छ एक टीम बैतूल भेजने की बात कहीं। बैतूल जिला मुख्याालय पर आम आदमी से लेकर खास आदमी तक यदि जहरीला पानी पी रहे है तब ऐसे में आधे बैतूल को पीने का शुद्ध पानी की केन , बाटल, पाऊच सप्लाई करने वाले ज्योति चिल्ड वाटर से लेकर सांई चिल्ड वाटर सहित अन्य सभी नामचीन शुद्ध पेयजल की पूर्ति करने वालो की सप्लाई किये गए जल का भी परीक्षण किया गया जिसे देखने केे बाद लोगो के होश उड गए। बैतूल जिला मुख्यालय पर लोगो में जागरूकता लाने के लिए आइसना द्वारा चलाई जा रही शुद्ध जल की मुहीम के तहत बैतूल में दो दर्जन से अधिक लोगो के स्वंय टयूबवेलो एवं नगरीय निाकय के द्वारा की जा रही जल आपूर्ति के जल का भी परीक्षण किया गया जिसमें वह भी जंक एवं अन्य वैक्टेरिया से मिश्रीत पाया गया। आज बैतूल की एक साल पूर्व चुनी गई नगर पालिका परिषद की वर्षगांठ पर बैतूल का जल पीने योग्य न पाये जाने पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अपना पक्ष रखने को सामने नहीं आया। इधर बैतूल गंज में पूजा स्वीट्स के प्रदुषित जल के मामले में आइसना की टीम को डराने - धमकाने का कुत्सीत प्रयास किया गया और जब उसमे उन्हे सफलता नहीं मिली तो टीम को प्रलोभन देने के लिए कुछ लोगो को भेजा भी गया लेकिन आइसना के प्रदेश महासचिव एवं मीडिया प्रभारी ने बताया कि लोगो के स्वास्थ के साथ खिलवाड नहीं किया जाएगा। रेस्टोरेंट एवं होटलो स्वंय के लगे टयूबवेल के जल को शुद्धिकरण करके ही लोगो को देने के नियम कानून बने हुए है। यदि जो व्यक्ति या संस्था इसका उल्लघंन करते हुए पाये जाते है तो उसके कानूनी कार्रवाई तथा होटल को सील करने अधिकार खाद्य एवं औषिधी नियंत्रक विभाग जिला मुख्य चिकित्सालय बैतूल के पास होते है। इस मामले मे सीधी शिकायत प्रदेश सरकार को किये जाने के बाद पूरे मामले में तूल पकडने की पूरी संभावनाए दिखाई दे रही है।
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