वीडियो ख़बर : 35 एकड़ गौठान की सरकारी जमीन तहसीलदार और एसडीएम ने मिलीभगत से दिल्ली के एक व्यापारी को बेचा, TI का सनसनीखेज आडियो वॉयरल से मचा घमासान |
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ब्यूरो चीफ ढीमरखेड़ा, जिला कटनी // रमेश कुमार पांडे : 6264045369
कटनी . ऑडियो वायरल होने के बाद कटनी में 2 ऐसे मामले हुए जिस पर तुरंत प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की - पहला मामला था कटनी के सीएमएचओ का और दूसरा मामला बहोरीबंद के बीआरसी का - इसी तर्ज पर एक तीसरा ऑडियो वायरल हुआ लेकिन उसमें कार्यवाही नहीं हो पाई -
जाहिर तौर पर ऑडियो वायरल करने वालों की मंशा थी कि इस पर कार्रवाई हो जाए तो बीच का रास्ता निकाला जा सके - दरअसल ढीमरखेड़ा के टी आई एन के पांडे ने इलाके में बिकी हुई जमीन को लेकर आपसी सामंजस्य बैठाने की बात कही बस इतनी सी बात को तूल बनाकर ऐसा पेश किया गया जैसे कि टीआई साहब ने खुद ही घुस मांग ली हो - आप पहले सुनिए इस ऑडियो को फिर हम आपको बताते हैं कि दरअसल पूरी कहानी क्या है –
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आपको बता दें कि इस इलाके में तकरीबन 35 एकड़ गौठान की सरकारी जमीन थी – जिसे शासन ने मवेशियों के लिए चारागाह घोषित किया है - जिसे तहसीलदार और एसडीएम ने मिलीभगत के जरिए दिल्ली के एक व्यापारी सुनीता गुप्ता को बेच दिया - लेकिन जमीन सरकारी थी लिहाजा इलाके के आदिवासियों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया और जमीन पर कब्जा देने से मना कर दिया - मामला यहीं नही थमा – मामला यहां तक पहुंच गया कि आदिवासियों की आवाज़ दबाने के लिए बदमाश भी भेजे गए और उनसे मारपीट भी की गई –
जिसके बाद आदिवासी थाने पहुंच गए और वहां भी हंगामा शुरू कर दिया - लेकिन थानेदार साहब ने जैसा कि ऑडियो में कहा है कि वे चाहते थे कि व्यापारी और आदिवासी आपस में बैठ के सामंजस्य बना कर मामले को खत्म करें - लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आया – जिसके बात चीत का ऑडियो वायरल करके टी आई साहब को निपटाने की कोशिश की गई - टीआई साहब के मुताबिक इस मामले में वे पूरी तरह से जांच करके आश्वस्त हो चुके हैं - कि वह जमीन सरकारी है और सरकारी हुक्मरानों ने उस जमीन को खुर्द बुर्द करने की योजना बनाई है –
अब सुनिए इलाके के लोगों की बातें जो कह रहे हैं कि इस जमीन को बचाने के लिए उन्होंने एड़ी चोटी का पसीना एक कर दिया है - यहां तक कि तहसीलदार और एसडीएम के अलावा कटनी कलेक्टर से भी मुलाकात करनी चाही - लेकिन कलेक्टर साहब ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया - अब उनके पास सहारे के नाम पर एक पुलिस अधिकारी बचा हुआ है - जो उनकी मदद कर रहा है लेकिन उस पुलिस अधिकारी को भी सस्पेंड कराने के तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं -
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जाहिर तौर पर करोड़ों की शासकीय भूमि को लाखों में बंदरबांट करने वाले शासकीय अधिकारी और बीच के दलाल नहीं चाहते कि एक ईमानदार अधिकारी इस इलाके में बचे जो उनके मंसूबों को कामयाब ना होने दें - आप खुद सुनिए इन आदिवासियों की जुबानी जिन लोगों ने जमीन का कब्जा देने से मनाही की है - साथ ही उन्हें भरोसा है कि जब तक थानेदार साहब इलाके में है - उस जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया जा सकेगा –
इलाके के जनप्रतिनिधि भी मानते हैं कि यह पूरी गलत तरीके से की गई रजिस्ट्री है - क्योंकि जो जमीन बेची गई है - वह किसी की निजी संपत्ति नहीं है - वह शासकीय संपत्ति है - और उसका रिकॉर्ड बहुत पहले से उनके पास मौजूद है - जिसको उन्होंने तहसीलदार से लेकर एस डी एम और थानेदार तक पहुंचा दिया है –
अब आखिरी में हम उस शख्स की भी बात सुनवा देते हैं जिसने इस ऑडियो को वायरल करवाया है – खास बात ये कि ये सख्स दिल्ली के उसी व्यापारी का नौकर है जिसने शासकीय भूमि को खरीद कर जबरन कब्जा करने की कोशिश की है – आप खुद सुनिए इनकी जुबानी और तय कीजिए कि जनाब की बात में कितनी सच्चाई है –
जाहिर तौर पर इस तरह की ना जाने कितनी जमीनें शासन के मद से अलग कर निजी बना कर कटनी जिले में अधिकारियों ने वारे न्यारे किए हैं – ऐसे हीं एक मामले में कटनी की तत्कालीन कलेक्टर अंजू सिंह बधेल को बर्खास्त भी किया जा चुका है लेकिन करोड़ों की संपत्ति को कौड़ियों के भाव बेचने का कारोबार आज भी जारी है -
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