अविनाश शर्मा
मध्यप्रदेश शासन से धोखाधड़ी कर बना शिक्षक
संविदा शाला शिक्षाकर्मी में धोखाधड़ी से बना शिक्षक कर रहा नौकरी
TOC NEWS // देवराज डेहरिया
सिवनी जिले की जनपद पंचायत धनौरा में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 में शिक्षक पद हेतु अविनाश शर्मा पिता विपिन शर्मा निवासी मुकाम कबीर वार्ड डूंडा सिवनी, जिला सिवनी के द्वारा मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के निकाय धनौरा जिला सिवनी को स्वयं के गंभीर आपराधिक मामले के संबंध में जानकारी न देकर लालचवश धोखाधड़ी कर शिक्षक पद नियुक्ति प्राप्त कर वर्तमान में भी लगातार शिक्षक के रूप में शा.प्रा. शाला चीजबंध में कार्य कर रहा है।
ज्ञात होवे कि मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार किसी भी शासकीय सेवा हेतु आवेदक का चरित्र अच्छा होने व किसी भी प्रकार का कोई आपराधिक मामला गतिशील, लंबित, विचाराधीन या निर्णयीत होने के संबंध में जानकारी देना आवश्यक है। किन्तु अविनाश शर्मा के द्वारा मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग की जनपद पंचायत धनौरा जिला सिवनी को स्वयं के अच्छे चरित्र होने व स्वयं के विरूद्ध थाना इकलहरा जिला छिंदवाड़ा में धारा 498 भा.द.वि. तथा धारा 34, 3/4 दहेज प्रतारणा अधिनियम का मामला दिनांक 14/09/2002 में प्रकरण क्रमांक 286/2002 को दर्ज किये जाने के संबंध में जानकारी न देकर छल-कपट पूर्वक धोखाधड़ी कर शिक्षक का पद हथियाकर निरंतर शिक्षक के पद पर कार्यरत् है।
ज्ञात होवे कि अविनाश शर्मा द्वारा मध्यप्रदेश शासन से धोखाधड़ी कर शिक्षक का पद प्राप्त किया है, जो कि भा.द.वि. के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। एवं संविदा शाला शिक्षक भर्ती नियम के अनुसार शासन को स्वयं के चरित्र व आपराधिक मामले के संबंध में जानकारी न देने से शिक्षक पद का पात्र नही है। जो कि पात्र न होने के बावजूद भी निरंतर शिक्षक के पद पर रहते हुये कार्य कर शासन से आवैधानिक रूप से लाभ प्राप्त कर रहा है।
देखा जाये तो प्रथम दृष्टया अविनाश शर्मा स्वच्छ मानसिकता विचार के व्यक्ति नहीं हैं। यदि अविनाश शर्मा गैर कानूनी रूप से शिक्षक के पद पर कार्य करते रहेंगे तो जिस स्कूल में अविनाश शर्मा द्वारा शिक्षक कार्य किया जा रहा है, उस स्कूल के छात्रों को भी स्वयं के चरित्र अनुसार शिक्षा देने से छात्रों का भविष्य अंधकार की ओर चला जावेगा।
उल्लेखनीय है कि छात्र देश का भविष्य होते हैं जो कि आगे चलकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी योग्यतानुसार भूमिका अदा करते हैं। किन्तु चिंतन का विषय यह है कि जिन छात्रों का शिक्षक ही चरित्रहीन अपराधी एवं धोखाधड़ी कर शिक्षक बना होे वो राष्ट्र निर्माण हेतु छात्रों को स्वयं के चरित्र अनुसार ही शिक्षा देगा, जिससे कि छात्रों व राष्ट्र का निर्माण गलत दिशा में जाकर विकास अवरूध होगा।
इस प्रकार के शिक्षक के विरूद्ध शीघ्र अति शीघ्र जांच किया जाकर अविनाश शर्मा को शिक्षक पद से पृथक कर उसके विरूद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर कार्यवाही हेतु आम जनता के द्वारा मांग की जा रही है। एवं इस समाचार के माध्यम से सिवनी जिले के कलेक्टर महोदय, पुलिस अधीक्षक महोदय एवं शिक्षा विभाग से अविनाश शर्मा के विरूद्ध शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही करने हेतु ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।
ज्ञात होवे कि इस संबंध में अखिलेश शर्मा निवासी रायपुर के द्वारा दिनांक 23/09/2017 को माननीय जिलाध्यक्ष सिवनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धनौरा, जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी, प्रधान पाठक शा.प्रा.शाला चीजबंध को उक्त संबंध में रजिस्टर्ड डाॅक के माध्यम से शिकायत पत्र प्रेषित किया गया है। जिस पर अविनाश शर्मा के विरूद्ध संबंधित विभाग या अन्य मध्यप्रदेश शासन की एजेंसी के द्वारा समाचार प्रकाशित दिनांक तक किसी भी प्रकार की जांच या कार्यवाही नहीं की गई है।
जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि अविनाश शर्मा कितना बड़ा रसूखदार एवं प्रभावशाली व्यक्ति है, जिसके विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन की कार्यवाही करने की कोई हिम्मत नहीं हो रही है। क्यों कि अविनाश शर्मा द्वारा उक्त पद पर रिश्वत देकर आसीन हुये थे, एवं मध्यप्रदेश शासन के सभी विभागों का यही आलम है।
क्यों कि जो व्यक्ति रिश्वत देकर शिक्षक बन सकता है, वो व्यक्ति स्वयं के विरूद्ध होने वाली कार्यवाहियों से रिश्वत देकर बच भी सकता है। इसी कारण मध्यप्रदेश शासन में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सारा आसमान फटा हुआ है कहां-कहां थिगड़ा लगाया जा सकता है। किन्तु फिर भी इस समाचार के माध्यम से फटे आसमान के स्थान पर एक नया आसमान की उम्मीद के साथ मध्यप्रदेश शासन से अपेक्षा की जा रही है।
अब देखना यह है कि मध्यप्रदेश शासन में बैठे आलाधिकारी इस गंभीर प्रकरण की जांच कर दोषी अविनाश शर्मा के विरूद्ध कार्यवाही करते हैं? या फिर आपसी सांठ-गांठ कर उक्त गंभीर मामले में लीपा पोती करते हैं ?
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