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11 अप्रैल को चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच खेला गया। इस मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी आउट होने के बाद डगआउट से मैदान में घुस आए और अंपायर से बहस करने लगे, जिस कारण उन पर मैच फीस का 50% जुर्माना लगा। आईपीएल के इस सीजन में अंपायर ने कई गलत निर्णय लिए, जिनको लेकर सवाल उठ रहे हैं। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि खिलाड़ियों पर जुर्माना लगने के साथ-साथ अंपायरों को लेकर भी नियम बनाने चाहिए। गलत फैसले लेने पर अंपायर भी जुर्माना लगना चाहिए।
अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि जब किसी भी नियम का उल्लंघन होता है तो उसके लिए सजा दी जाती है और उसके लिए कई चीजें मायने रखती हैं। सजा देते वक्त पुराने रिकॉर्ड के साथ-साथ मौजूदा हालात को भी देखा जाता है। मैच अधिकारियों को बेहतर प्रदर्शन करने की आवश्यकता है, जिनमें फील्ड अंपायर, थर्ड अंपायर और मैच रेफरी भी शामिल है। इनको सटीकता से निर्णय लेने होंगे।
अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि यह भारतीय क्रिकेट है और हर किसी के अपने अलग-अलग विचार हैं। जब धोनी ने डगआउट से मैदान में एंट्री ली थी तो मुझे लगता है कि उनको पता होगा कि ऐसा करने से मुझ पर जुर्माना लग सकता है, क्योंकि यह नियमों की अवहेलना है। महेंद्र सिंह धोनी पर जुर्माना लग गया और मुद्दा शांत हो गया।
अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी पर नियम तोड़ने को लेकर जुर्माना लगा। लेकिन इससे पहले विराट कोहली और युज़वेंद्र चहल पर तो जुर्माना नहीं लगा था। इन दोनों घटनाओं ने अंपायरों के फैसले से खिलाड़ी भड़क गए। दोनों ही परिस्थितियां भिन्न खी। अब ऐसा वक्त आ गया है कि एक ऐसा सिस्टम तैयार हो कि अंपायर यदि गलत फैसला ले तो उन पर भी जुर्माना लगे।
अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि इस सिस्टम को हमें तत्काल प्रभाव से देखने की आवश्यकता है। हमको अंपायरों को परखने के तरीकों को बदलना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वर्तमान के संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
हम आपको बता दें कि राजस्थान और चेन्नई के बीच खेले गए मुकाबले में मैच के अंतिम ओवर की चौथी गेंद बेन स्टोक्स ने बीमर फेंकी थी। पहले उसे अंपायर ने नो बॉल दे दिया। लेकिन बाद में अंपायर ने अपना फैसला बदल लिया। यह देखने के बाद महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर घुस आए। अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला।
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