नकली घी कारोबारियों के खिलाफ आया एक और कठोर फैसला
नकली घी के कारोबारियों के खिलाफ ग्वालियर जिले में एक और बड़ा फैसला हुआ है। बुधवार को ग्वालियर के अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा एक आदेश पारित कर नकली घी के दो कारोबारियों पर कुल 22 लाख रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा दिए गए एक अन्य फैसलें में भी नकली घी के दो कारोबारियों पर कुल 20 लाख रूपए का अर्थदंड लगाया गया था। इस प्रकार खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर जिले में एक हफ्ते के भीतर ही 42 लाख रूपए का अर्थदंड लगाया जा चुका है। न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट श्री सतेन्द्र सिंह ने उक्त दोनों आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर जारी किए हैं।
ग्वालियर जिले में राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण और नकली घी के कारोबारियों पर अंकुश लगाने के मकसद से बीते तीन वर्ष से जिला प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में जिला कलेक्टर ने नकली घी के लगभग आधा दर्जन कारोबारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की थी। जिला प्रशासन ने घी सहित अन्य खाद्य पदार्थों की निर्माण इकाइयों पर अभियान बतौर और सतत रूप से छापामार कार्रवाई की है। घी व अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उनकी जाँच राज्य खाद्य प्रयोगशाला में कराई गई है। जाँच में जिन फर्मों के नमूने अमानक पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
अपर जिला दंडाधिकारी द्वारा पारित किए गए फैसले में नकली घी और मिथ्या छाप ब्राण्डों के घी कारोबारी महेश अग्रवाल पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 की विभिन्न धाराओं के तहत कुल मिलाकर बारह लाख रूपए का अर्थदंड लगाया गया है। इसी फैसले में दूसरे आरोपी एवं सर्वोत्तम मिल्क फूड प्रा. लि. मालनपुर के प्रबंधक पर कुल दस लाख रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है।