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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाल के ही संबोधन में युवाओं में बढ़ते शराब के प्रभाव को गंभीर समस्या बताते हुए इसके उन्मूलन पर जोर दिया। उन्होंने यह संबोधन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार स्थित मां उमिया धाम आश्रम में दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर समाज में शराब की समस्या अनियंत्रित हो गई तो अगले 25 वर्षों में यह समाज को ही समाप्त कर देगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में संगठन द्वारा किये जा रहे सामाजिक कार्यों की प्रशंसा भी की जिसमे समाज को शराब के दुष्परिणामों के बारें में ज्यादा जान सकें। यहां प्रधानमंत्री अपने संबोधन में इस समाजिक संगठन द्वारा किये जा रहें प्रयासों की भले ही सराहना कर रहें हो लेकिन कई लोग एेसे भी हैं जो कि अभी से शराब पर भविष्य में लगने वाले प्रतिबंधों को लेकर चिंतित हो गये हैं।
सप्ताह के अंत में या किसी त्योहार के दौरान या किसी पार्टी में कई लोग शराब का सेवन करते हैं। भले ही उन्हें यह पता रहता है कि इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन प्रधानमंत्री के शराब के दुष्परिणामों पर दिये गये व्याख्यान ने इन सबको चिंतित जरूर कर दिया है।
लोगों को यह लग रहा है कि पिछली बार जब प्रधानमंत्री ने कालेधन और भ्रष्टाचार की बात की थी तो लोगों को नोटबंदी का सामना करना पड़ा था। यही कारण है कि लोगों को यह लग रहा है कि कहीं भविष्य में लोगों को शराबबंदी की सामना न करना पड़े।
जैसे ही प्रधानमंत्री का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने ट्विटर, फेसबुक तथा अन्य माध्यमों पर प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी।
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