नहर का दो वर्षों से नही किया मरम्मत, नहर के कटाव के चलते किसानो को नही मिल रहा पानी |
ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
परसवाङा तहसील के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत झिरिया के खेतीहर किसानो ने सिंचाई के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की गुहार लगाई है । गांव की एक मात्र नहर में आए कटाव को दुरूस्त करने की मांग की है ।
वनांचल ग्राम झिरिया के दर्जनो किसानो ने शिकायत करते हुये बताया है कि बारिश नही होने के चलते सभी किसान परेशान है । ऐसे मे जलगांव जलाशय से होकर आने वाले नहर पर ही सभी किसान निर्भर है । परन्तु यहां जलगांव जलाशय से होकर बघोली, झिरिया, पटोरा आदि ग्रामो मे आने वाले नहर मे कई स्थानो पर कटाव हो जाने से यहां के लगभग 400 किसानो के खेतों मे पानी नही मिल पा रहा है !
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ग्राम झिरिया के किसान कमलेश बोपचे ने बताया कि 3-4 किमी के इस नहर से यहां के किसानो को पानी उपलब्ध होता है वर्तमान मे लगभग 10 दिनो से बारिश नही होने से सभी किसान नहर के पानी पर निर्भर है परन्तु विगत दो वर्षों से सिंचाई विभाग द्वारा नहर के कटाव की मरम्मत नही करने की वजह से जलगांव जलाशय से किसानो के खेतों को मिलने वाला लगभग 80 प्रतिशत पानी जंगलो मे बह जाने से उनके खेत सूख चुके है !
नहर की मरम्मत के लिए उनके द्वारा स्थानिय सिंचाई विभाग के कर्मचारियों को शिकायत भी की गई है परन्तु कर्मचारियों द्वारा भी विभाग के मद मे मरम्मत के लिए राशि नही होने की दुहाई देते है ! जबकि ग्राम झिरिया के किसानो का कहना है कि पानी की राशि की वसूली सख्ती के साथ की जाती है ! वही विभाग के आला अधिकारी आज कल करके पल्ला झाङ रहे है परन्तु किसानो की सुध लेने वाला भी कोई नही है ! इधर दुसरी तरफ किसानो को पानी नही मिलने की समस्या होने पर भी स्थानीय स्तर पर बनाई गई समितियो का भी कोई ध्यान नही है !
जिसके चलते ग्रामीण किसानो मे भारी आक्रोश व्याप्त है ! नहर अमीन के पद पर काम करने वाले मुन्नालाल तिवारी ने किसानों के इस आरोप को खारिज किया कि पिछले दो सालों से नहर की मरम्मत नहीं हुई है । यदि ऐसा था तो तब शिकायत क्यों नही की । अभी जून महीने में मनरेगा के तहत नहर मरम्मत के लिए 10 लाख रु सेशन हुए हैं जिससे 04 किमी नहर की सफाई कराई गई किन्तु बारिश आने से काम आधे में छोड़ना पड़ा । अब शीघ्र ही नहर मरम्मत का काम किया जाएगा।
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