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लोकसभा चनाव 2019 (loksabha election 2019) में भाजपा को सत्ता से बाहर निकालने के मकसद से उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा (sp-bsp) ने गठबंधन किया। लेकिन इस बीच सपा-बसपा गठबंधन से एक बहुत बड़ी खबर आ रही है। जहां बसपा सुप्रीमों मायावती (mayawati) ने जौनपुर से अपना प्रत्याशी उतारकर अपने सहयोगी समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दिया है।दरअसल बसपा सुप्रीमों मायावती (mayawati) ने आज पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आखिरी सुची का ऐलान किए। जिसमें पार्टी ने 16 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।
बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के द्वारा जारी किए गए लिस्ट में 16 उम्मीदवारों की सुची में प्रतापगढ़ से अशोक त्रिपाठी, अम्बेडकर नगर से रितेश पांडेय, श्रावस्ती से रामशिरोमणि वर्मा, डुमरियागं से आफताब आलम, बस्ती से रामप्रसाद चौधरी, देवरिया से विनोद कुमार जायसवाल, बांसगांव से सदल प्रसाद, लालगंज से संगीता, घोसी से अतुल राय, सलेमपुर से आर एस कुशवाहा, जौनपुर से श्याम सिंह यादव, मछलीशहर से टी राम, भदोही से रंगनाथ मिश्रा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और सुल्तानपुर से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ चन्द्रभद्र सिंह हैं।
बसपा BSP द्वारा जारी किए गए उम्मीदवारों की इस लिस्ट से समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका तब लगा जब बसपा सुप्रीमों ने जौनपुर से अपना प्रत्याशी को उतार दिया।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के( SP akhilesh yadav) अध्यक्ष अखिलेश यादव जौनपुर से अपने भाई तथा मैनपुरी से सांसद तेज प्रताप सिंह यादव (tej pratap singh yadav) उर्फ तेजू को उतारना चाहते थे। लेकिन बासपा (bsp) ने अपने आखिरी लीस्ट में उन दोनों सीटो पर अपना प्रत्याशी उतार कर समाजवादी पार्टी को बहुत बड़ा झटका दिया।
मयावती (mayawati) ने चुनावी मैदान में जहां जौनपुर से अपना प्रत्याशी श्याम सिंह यादव (shyam singh yadav jaunpur) को उतार दिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना था कि बसपा जौनपुर से अपना प्रत्याशी न उतारे। इस सीट के बदले बसपा को बलिया की सीट देने को तैयार थी। अखिलेश यादव जौनपुर (jaunpur) में अपने भाई तेज प्रताप सिंह यादव को चुनाव में उतारना चाहते थे।
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