बैतूल पुलिसरिश्वत लेकर आरोपियों को बचाने का आरोप
बैतूल//राजेश कुमार राठौर (टाइम्स ऑफ क्राइम)
दहेज लोभी हत्यारों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही एवं रिश्वतखोर दोषी पुलिस अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करो साहब...। मेरी बेटी मीना बाई को इन दहेज लोभी दानवों ने मार डाला और थाने चिचोली बैतूल के बड़े साहब भी हमारी तक हमारी नहीं सुन रहे सब अपनी मर्जी से कार्यवाही कर रहे है...? आरोपी अनिल से पचास हजार रूपये रिश्वत लेकर खुला छोड़ दिया, हत्यारे आरोपी महेश व बिंदिया पर भा.द.वि की धरा 306 पर मामला दर्ज कर अभयदान दे दिया। षडय़ंत्र पूर्वक की गई हत्या को साधारण प्रकरण में बदल कर औपचारिकता पूर्ण कर ली गई...? मेरी बेटी के हत्यारों पर कार्यवाही करो...। ये दर्द मीना बाई के पिता कोरकूलाल कुमरे की है जो भाोपाल पुलिस अधिकारियों के दरवाजे पर न्याय की गुहार लगा रहा है। कोरकू लाल ने उक्त प्रश्न मीडिया के सामने भी किये आखिर कोरकू को क्षेत्रिय पुलिस जांच पर भरोसा क्यों नहीं है और एक बेटी को खोने के बाद आखिार एक पिता कैसा न्याय चाहता है। कोरकू ने जो मिलिभगत के आरोप लगाये हैं, वे काफी गम्भीर हैं न्याय की गुहार के पीछे क्षेत्र का भी दर्द इनके रूआरे कंठ से निकल रहा है वहीं पुलिस महानिर्देशक मध्यप्रदेश भोपाल को भी कोरकू ने लिखित शिकायत कर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही कर न्याय मांगा है। साथ ही पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था पर भी रिश्वत खोरी, जांच में मिलीभगत के खुले आरोप लगाये हैं, जो वाकई पुलिस कार्यप्रणाली पर भद्दा काला तिलक है। शिकायत में नगर निरीक्षक अनिल सोनकर की पदस्थी के पश्चात क्षेत्र में बढ़े अपराध का भी चित्रण किया गया है। जिसमें क्षेत्र में खुलेआम जुआ, सट्टा अवैध शराब वैश्यावृत्ति, लकड़ी चोरी, कालाबाजारी, स्क्रेप चोरी, हत्यायें पर हत्यायें, लूट, मारपीट, जेबकतरी, बाजार वाहन वसूली, रिश्वत खोरी आदि घटना भी बढ़ गई हैं। इन आरोपी की लिखित शिकायत जब आवेदक कोरकू ने हमारे ''टाइम्स ऑफ क्राइमÓÓ कार्यालय को दी हमारे संवाददाता को कोरकूलाल ने जो कहानी बताई वे इस प्रकार है। मैं ग्राम कटकुही का निवासी हूं मेरी पुत्री की शादी 10 माह पूर्व 06 तारीख को महेश पिता रूपलाल के साथ की थी। शादी के बाद मेरी लड़की को लगभग 2 माह ठीक रखा फिर मेरा दामाद महेश उसका परिवार मेरी लड़की को मोटर साइकल (कोई भी) और 10,000 रूयये के लिये परेशान मारपीट करना शुरू किया खाने-पीने की तकलीफ देते। हमेशा महेश को उसका साथी मिट्ठूलाल गुरूजी नहरपुर आमढाना निवासी मोटर साइकल और रूपये माँगने के लिये उकसाता था और मरने से पहले 6-7 बार महेश को मोटरसाइकल एवं रूपये मांगवाने मेरे घर साथ लाया था और कहां कि लड़के को मोटरसाइकल खरीद कर दे दी और दामाद को देने में मौत आती है, हमारे समझाने पर और पैसे देने का कहने पर भी नहीं माना और लड़की को जान से मारने की धमकी देकर चला गया। आखरी बार दिनांक 08.03.2010 को जब लड़की मेरे घर थी तब भी दोनों आये थे मोटरसाइकल एवं 10,000 की माँग की और पूरी नहीं करने पर धमकी देकर गये थे। तथा सुबह लड़की को बोले कि लड़की को लाकर नहीं छोड़ा तो शादी तोड़ देंगे। तब मंगलवार को 09.03.2010 को मेरे बड़े लड़के के हाथ लड़की को ससुराल भिजवाया था। लड़की 8-9 दिन मायके में रही थी इनकी मांगो से परेशान होकर हमेशा बताती थी कि मुझे दहेज के लिए परेशान करते हैं। तब मोटर साइकल तो हैसियत में नहीं परन्तु फसल आने पर पैसे करवा देंगे। और समझा-बूझाकर ससुराल भिजवा दिया था। दिनांक 10.03.2010 को 3:00 बजे दिन में मिट्ठूलाल गुरूजी ने मुकेश नायक को फोन पर खबर दी कि तुम्हारी लड़की मर गई है बता देना खबर मिलने पर लड़की के ससुराल गये तो वहां पर लड़की मर गई है बता देना खबर मिलने पर लड़की के ससुराल गये तो वहां पर लड़की के सास के अलावा कोई भी नहीं था सब भाग गये थे सांस ने बताया कि तुम्हारी लड़की कही गयी है कहीं दिख रही है। मिट्ठूलाल गुरूजी ने बताया कि तुम्हारी लड़की को कुंए में देखो कुंए में गल डालकर देखने पर लड़की गल में फसी इसकी खबर चिचोली थाने को दी चिचोली थाने ने यह कहा कि लड़की को बाहर निकाल लो बाहर निकालकर देखा तो लड़की के शरीर पर कई चोटे थी। सिर में पीछे साइट गहरा निशान था चोट का, चेहरे पर गाल पर चोट का निशान था, और पिंडली और जांघो में मार के कई निशान थे और भी कई निशान थे फिर थाने रिपोर्ट हेतु मैं गया तो वहां पर साहब मिले जिन्हें मैं चेहरे से पहचानता हूं उन्होंने मेरा नाम पता पूछा जब मैंने मोटर साइकल और 10,000 रूपये वाली बात बताई तो कहा कि तेरे पास इसकी कोई लिखा पढ़ी है या चुप रह, और अपने मन से लिखवा दिया और मुझे कहा कि कल बैतूल गवाहों को लेकर आ जाना मैं अपने साथ 16 गवाह को लेकर बैतूल आया तो यहां पर भी सबका नाम पता पूछा और सबके दस्तखत अंगूठे ले लिये और किसी की कोई बात नहीं सुनी वहां पर एक आदमी टी.वी.पर लिख रहा था दूसरा आदमी सामने बैठा था वह मौके पर भी गया था। हमने अपनी बात कहनी चाही तो बोले चुप रहे मत चिल्ला और अपनी मर्जी से कहते रहे और लिखवाते रहे और हसमे कहा कि यहां से सीधे घर जाना नहीं तो पछताओगे। मैंने अपने गांव के लोगों के साथ मिलकर अपने दामाद और मिट्ठूलाल गुरूजी को दहेज न मांगने को लेकर बहुत समझाने का प्रयास किया नहीं माने और मेरी लड़की को मार डाला। चिचोली थाने से लेकर बैतूल के बड़े साहब तक हमारी कोई नहीं सुन रहा है सब मर्जी से कार्यवाही कर रहे हैं बोलने पर डाँट रहे हैं। जिससे ऐसा लगता है कि पुलिस हमारे कहे अनुसार कुछ नहीं कर रही है।