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19 साल की लड़की से रेप के आरोपी जैन मुनि शांति सागर (49) ने दावा किया है कि उन्हें फंसाया गया है. मेडिकल के दौरान उन्होंने डॉक्टर से कहा, “मैं लड़की को 5-6 महीने से जानता हूं. वह पहली बार मिलने के लिए सपरिवार सूरत आई थी. टीमलियावाड नानपुरा धर्मशाला में लड़की की रजामंदी से 1 अक्टूबर को संबंध बनाए. जीवन में पहली बार ऐसा किया.”यह बात डॉक्टर ने मेडिको लीगल केस रजिस्टर में दर्ज की है. डॉक्टर ने मुनि से पूछा कि आप साधु हैं, ऐसा क्यों किया? इस पर मुनि ने सिर झुका लिया. बाद में मुनि को जेल भेज दिया गया.
कोर्ट ने भेजा जैनमुनि को जेल
जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात गिरफ्तारी के बाद 10 से 11.45 बजे तक मुनि का मेडिकल हुआ था. इस दौरान जरूरी सैंपल नहीं लिया जा सका. डॉक्टरों ने कहा कि मुनि टेंशन में हैं. पुलिस उन्हें जांच के लिए दोबारा लेकर आए. मामला सेंसेटिव होने के चलते पुलिस फॉरेंसिक जांच करवाने की भी तैयारी कर रही है. शांति सागर को पुलिस ने शनिवार रात ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, लेकिन रिमांड नहीं मांगी गई. पुलिस ने कोई सामान बरामद नहीं करने की बात कही है.
चार गवाहों ने इस केस में बयान दिए
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बताया जा रहा है कि कोर्ट से ज्यूडिशियल कस्टडी दिए जाने के बाद रात 12:35 बजे मुनि को जेल भेज दिया गया. इन्वेस्टिगेशन अफिसर डीके राठौड़ ने बताया कि चार गवाहों ने इस केस में बयान दिए हैं. चारों का दावा है कि लड़की और आचार्य की मौजूदगी में वह भी वहां थे.
शांति सागर दिगंबर जैन संत हैं. यह संत कपड़े नहीं पहनते हैं, लेकिन गिरफ्तारी के बाद मेडिकल, कोर्ट में पेशी और जेल भेजने के दौरान उन्हें कपड़े पहनाकर रखा गया.
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