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मध्यप्रदेश असंगठित कर्मकार अधिनियम 2003 के तहत प्रदेश में श्रमिकों के पंजीयन की कार्यवाही की जा रही है। अभी तक लगभग 2 करोड़ 6 लाख आवेदकों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। इन श्रमिकों के बच्चों को शासकीय महाविद्यालयों/अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर, दोनों में, नियमित पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर शैक्षणिक शुल्क से छूट दी जायेगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने परिपत्र जारी कर सभी प्राचार्यों को अवगत करवाया है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा क्रियान्वित विक्रमादित्य शिक्षा योजना में असंगठित कर्मकार के बच्चों को भी पात्र माना जायेगा। एक अप्रैल 2018 के बाद इन महाविद्यालयों में जो भी प्रवेश इस वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा लिया जायेगा, उन्हें शैक्षणिक शुल्क से छूट की पात्रता होगी। विद्यार्थियों को प्रवेश लेने के लिये अपना आवेदन-पत्र www.epravesh.nic.in पर ऑनलाइन भरना होगा। इस ई-प्रवेश पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कर्मकार की श्रेणी को भी शामिल किया जा रहा है। इससे प्रवेश के समय ही विद्यार्थी इसे अंकित कर सकेंगे। इसी पोर्टल पर वह अपने असंगठित कर्मकार माता-पिता का पंजीयन क्रमांक भी दर्ज कर सकेंगे।
विद्यार्थी को प्रवेश के समय महाविद्यालय में अपने अन्य दस्तावेज सत्यापन के लिये देने होंगे। उसी समय उनका असंगठित कर्मकार के पंजीयन क्रमांक का भी सत्यापन किया जायेगा। सत्यापन विद्यार्थी द्वारा अपने माता-पिता का कर्मकार पंजीयन कार्ड प्रस्तुत करने के आधार पर होगा। वैकल्पिक रूप में श्रम विभाग के पोर्टल www.shramiksewa.mp.gov.in से भी उसका सत्यापन किया जा सकेगा। पंजीयन कार्ड प्रस्तुत करने की अनिवार्यता नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन करते समय विद्यार्थी की पंजीयन संबंधी त्रुटि को प्रवेश के समय सुधारने का अवसर दिया जायेगा। पंजीयन वेरीफिकेशन के बाद उसको शैक्षणिक शुल्क से छूट की पात्रता होगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि पंजीबद्ध असंगठित श्रमिक की संतान (पुत्र अथवा पुत्री) होने के अतिरिक्त इस योजना का लाभ उठाने के लिये अन्य कोई पात्रता (आय, जाति आदि) का बंधन नहीं होगा। प्राचार्य द्वारा ऐसे विद्यार्थियों से प्रवेश के लिये कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। विद्यार्थी को पोर्टल से एडमिशन ऑफर जारी किया जाता है। इस ऑफर की स्वीकृति विद्यार्थी द्वारा ऑनलाइन देने के बाद उस महाविद्यालय में उसका प्रवेश हो जायेगा।
सभी प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबंधित प्राचार्य राज्य बजट से इस वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक शुल्क की राशि का आहरण स्वयं कर सकेंगे। राशि का आहरण 15 सितम्बर के तत्काल बाद किया जाये। संबंधित प्राचार्य का उत्तरदायित्व होगा कि योजना का पर्याप्त प्रचार-प्रसार करे और नव प्रवेशित विद्याथियों को योजना की जानकारी दें।
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